भारत के चर्चित कैशकांड जहाँ मिले है अरबों के नोट!
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ओडिशा और झारखंड स्थित ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी चल रही है. इस छापेमारी में अबतक 300 करोड़ कैश बरामद किए जा चुके है. नोटों की गिनती अभी भी जारी है. लेकिन, क्या आज से पहले भी इतनी बड़ी मात्रअ में कैश किसी छापेमारी में बरामद हुआ है. अगर हां तो कौन सा और अगर नहीं तो इसके बाद कौन?
बता दें कि आयकर विभाग की अभी जो कार्रवाई चल रही है इससे अभी तक का सबसे बड़ा कैशकांड बताया जा रहा है. धीरज साहू के कई ठिकानों से अभी तक 300 करोड़ कैश मिलने की सूचना है. साथ ही अभी भी भारी मात्रा में कैश मिलने का अनुमान जताया जा रहा है. ऐसे में कुल कितना कैश बरामद किया जाता है यह तो आयकर विभाग के आधिकारिक बयान के बाद ही पता चलेगा लेकिन, अगर यह आंकड़ा 210 करोड़ को पार कर चुका है तो यह सबसे बड़ा कैश स्कैम होगा.
कानपुर का एक बिजनेसमैन, स्कूटर से चलता था लेकिन पान मसाला निर्माताओं को इत्र की आपूर्ति करने वाले कानपुर के व्यवसायी पीयूष जैन भारत की अब तक की दूसरी सबसे बड़ी नकदी बरामदगी को छिपा रहे थे. उनके घर और कार्यालय से 200 करोड़ रुपये से अधिक नकद और सोना जब्त किया गया था. पीयूष जैन के घर और फैक्ट्री से 194 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी के अलावा दुबई की संपत्ति के दस्तावेज भी मिले हैं. 177 करोड़ की नकदी उनके कानपुर स्थित घर से मिली और बाकी – 17 करोड़ – उनकी कन्नौज स्थित फैक्ट्री से जब्त की गई थी.
आयकर विभाग में तमिलनाडु में साल 2018 में छापेमारी की. रोड कंस्ट्रक्शन फर्म के यहां हुई छापेमारी हुई जिसमें करीब 163 करोड़ कैश बरामद हुए थे. अधिकारियों ने जानकारी दिया था कि अब तक की सबसे बड़ी बरामदगी में से एक में, आयकर (आईटी) विभाग ने तमिलनाडु में एक सड़क निर्माण कंपनी के कई परिसरों पर छापेमारी के बाद 163 करोड़ रुपये नकद जब्त किया है.
आयकर विभाग ने साल 2022 में 1 से 8 अगस्त तक महाराष्ट्र में एक छापेमारी की. एक स्टील, कपड़ा व्यापारी और रियल एस्टेट डेवलपर के परिसरों पर छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने 390 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की थी, जिसमें 58 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 32 किलो सोना शामिल था. आयकर विभाग की नासिक विंग ने अगस्त 2022 के पहले सप्ताह में जालना और औरंगाबाद शहरों में एक उद्योगपति के कार्यालयों और आवासों पर तलाशी ली थी. कहा जाता है कि यह भी भारत के सबसे बड़े कैश जब्ती में से एक था.
पांचवे नंबर पर नाम है पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी का. शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में जब अधिकारियों ने इनके आवास पर छापेमारी की तो उन्हें करीब 50 करोड़ रुपए कैश बरामद किए थे. इस मामले में उन्हें गिरफ्तार भी किया गया है. पश्चिम बंगाल एसएससी घोटाले के सिलसिले में निलंबित मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के अपार्टमेंट से 50 करोड़ रुपये नकद बरामद करने के बाद वित्तीय जांच एजेंसी ने इतिहास में नकदी की सबसे बड़ी जब्ती में से एक है.
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