2001 से प्रत्येक वर्ष मनाया जा रहा है किसान दिवस,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत में 23 दिसंबर के दिन को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी। भारत सरकार ने वर्ष 2001 में चौधरी चरण सिंह के सम्मान में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। उन्होंने 1979 और 1980 के बीच प्रधानमंत्री के पद पर कार्य किया।
इसके अलावा, यह दिन भारतीय किसानों के योगदान के सम्मान में और देश में उनके महत्व को गौरवान्वित करने के लिए मनाया जाता है। इस वर्ष, तीन विवादास्पद कृषि कानूनों की वापसी की पृष्ठभूमि में यह दिवस मनाया जा रहा है। चौधरी चरण सिंह के कारण ही देश में जमींदारी प्रथा खत्म हुई थी। वो देश के जानेमाने किसान नेता थे, जिनका राष्ट्रीय राजनीति में अहम योगदान रहा है।
चौधरी चरण सिंह द्वारा तैयार किया गया जमींदारी उन्मूलन विधेयक राज्य के कल्याणकारी सिद्धांत पर आधारित था। इसके कारण ही उत्तर प्रदेश में एक जुलाई 1952 को जमींदारी प्रथा खत्म हुई थी और गरीबों को उनका अधिकार मिला था। चौधरा चरण सिंह ने 1954 में किसानों के लिए उत्तर प्रदेश भूमि संरक्षण कानून को पारित कराया और तीन अप्रैल 1967 को वो यूपी के सीएम बने। इसके बाद उन्होंने 17 अप्रैल 1968 को पद से इस्तीफा दे दिया था और राज्य में दोबारा चुनाव करवाए गए। इन चुनावों में उन्हें जीत हासिल हुई और वो दोबारा 17 फरवरी 1970 को प्रदेश के सीएम बने।
चौधरी चरण सिंह का जन्म 1902 में नूरपुर, मेरठ, उत्तर प्रदेश में एक मध्यमवर्गीय किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने 1923 में विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की, इसके बाद 1925 में आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। वह कानून के प्रैक्टिशनर भी थे और देश के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भागीदार थे। एक मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे चौधरी चरण सिंह देश के किसानों से गहरे जुड़े हुए थे और ग्रामीण भारत के लिए काम करना चाहते थे।
पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन पर मनाया जाता है किसान दिवस। पूर्व पीएम ने किसानों के हित में उठाए थे कई कल्याणकारी कदम।
23 दिसंबर 1978 को किसान ट्रस्ट की हुई थी स्थापना।
23 दिसंबर को ‘किसान दिवस’ है। जो दर्शाता है भारत में किसानों के लिए एक खास दिन समर्पित है। देश में 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि अन्नदाता की वजह से ही देश कभी भूखा नहीं रहता।
किसानों के सम्मान और उनके प्रति अपना आभार प्रकट करने के लिए इस दिन को ‘किसान दिवस’ के रूप में मनाता है। इस दिन का पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह से भी खास कनेक्शन है।
लागू की कल्याणकारी नीतियां :
23 दिसंबर के ही के दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था, जिन्होंने किसानों के कल्याण और उनकी स्थितियों को सुधारने के लिए कई नीतियों की शुरुआत की थी। आपको बता दें कि चौधरी चरण सिंह जुलाई 1979 और जनवरी 1980 तक पांचवें प्रधानमंत्री के तौर पर देश की सेवा की।
किसानों के लिए किए कई काम :
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन को किसान दिवस के रूप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि उन्होंने किसानों के हित में कई कल्याणकारी काम किए। इसकी शुरुआत उन्होंने प्रधानमंत्री बनने से पहले ही कर दी थी।
चौरण चरण सिंह ने उठाए बड़े कदम
– 1949 विधानसभा में कृषि उत्पादन बाजार विधेयक पेश किया
– 1952 में कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया
– 1953 में जमींदारी प्रथा को समाप्त कर दिया
– 23 दिसंबर 1978 को किसान ट्रस्ट की स्थापना की
लोगों को किया जाता है जागरूक :
इस दिन किसान दिवस के रूप में मनाने के साथ ही राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में किसानों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक किया जाता है। किसानों और अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में लोगों को शिक्षित किया जाता है। इसके लिए कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
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