हर माह के 21 तारीख को सभी चिकित्सा संस्थानों में होगा परिवार नियोजन दिवस का आयोजन

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लोगों को जागरूक करते हुए नियोजन संबंधी सेवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित कराने का होगा प्रयास:
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन नियोजन संबंधी परामर्श व पंजीकरण का होगा इंतजाम:
परिवार नियोजन दिवस व मातृत्व अभियान की सफलता को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति ने दिया जरूरी दिशा निर्देश:

श्रीनारद मीडिया, अररिया, (बिहार):

वैश्विक महमारी के इस दौर में प्रजनन स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका विपरित असर पड़ा है। इससे मातृ-शिशु मृत्यु दर के प्रभावित होने की चुनौतियों को देखते राज्य स्वास्थ्य समिति आमजन को बेहतर मातृत्व-शिशु स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के प्रति प्रतिबद्ध है। इसके लिये परिवार नियोजन की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए नियोजन संबंधी विभिन्न उपायों के प्रति लोगों को जागरूक करने व योग्य दंपतियों को तत्क्षण इच्छित सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के उद्देश्य से सभी चिकित्सा संस्थानों में प्रत्येक माह के 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस के आयोजन का निर्देश राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दिया गया है। साथ ही प्रत्येक माह के 09 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के दिन एएनसी के लिये आने वाली महिलाओं को प्रसव के उपरांत बच्चे के जन्म में अंतराल व अनचाहे गर्भ से बचाव के लिये गर्भनिरोध से जुड़े विभिन्न संसाधनों जरूरी परामर्श उपलब्ध कराने को लेकर जरूरी दिशा निर्देश जारी किये गये हैं।

हर माह के 21 तारीख को मनाया जायेगा परिवार नियोजन दिवस:
राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संयज कुमार सिंह द्वारा जारी पत्र का हवाला देते हुए सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता ने बताया कि परिवार नियोजन संबंधी उपायों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिये प्रत्येक माह के 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस के रूप में मनाया जायेगा। इस विशेष दिन जिला से लेकर सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों के चिकित्सा संस्थानों में परिवार नियोजन सेवा संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जायेगा। सिविल सर्जन ने हालिया के अध्ययन का हवाला देते हुए बताया कि परिवार नियोजन सेवाओं को सुलभ बना कर अनचाहे गर्भ के मामले में 70 फीसदी, मातृत्व मृत्यु दर में 67 फीसदी नवजात मृत्यु दर में 77 फीसदी व प्रसव संबंधी जटिलता के मामलों में दो तिहाई कमी लायी जा सकती है। आम लोगों तक नियोजन सेवाओं की आसान पहुंच से असुरक्षित गर्भपात के मामलों में कमी आयेगी, मातृत्व व शिशु मृत्यु दर में गिरावट, एचआईवी संक्रमण से बचाव, महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ सामाजिक व आर्थिक विकास को तेज किया जा सकता है। विशेष दिवस के अलावा हर दिन नियोजन सेवाओं का संचालन पूर्ववत संचालित होगा। इस दिन नियोजन संबंधी विभिन्न विकल्पों में से ही अगर इच्छुक दंपति किसी एक का चयन करते हैं। तो तत्काल उन्हें ये सुविधा उपलब्ध कराने का सारा इंतजाम होगा। सरकारी अवकाश होने पर नियोजन दिवस का आयोजन इसके अगले दिन किया जायेगा।

सफल आयोजन के लिये हर स्तर पर अनुश्रवण व मूल्याकंन का होगा इंतजाम:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम रेहान अशरफ ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि सभी चिकित्सा संस्थानों पर आयोजित होने वाले इस विशेष दिवस का क्षेत्र में व्यापक प्रचार प्रसार कराया जायेगा। सभी स्थानों में आम लोगों के उचित परामर्श का इंतजाम होगा। आयोजन की सफलता को लेकर हर स्तर पर अनुश्रवण व मूल्याकंन का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा। जिला, अनुमंडल व रेफरल अस्पताल का क्षेत्रीय अपर निदेशक के माध्यम से अनुश्रवण किया जाना है। सिविल सर्जन, एसीएमओ पीएचसी व एचडब्ल्यूसी का सपोर्टिव सुपरविजन किया जाना है। नियोजन दिवस से संबंधित गतिविधियों को संकलित कर 22 तारीख को निर्धारित प्रपत्र के माध्यम से क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन व उनके माध्यम से 23 तारीख को राज्य स्तर पर भेजा जाना है। बेहतर सेवा प्रदाता कर्मियों को प्रोत्साहित करने के लिये उन्हें पुरस्कृत किया जायेगा। इसी तरह प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत हर माह के 09 तारीख को सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की काउंसिलिंग का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा। एएनसी जांच के लिये आने वाली महिला व उनके परिजन को नियोजन संबंधी उपायों के प्रति जागरूक करते हुए उनका पंजीकरण किया जायेगा। इच्छुक सेवाएं उन्हें प्रदान की जायेगी। इस संबंध में राज्य स्वास्थ्य समिति से प्राप्त दिशा निर्देश के आलोक में जिला स्वास्थ्य समिति इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित कराने के प्रयासों में जुट चुका है।

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