जैविक खेती कर लाखों कमाने वाले किसान मुकेश कुमार बने किसानों के आइकॉन
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिला के बड़हरिया प्रखंड के मलिकटोला के युवा किसान मुकेश कुमार उन युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं जो खेती में अपना करियर बनाना चाहते हैं।परंपरागत खेती छोड़कर अत्याधुनिक खेती अपनाने वाले युवा किसान मुकेश कुमार मिश्रित व समेकित खेती से प्रति माह करीब एक लाख रुपये कमा रहे हैं और क्षेत्र के किसानों के आइकॉन बन चुके हैं। सद्भावना सब्जी उत्पादन कृषक हित समूह मलिकटोला के अध्यक्ष मुकेश कुमार सब्जी की खेती के साथ ही मत्स्य पालन व पशुपालन भी करते हैं।
कृषि विभाग के सहायक तकनीकी प्रबंधक सतीश सिंह ने बताया कि मुकेश कुमार के पास अत्याधुनिक खेती के तमाम संसाधन मौजूद हैं।उनके पास कृषि फीडर,हर खेत में विद्युत संचालित बोरिंग, ड्रिप व स्प्रेंकलर,ट्रैक्टर व हर खेत खेत में ट्रैक्टर जाने का रास्ता आदि मौजूद है। किसान श्री पुरस्कार, किसान अभिभव पुरस्कार, यशस्वी किसान सम्मान आदि से सम्मानित मुकेश कुमार के पास पोली हाउस व नेट हाउस भी है जिससे मुकेश बेमौसम मनचाही सब्जियों का उत्पादन करते हैं। चिलचिलाती धूप व भीषण गर्मी में भी मुकेश कुमार सब्जी के खेतों में नजर आते हैं.
आज के डेट में मुकेश कुमार पांच एकड़ में जैविक खेती के जरिये गोभी, लौकी, खीरा, शिमला मिर्च सहित अन्य सब्जियों की खेती कर लाखो रुपए का स्वयं का रोजगार कर रहे हैं। युवा किसान मुकेश कुमार ने बताया कि इस प्रचंड गर्मी में सब्जी उत्पादन में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लगातार सिंचाई की जरुरत पड़ रही है. यदि पंपसेट से सब्जी का उत्पादन करना होता तो उतना मुनाफा नहीं हो पाता।और खेती घाटे का सौदा बन गयी है. दरअसल वे इलेक्ट्रिक पंप से सिंचाई करते हैं. वे कहते हैं कि इस मौसम में सब्जी की खेती करना सामान्य किसान के बस की बात नहीं है।
क्योंकि इतनी गर्मी में नलकूप का जलस्तर काफी नीचे चला गया है। नमी बनाए रखने के लिए प्रति दिन सिंचाई करना पड़ रहा है.उन्होंने बताया कि जंगली जानवर जैसे- वनसुअरा, बंदर,नीलगाय आदि से भी सब्जी की खेती करने में दिक्कतों का सामना पड़ता है।यह अपने आप में एक चुनौती है। प्रगतिशील मुकेश कुमार ने कहते हैं कि सब्जी की खेती के लिए कड़ी मेहनत के अलावा तत्परता व सजगता आवश्यक है।
उनकी सब्जी मीरगंज, कुसौंधी,सीवान सहित अन्य बाजारों में पहुंचती है.वे प्रतिदिन अहले सुबह सीवान व अन्य जगहों के व्यापारी पिकअप व टेम्पो से सब्जी लेकर चले जाते हैं। उन्होंने सिंचाई के लिए बिजली का कनेक्शन ले रखा है व कृषि विभाग द्वारा अनुदान पर इलेक्ट्रिक पंपसेट ले कर उसी से सिंचाई की जाती है।उन्होंने बताया कि वे सिंचाई में पानी की बचत के लिए ड्रिप (टपका) और स्प्रींकलर (फौहारा) सिंचाई का प्रयोग करते हैं।
नतीजतन उनका खर्च बहुत कम आता है। किसानश्री मुकेश कुमार का कहना है कि उन्होंने अभी तक सिंचाई के लिए एक रुपया का भी डीज़ल नही खरीदा है। बहरहाल, कृषि के क्षेत्र में कई सम्मानों से सम्मानित मुकेश कुमार लगन, मेहनत व तन्मयता से सब्जी उत्पादन से अच्छी आमदनी कर रहे हैं।
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