परिवार नियोजन- बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 12 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण 

परिवार नियोजन- बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 12 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण

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जनसंख्या वृद्धि रोकने में परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार अति आवश्यक: सिविल सर्जन

पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में सबसे सहज: एमओआईसी

श्रीनारद मीडिया, सिवान (बिहार):


राज्य सहित जिले में लगातार बढ़ रही जनसंख्या के कारण गरीबी, बेराजगारी तथा महंगाई के अलावा कई प्रकार की समस्याएं दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। ऐसी स्थिति से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण करना अतिआवश्यक है। जिसको लेकर परिवार नियोजन के स्थायी समाधान के लिए महिला और पुरुषों को बंध्याकरण कराना बेहद जरूरी है। बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में 12 महिलाओं का बंध्याकरण किया गया। जबकि दिसंबर महीने में कुल 62 महिलाओं का बंध्याकरण कराया जा चुका है।

इस अवसर पर स्थानीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन, डॉ सुभांगी श्रीवास्तव, प्रभारी बीएचएम सह बीसीएम सरफराज अहमद, एफआरएचएस के बीसी सुड्डू कुमार राय, शल्य कक्ष सहायक मनोज कुमार, लैब टेक्नीशियन लव कुमार, एएनएम चांदनी कुमारी, शोभा कुमारी और पिंकी कुमारी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।

जनसंख्या वृद्धि रोकने में परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार अति आवश्यक: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि
देश में बाल-विवाह पर कारगर कानूनी रोक लगाने के साथ ही युवक और युवतियों को जागरूक होने की आवश्यकता है। जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए परिवार नियोजन के विभिन्न कार्यक्रमों का प्रचार-प्रसार अति आवश्यक है। परिवार नियोजन कार्यक्रम को जन आंदोलन का रूप दिया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्थानीय जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ग्रामीणों को जागरूक करने के उद्देश्य से सामुदायिक भवन और बस स्टैंड सहित हर जगह बैनर, पोस्टर, प्रचार गाड़ी के अलावा सोशल मीडिया के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं के सहयोग से समय- समय पर अस्पतालों में बंध्याकरण कराने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाता है। साथ ही बंध्याकरण कराने वाली महिला या पुरुषों को आर्थिक लाभ भी दिया जाता है।

 

पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में सबसे सहज: एमओआईसी
बसंतपुर सीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने बताया कि स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी दंपत्तियों को परिवार नियोजन की सभी प्रकार की विधि विशेषकर अस्थायी विधि की जानकारी दी जाती है। जिससे कि लोग इसका लाभ उठा सकें। अस्थायी विधि का उपयोग कर लोग पहले बच्चे तथा दूसरे बच्चे के बीच अंतर रख सकते हैं। इसके अलावा परिवार नियोजन परामर्श केंद्र द्वारा लोगों को स्थायी विधि के रूप में पुरुष नसबंदी की भी जानकारी दी जाती है। क्योंकि पुरुष नसबंदी महिला बंध्याकरण की तुलना में सबसे सहज और आसान है। इससे पुरुषों की पौरुषता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। स्थानीय अस्पताल में स्थायी व अस्थायी साधन हर समय उपलब्ध रहता है। अस्थायी साधन के रूप में अंतरा इंजेक्शन, कॉपर-टी, छाया, माला-एन, इजी पिल्स, कंडोम आदि परिवार नियोजन परामर्श केंद्र में ही दंपतियों को उपलब्ध करा दी जाती है। उसके इस्तेमाल और सावधानियों की जानकारी समन्वयक, आशा एवं एएनएम के द्वारा दी जाती है।

बंध्याकरण एक प्रकार की सरल प्रक्रिया: प्रभारी बीएचएम
बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी अस्पताल प्रबंधक सह बीसीएम सरफराज अहमद ने कहा कि बांध्यकरण अब पहले की अपेक्षा एक मामूली तथा साधारण सी शल्य क्रिया है। लेकिन पुरुषों को शल्यक्रिया के पश्चात कोई भी काम कर सकते है। यदि शल्य क्रिया के बाद तेज बुखार, अत्यधिक या लगातार रक्त स्राव, सूजन या दर्द होता हो, तो तत्काल संबंधित चिकित्सकों से सलाह लेनी चाहिए। बता दें कि पुरुष नसबंदी सबसे अधिक सुरक्षित और सरल होती है। महिला बंध्याकरण में लाभार्थियों को दो हजार रुपए एवं पुरुष नसबंदी में तीन हजार रुपये दी जाती है।

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