फाइलेरिया उन्मूलन अभियान: शहरी क्षेत्र सहित जिले के 13 प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे की हुई शुरुआत
लक्ष्य को पूरा करने में हम सभी की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन
एनबीएस अभियान में सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मिल रहा सहयोग: डीवीबीडीसीओ
श्रीनारद मीडिया, सिवान, (बिहार):
फाइलेरिया बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। हालांकि हाथीपांव जैसी लाइलाज बीमारी के उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ, पिरामल स्वास्थ्य, सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) एवं पीसीआई जैसे सहयोगी संगठनों द्वारा सामुदायिक स्तर पर सहयोग किया जा रहा है। जिसको लेकर शहरी क्षेत्र के अलावा जिले के सभी चयनित प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) अभियान की शुरुआत की गयी है। जिसका विधिवत उद्घाटन चयनित स्थलों पर संबंधित प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम सहित पंचायत जनप्रतिनिधियों के द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
इस मौके पर विभागीय पदाधिकारी सहित पिरामल स्वास्थ्य, सीफार और पीसीआई सहित स्थानीय आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा कार्यकर्ता शामिल हुई।
लक्ष्य को पूरा करने में हम सभी की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार भट्ट ने बताया कि जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता के द्वारा विगत बैठक के दौरान फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत आगामी 10 फरवरी 2024 से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) की शतप्रतिशत सफ़लता को लेकर नाइट ब्लड सर्वे के आयोजन में स्थानीय स्तर पर पंचायत जनप्रतिनिधि, आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण होने के कारण आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया था। जिसके आलोक में तय समय सीमा के अंदर शत-प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं, स्थानीय स्तर पर शहरी क्षेत्र के वार्ड पार्षद के अलावा पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ ही आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण मानी जाती है।
एनबीएस अभियान में सहयोगी संस्थाओं के प्रतिनिधियों का मिल रहा भरपूर सहयोग: डीवीबीडीसीओ
जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ मणिराज रंजन ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों के चयनित गांवों में नाइट ब्लड सर्वे अभियान की शुरुआत की गई है। रात्रि के 08:30 बजे से 12 बजे तक रक्त संग्रह कार्य किया गया। रक्त संग्रह करने के लिए प्रत्येक प्रखंड से दो-दो गांवों का चयन किया गया है। नाइट ब्लड सर्वे के दौरान एक साइट पर 20 वर्ष से अधिक उम्र के 300 लोगों की जांच करने के लिए विभागीय स्तर पर गठित टीम कार्य कर रही है। नाइट ब्लड सर्वे में स्वास्थ्य विभाग को सहयोग करने वाली सहयोगी संस्थाओं में डब्ल्यूएचओ, पिरामल स्वास्थ्य एवं सीफार के अलावा विभिन्न प्रखंडों के पंचायत जनप्रतिनिधियों द्वारा पर्यवेक्षण कार्यो में सहयोग किया जा रहा है। नाइट ब्लड सर्वे के दौरान यह ख्याल रखा जा रहा है कि एक भी स्लाइड बर्बाद नहीं हो। वहीं इसके प्रबंधन एवं त्वरित जांच के लिए भी विभागीय स्तर पर इंतजाम किया गया है। नाइट ब्लड सर्वे की रिपोर्ट के बाद फाइलेरिया के संक्रमण स्तर का पता लगाया जा सकेगा। जिसके आधार पर सर्वजन दवा सेवन अभियान को चलाया जाएगा।
जिले के विभिन्न चयनित स्थलों पर रक्त के लिए गए नमूने: राजेश कुमार
वेक्टर जनित नियंत्रण पदाधिकारी (वीडीसीओ) राजेश कुमार ने बताया कि मच्छर के काटने से होने वाला फाइलेरिया एक संक्रामक बीमारी है जिसे सामान्यतः हाथीपांव के नाम से भी जाना जाता। जिसको जड़ से मिटाने के उद्देश्य से सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम का 10 फरवरी से आगाज होने वाला है। लेकिन इसके पहले माइक्रो वैक्टेरिया की जांच के लिए आंदर, बड़हरिया, दरौली, दरौंदा, गोरेयाकोठी, गुठनी, हसनपुरा, लकड़ी नबीगंज, मैरवा, पचरुखी, सिसवन, जीरादेई के अलावा सिवान सदर और शहरी क्षेत्रों में ग्रामीणों से रक्त के नमूने संग्रह किये गये हैं। लक्ष्य को शतप्रतिशत पूरा करने के लिए अधिक से अधिक रक्त का नमूना संग्रह करने में अपने-अपने कार्यों का निर्वहन ईमानदारी के साथ करने की आवश्यकता है।
नाइट ब्लड सर्वे में स्थानीय लोगों ने ठंड होने के बावजूद दिखाई अपनी रुचि: पिरामल स्वास्थ्य
पिरामल स्वास्थ्य के जिला प्रतिनिधि कुंदन कुमार ने बताया कि जिले के बसंतपुर, भगवानपुर हाट, महाराजगंज, हुसैनगंज और नौतन प्रखंड को छोड़कर शेष बचे प्रखंडों में चार दिवसीय (20 से 23) तक होने वाले नाइट ब्लड सर्वे कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। स्वास्थ्य विभाग ने चयनित स्थलों पर चार सदस्यीय टीम के द्वारा 300 लोगों से रक्त के नमूने लिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस दौरान चयनित स्थलों पर हो रहे हुए नाइट ब्लड सर्वे में स्थानीय लोगों ने ठंड होने के बावजूद अपनी रुचि दिखाई है। दरअसल जिलेवासियों के द्वारा नाइट ब्लड सर्वे को उत्सव के रूप में मनाया जा रहा है। इसके लिए विशेष रूप से चयनित सत्र स्थलों पर कई दिनों से स्थानीय आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी सेविका सहित जनप्रतिनिधियों के द्वारा जागरूकता अभियान चलाया गया है।
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