कुवैत के एक इमारत में लगी आग, 40 से अधिक भारतीय मारे गए
विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह कुवैत रवाना
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
दक्षिणी कुवैत में मजदूरों के आवास वाली एक इमारत में लगी विनाशकारी आग में 40 से अधिक लोग मारे गए। इसमें अधिकांश भारतीय थे और मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी दुख जताया और कहा कि कुवैत स्थित भारतीय दूतावास स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। इस बीच आग में घायल हुए भारतीयों को सहायता प्रदान करने और मारे गए लोगों के पार्थिव शरीरों की शीघ्र वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह कुवैत की यात्रा के लिए रवाना हो गए है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर सिंह कुवैत के लिए रवाना हुए हैं।
पीएम मोदी ने घटना पर जताया दुख
घटना पर दुख जताते हुए पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि, ‘कुवैत सिटी में आग लगने की घटना दुखद है। मेरी संवेदनाएं उन सभी लोगों के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। कुवैत में भारतीय दूतावास स्थिति पर करीब से नजर रख रहा है और प्रभावितों की सहायता के लिए वहां के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है।’
विदेश मंत्री जयशकंर ने भी व्यक्त किया दुख
वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि खाड़ी देश में भारतीय दूतावास सभी संबंधित पक्षों को पूर्ण सहायता प्रदान करेगा। अधिकारियों ने बताया कि आग बुधवार सुबह कुवैत के दक्षिणी अहमदी गवर्नरेट के मंगाफ इलाके में छह मंजिला इमारत की रसोई में लगी। बताया जा रहा है कि इमारत में करीब 160 लोग रहते थे, जो एक ही कंपनी के कर्मचारी हैं।
इमारत में रह रहे थे अधिकत्तर भारतीय
बता दें कि आग के शिकार लोगों में से अधिकांश भारतीय हैं, जिनमें से अधिकतर केरल से हैं। कुवैती मीडिया के अनुसार, अल-मंगफ इमारत में आग लगने की सूचना अल-अहमदी गवर्नरेट के अधिकारियों को सुबह 4.30 बजे दी गई और अधिकांश मौतें धुएं के कारण हुईं।
केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय
कुवैत में भारतीय राजदूत आदर्श स्वैका ने कई अस्पतालों का दौरा किया, जिनमें घायलों को भर्ती कराया गया है। कुवैती मीडिया के अनुसार निर्माण कंपनी एनबीटीसी समूह ने 195 से अधिक श्रमिकों के रहने के लिए इमारत किराए पर ली थी, जिनमें से अधिकांश केरल, तमिलनाडु और उत्तरी राज्यों के भारतीय थे।
भारतीय राजदूत ने दिया सहायता का आश्वासन
उन्होंने अपने एक्स पोस्ट में कहा कि अल-अदन अस्पताल का दौरा किया, जहां आग की घटना में घायल 30 से अधिक भारतीय कर्मचारियों को भर्ती कराया गया है। उन्होंने आगे बताया कि सभी कर्मचारियों की हालत स्थिर है। आदर्श स्वैका ने इस दौरान कई मरीजों से मुलाकात की और उन्हें दूतावास की ओर से पूरी सहायता का आश्वासन दिया।
भारतीय राजदूत आदर्श स्वैका ने एक अन्य अस्पताल फरवानिया का भी दौरा किया। मालूम हो कि आग की घटना में घायल हुए छह कर्मचारियों को फरवानिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा कि अधिकारियों के मुताबिक, छह में से चार श्रमिकों को छुट्टी दे दी गई है, जबकि एक को जाहरा अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है। वहीं, एक की हालत स्थिर बताई जा रही है।
दूतावास ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
इससे पहले भारतीय राजदूत ने स्थिति का पता लगाने के लिए घटना स्थल का दौरा किया था। उन्होंने इस बात पर जोर दिया था कि दूतावास आवश्यक कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। दूतावास ने इस घटना के बाद एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है। भारतीय श्रमिकों से जुड़ी आग की घटना में दूतावास ने एक आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर: +965-65505246 जारी किया है। सभी संबंधित लोगों से अपडेट के लिए इस हेल्पलाइन से जुड़ने का अनुरोध किया जाता है। दूतावास हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।- कुवैत में भारतीय दूतावास
इमारत का मालिक, चौकीदार गिरफ्तार
कुवैत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत के आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसुफ अल-सबाह ने पुलिस को मंगाफ इमारत के मालिक, इमारत के चौकीदार और श्रमिकों के लिए जिम्मेदार कंपनी के मालिक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया है, जब तक कि घटनास्थल पर आपराधिक साक्ष्य कर्मियों की जांच पूरी नहीं हो जाती।
बड़ी संख्या में श्रमिकों को एक आवासीय इमारत में ठूंसने का आरोप
मंत्री ने आग लगने की घटना का दौरा करने के बाद एक बयान में कहा, ‘आज जो कुछ हुआ, वह कंपनी और इमारत मालिकों के लालच का नतीजा है।’ उन्होंने कहा कि उन्होंने कुवैत नगर पालिका और जनशक्ति के लिए सार्वजनिक प्राधिकरण को आदेश दिया है कि वे इसी तरह के उल्लंघनों को दूर करने के लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करें, जहां बड़ी संख्या में श्रमिकों को एक आवासीय इमारत में ठूंस दिया जाता है और यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इसी तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सभी सुरक्षा आवश्यकताएं पूरी हों।’
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