मौसम की मार झेलते रहे किसान अब यूरिया की किल्लत से जूझने को मजबूर
श्रीनारद मीडिया, सीवान(बिहार):
सीवान जिले के किसान कड़ी मेहनत के बावजूद अपनी लागत के अनुरूप फसल नहीं उपजा पाते हैं.किसानों का कहना है कि किसान अपनी कड़ी मेहनत कर खेतो में फसल तो उगाते हैं। लेकिन मौसम की मार से उनकी मेहनत पर पानी फिर जाता है।कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ तो कभी उम्मीद से अधिक बेमौसम बारिश से किसानों के फसल बर्बाद हो जाती है।
अलबत्ता सरकार द्वारा किसानों के लिए ढेर सारी सब्सिडी और सहायता की व्यवस्था भी की गयी है। लेकिन जरूरतमंद किसानों तक सरकारी लाभ नहीं पहुंच पाता है। सीवान जिले के जामो थाना क्षेत्र के किसान आजकल यूरिया की अनुलब्धता और कालाबाजारी का शिकार हैं। गेहूं की फसल बोने और अब रबी की फसल में यूरिया डालने का समय आया तो यूरिया की कालाबाजारी जारी है।
इस बार तो जिले के बाजारों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया तो उपलब्ध है । सरकार और प्रशासन द्वारा कालाबाजारी रोकने के लिए आधार कार्ड और बायोमैट्रिक तरीके से यूरिया की खरीदारी करने की फरमान जारी किया गया है। फिर भी कुछ जगहों पर की इसकी कालाबाजारी रुक नहीं पायी है।
वहीं समय से बारिश नहीं होने और नहरों की शाखाओं में पानी नहीं के कारण किसान पम्पसेट के सहारे खेतो की सिंचाई करने को विवश हैं।सरकार पहले डीजल अनुदान के नाम पर किसानों को कुछ सहायता मुहैया कराती थी।लेकिन अब अनुदान नहीं मिलने से सिंचाई में भारी खर्च उठाना पड़ रहा है।
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