जल संसाधन के 4 इंजीनियर और 1 ठेकेदार पर FIR
6.89 करोड़ के टेंडर में बड़ा घोटाला, 400 पन्ने में तैयार की गई FIR
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने जल संसाधन विभाग के 4 इंजीनियरों और एक ठेकेदार पर कानूनी शिकंजा कसा है। कई दिनों के जांच के बाद इनके ऊपर वित्तिय अनियमितता के मामले में FIR दर्ज किया है। यह जानकर हैरानी होगी कि FIR 400 पन्ने की है। दरअसल, पूरा मामला मधुबनी जिले के झंझारपुर का है। वहां सुगर्वे नदी की उड़ाही होनी थी।इसके लिए जल संसाधन विभाग के समस्तीपुर डिवीजन के द्वारा 6,89,88,891 का बजट पास किया गया था। इसमें ठेकेदार के साथ मिलकर बड़े स्तर पर घोटाला किया गया। जब यह बात सामने आई तो पटना स्थित निगरानी मुख्यालय में शिकायत की गई। साथ ही विभाग की तरफ से जांच कराने और फिर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की गई। इसके बाद ही निगरानी की टीम पटना से झंझारपुर गई। वहां जांच की।
सभी इंजीनियर की पोस्टिंग पहले वहां थी
अपनी जांच में निगरानी ने जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण डिवीजन-1 के जिन इंजीनियरों को दोषी पाया है, वो सभी तत्कालीन हैं। मतलब उनकी पोस्टिंग पहले वहां थी, अब नहीं है। इनमें तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विमल कुमार, तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर प्रिय शंकर अप्पू, तत्कालीन असिस्टेंट इंजीनियर आदित्य प्रकाश व तत्कालीन जूनियर इंजीनियर रामविनय चौधरी शामिल हैं। इनके साथ साजिश में ठेका लेने वाली बेगूसराय की कंपनी गोलू ऑटोमोबाइल एंड कन्स्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को इस केस में नामजद किया गया है। साथ ही कुछ अन्य भी शामिल हैं।
निगरानी ने IPC की धारा 409/420/467/468/120 (बी) और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट की धारा-13 (2), 13 (1) (a) का इस्तेमाल करते हुए FIR नंबर 25/23 दर्ज किया है। निगरानी मुख्यालय के अनुसार इस मामले में झंझारपुर के भ्रष्टाचार निर्मूलन समिति के अध्यक्ष दिनेश महतो की तरफ से एक परिवाद भी कोर्ट में दाखिल किया गया था। उस आधार पर भी इस मामले में जांच हुई। अब इस मामले में निगरानी की टीम ने अपनी जांच शुरू कर दी है। केस में नामजद इंजीनियरों और ठेकेदार के खिलाफ सबूत जुटाने की कार्रवाई शुरू हो गई है।
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