प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन मेला सह अंतरा कैंप का किया गया आयोजन
अवांछित गर्भधारण वृद्धि को रोकने में अस्थाई साधनों का अहम योगदान: सिविल सर्जन
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों सहित नक्सल प्रभावित और दियारा इलाके में रहने वाले लोगों को परिवार नियोजन सेवाओं के संबंध में जागरूकता बढ़ाने में आशा कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका: एमओआईसी
योग्य दंपतियों के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर की गई चर्चा: बीएचएम
श्रीनारद मीडिया, छपरा, (बिहार):
सारण जिले सहित विभिन्न प्रखंडों में “विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपती की शान’’ थीम के तहत जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा धूम धाम से मनाया जा रहा है। इसी बीच सारण जिला मुख्यालय से लगभग 40 किलों मीटर दूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कहे जाने वाले मकेर प्रखंड मुख्यालय स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन मेला सह अंतरा कैंप का आयोजन किया गया। इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोपाल कृष्ण, बीएचएम रत्नेश्वर कुमार पाण्डेय, बीसीएम विकास कुमार, बीएमएनई अमित कुमार, डब्ल्यू एच ओ के प्रखंड समन्यवक मंटू सिंह सहित क्षेत्र की आशा फेसिलेटेटर और आशा कार्यकर्ता मौजूद थी।
अवांछित गर्भधारण वृद्धि को रोकने में अस्थाई साधनों का अहम योगदान: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि परिवार नियोजन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित कराकर अवांछित गर्भधारण वृद्धि को आसानी से रोका जा सकता है। जिससे मातृ मृत्यु दर एवं नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य पर होने वाले प्रतिकूल प्रभाव को भी कम करने में सहूलियत होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए विगत 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया गया था। हालांकि जिलेवासियों को जागरूक करने के उद्देश्य से 31 जुलाई तक विभिन्न कार्यक्रमों के तहत परिवार नियोजन सेवाओं से संबंधित आयोजन किया जाएगा।
सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों सहित नक्सल प्रभावित और दियारा इलाके में रहने वाले लोगों को परिवार नियोजन सेवाओं के संबंध में जागरूकता बढ़ाने में आशा कार्यकर्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका: एमओआईसी
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मकेर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ गोपाल कृष्ण ने कहा कि स्थानीय प्रखंड क्षेत्र में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति लोगों के बीच जागरूकता उत्पन्न करने, परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी ग्रामीणों तक पहुंचाने तथा योग्य दंपतियों को इच्छानुसार सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से बल दिया जा रहा है। साथ ही जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान अन्य विभागों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से प्रखंड स्तर पर बैठक भी आयोजित किया जाएगा। ताकि सामुदायिक स्तर पर सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों सहित नक्सल प्रभावित और दियारा इलाके में रहने वाले लोगों को परिवार नियोजन सेवाओं के संबंध में जागरूक करने में आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका के अलावा जीविका दीदी एवं विकास मित्र सहित कई अन्य की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करना है।
योग्य दंपतियों के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर की गई चर्चा: बीएचएम
मकेर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक रत्नेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि विकसित भारत की नई पहचान, परिवार नियोजन हर दंपती कि शान थीम को लेकर स्थानीय स्वास्थ्य संस्थान में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्र की योग्य दंपतियों के साथ कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। जिसमें मुख्य रूप से मां एवं बच्चों के स्वास्थ्य को परिवार नियोजन के माध्यम से कैसे स्वस्थ्य रखा जाए से संबंधित विस्तृत जानकारी दी गई। वहीं युवतियों की शादी की उम्र 18 वर्ष, पहला बच्चा 20 साल के बाद, दो बच्चों में तीन साल का अंतर एवं दो बच्चों के बाद स्थाई साधन एवं नए योग्य दंपतियों के लिए अस्थायी साधन के इस्तेमाल पर चर्चा की गयी। ताकि मां एवं बच्चों की सेहत ठीक रहे। साथ ही देश में बढ़ती जनसंख्या को कम किया जा सके।
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