गोरेयाकोठी प्रखंड प्रमुख, प्रमुख पति और पचास लोगों पर प्राथमिकी दर्ज
मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के हंगामा और उपद्रव करने का
प्रखंड प्रमुख नसीमा खातून, प्रमुख पति आशिक अली, भिट्ठी पंचायत की मुखिया नूतन देवी के पुत्र विवेक कुमार उर्फ हनी वर्मा और राजेश साह उर्फ मंटू शाह नामजद करार
श्रीनारद मीडिया, सीवान (बिहार):
सीवान जिले के गोरेयाकोठी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के निरीक्षण के दौरान प्रखंड प्रमुख के पति द्वारा किया गया हंगामा और उपद्रव तूल पकड़ता जा रहा है। स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी ने इस संबंध में चार नामजद सहित पचास अज्ञात लोगों के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी है।
क्या है मामला
बताते चले कि गत दिनों प्रमुख नसीमा खातून पति आसिक अंसारी और करीब 50 लोगों के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में घुसीं और दिन में लगभग एक बजे निरीक्षण के नाम पर समर्थकाें के साथ हो-हल्ला मचाया। प्रमुख के समर्थकों ने हेल्थ मैनेजर विनोद कुमार से तू- तू मैं- मैं भी की।
हद तो तब हो गई कि जब सूचना के बाद पहुंचे प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. सुबोध कुमार की कुर्सी पर बैठकर प्रमुख के पति ने प्रभारी चिकित्सा प्रभारी को ही हड़काना शुरू कर दिया।
प्रमुख और उनके समर्मकों का कहना है कि प्रभारी चिकित्सा प्रभारी एडवांस अटेंडेंस बनाकर ड्यूटी से गायब थे। जांच में मामला सामने आने पर उन्होंने मौके पर आकर माफी भी मांगी और रजिस्टर पर लिखित रूप से भी बताया कि मुझसे गलती हुई है।
प्रखंड प्रमुख और उनके पति ने क्या कहा
प्रखंड प्रमुख ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्वास्थ्य सेवा बहुत ही लचर है। यहां कोई किसी को देखने व पूछने वाला नहीं है। स्वास्थ्यकर्मी मनमानी करते हैं। स्वास्थ्य प्रबंधक भी अस्पताल में आने वाले लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं। इस पूरे मामले की जानकारी अपर समाहर्ता, सिविल सर्जन, पुलिस अधीक्षक, बीडीओ, थानाध्यक्ष व मुख्यमंत्री काे दी गई है। प्रखंड प्रमुख नसीमा खातून पति आसिक अंसारी ने कहा कि चिकित्सका पदाधिकारी द्वारा ही मुझे कुर्सी पर बैठने के लिए कहा गया लेकिन इसे राजनीतिक साजिश के तहत मुझपर गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
क्या है विभाग का आदेश
पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने पूर्व में सभी जिला पदाधिकारी को पत्र भेजकर स्पष्ट आदेश दिया है कि त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं व ग्राम कचहरी के निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि बैठक में भाग लेने के लिए अपने स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को मनोनीत नहीं कर सकती हैं। उन्होंने इस आदेश का कड़ाई से पालन करने का आदेश दिया था।
विभाग के आदेश का कितना होता है पालन
जिले में कहीं भी प्रधान सचिव के आदेश का अनुपालन नहीं होता है। जिला से लेकर प्रखंडों और पंचायतों में जहां भी त्रिसतरीय पंचायत में किसी भी पद पर महिला विजयी हुई है जैसे, जिला पार्षद, प्रखंड प्रमुख, मुखिया, सरपंच, बीडीसी, वार्ड निर्वाचित हुई है वहां उनके पति, ससुर, पुत्र ही कार्य करते हैं स्थानीय अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हैं और समीक्षा बैठक भी करते हैं। भले ही जिलास्तरीय बैठक में महिला जनप्रतिनिधि शामिल होती है लेकिन निचले स्तर पर आदेश का नहीं होता है पालन।
चार नामजद सहित 50 अज्ञात पर की गयी एफआईआर
गोरेयाकोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ सुबोध कुमार ने सरकारी कार्यों में बाधा पहुंचाने और दुर्व्यवहार करने के मामले में गोरेयाकोठी की प्रखंड प्रमुख, प्रमुख पति सहित चार लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई है।
पुलिस ने प्राथमिकी में जिन लोगों को नामजद किया है उनमें प्रखंड प्रमुख नसीमा खातून, प्रमुख पति आशिक अली, भिट्ठी पंचायत की मुखिया नूतन देवी के पुत्र विवेक कुमार उर्फ हनी वर्मा और राजेश साह उर्फ मंटू शाह के नाम शामिल है। इसके अलावा 50 अज्ञात पर भी केस किया गया है। गोरेयाकोठी थाना प्रभारी ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद से जांच प्रारंभ करा दिया है।
पुलिस को दिए गए आवेदन में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने उल्लेख किया है कि निरीक्षण के दौरान गोरेयाकोठी प्रमुख नसीमा खातून के पति और जामो थाना क्षेत्र के जगदीशपुर गांव निवासी आशिक अली क्रमशः मेडिकल ऑफिसर और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी की कुर्सी पर बैठ गए। जिस पर मेरे द्वारा जब आपत्ति दर्ज कराया गया तो दोनों अनाप-शनाप बोलने लगे। इस दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से जबरन माफी मंगवाया गया। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने पुलिस को बताया कि भिठ्ठी गांव निवासी धमेंद्र कुमार वर्मा के पुत्र विवेक कुमार उर्फ हन्नी वर्मा द्वारा जान से मारने की धमकी दी गयी। मालूम हो कि हनी बर्मा की माता नूतन देवी भीठी पंचायत की मुखिया है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अनुसार प्रमुख पति के साथ पहुंचा गोरेयाकोठी निवासी राजेश साह उर्फ मंटू साह हिस्ट्रीशीटर है। उन्होंने कहा है कि प्रमुख के निरीक्षण के दौरान रोकड़ पंजी, तथा लेखा जोखा की मांग किया गया। जिस पर आपत्ति दर्ज करायी गयी तो इन लोगों ने चिकित्सकों को अनुपस्थित करने लगे। इस दौरान कहा गया कि आप लोगों को अनुपस्थित करने का अधिकार नहीं है। इस पर प्रमुख पति भड़क गए और अनाप सनाप बोलने लगे। इस दौरान वीडियो बनाये जाने लगे और मुझसे जबरन काफी मंगवाया गया। इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया गया है। साथ ही इन लोगों ने सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न किया। अपने आवेदन में कहा है कि अगर भविष्य में अस्पताल में किसी भी कर्मी की हत्या होती है तो इसकी सारी जवाबदेही इन चारों लोगों की होगी।
घटना की जानकारी होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे सीएस
गोरेयाकोठी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रखंड प्रमुख के निरीक्षण के दौरान हुई हंगामा और उपद्रव की सूचना मिलने पर शनिवार की दोपहर सिविल सर्जन डॉ यदुवंश कुमार शर्मा ने पहुंचकर घटना की जानकारी ली।
इसके बाद सीएस ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, सभी चिकित्सकों और कर्मियों के साथ बैठक की। बैठक के समाप्ति के बाद सीएचसी का निरीक्षण किया। घंटो देर तक चले बैठक में सिविल सर्जन ने कहा कि किसी भी अस्पतालों में कर्मियों को भयभीत करने वालों पर कार्रवाई होगी। सभी लोग निष्ठापूर्वक और बिना डर के कर्तव्यों का पालन करे। अगर आपके काम में कोई व्यवधान डालता है तो भयभीत न हो। इसकी सूचना जरूर वरीय पदाधिकारियों को दें।
क्या कहती हैं प्रखंड प्रमुख के विपक्षी सदस्य
गोरेयाकोठी प्रखंड प्रमुख के विपक्षी, प्रखंड प्रमुख प्रत्याशी व सतवार पंचायत के बीडीसी सदस्य अनुराधा सिंह ने कहा कि प्रमुख को निरीक्षण करने का अधिकार है लेकिन किसी पदाधिकारी के मर्यादा और उसके अधिकार क्षेत्र में दखल देना नहीं है। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान प्रमुख पति और उनके समर्थकों का व्यवहार यह साबित कर दिया कि वे जिस राजनीतिक दल से जुड़े है उनकी विचार धारा आज भी वैसे ही है जो बीस वर्ष पूर्व थी। उन्होंने कहा कि प्रमुख द्वारा निरीक्षण करने के बहाने अधिकािरयों और कर्मियों के साथ प्रमुख पति और समर्थकों ने गुडागर्दी किया जिसका मैं निंदा करती हूं।
उन्होंने कहा कि प्रमुख व उनके समर्थक विपक्षी दल से है उनकी नियत निरीक्षण करना नहीं सरकार के चल रहे जनउपयोगी योजनाओं को गलत करार देना है। श्रीमति सिंह ने कहा कि लालू सरकार में गोरेयाकोठी स्वास्थ्य केन्द्र में कितना महिलाओं का सुरक्षित डिलेभरी कराया जाता था। आज अस्पताल और व्यवस्था देखकर इन लोगों के अंदर जलन हो रहा है। उनकों तो
अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ बैठक कर अस्प्ताल के समस्याओं पर सुविधा और कैसे बेहतर किया जाय इस पर आपसी समन्वय बना कर कार्य करना चाहिए तो ये कुछ और करने के लिए जबरन दबाव बना रहे हैं।
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