दो तरफा मार खा रहे हैं किसान
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, अमनौर, सारण (बिहार)
सारण जिले के अमनौर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में जहां एक तरफ किसानों की खाद कि किलत से लहराती हुई फसल बर्बाद हो रही है वहीं दूसरी तरफ फसल को नीलगाय द्वारा चट किया जा रहा है। सरकार द्वारा चलाई गई महा कांगची योजना धरातल पर नहीं उतर रही है।
क्योंकि कि सरकारी अधिकारी का ध्यान आकृष्ट.नहीं हो रहा है जहां एक तरफ देश के प्रधानमंत्री किसानों को दुगनी आमदनी को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं वही सरकारी अधिकारी हाथ पर हाथ रखकर ऑफिस में बैठे नजर आ रहे हैं।
जहां एक तरफ किसानों को यूरिया की किमत 270 रू. निर्धारित है वाह यूरिया 400 से ₹500 में खुलेआम बाजारों में बिक रही है जिन किसानों को अन्नदाता भगवान के रूप में जाना जाता है वह किसान अधिकारियों के कमीशन के चक्कर में अपने खेती छोड़ने पर विवश है।
जहां एक तरफ किसान कभी खाद्य किलर कभी बाढ की समस्या कभी मौसम की मार कभी आवारा पशुओं की मार झेलते हुए भी खेती कर रहे हैं लेकिन इन किसानों की समस्या को सुनने के लिए कोई भी अधिकारी नजर नहीं आ रहे हैं किसान भगवान भरोसे खेती करने पर विवश है।
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