आसमान से बरस रही है आग, सुस्त पड़ा गया है मानसून

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

मानसून के सुस्त पड़ने के कारण पूर्वी, उत्तरी भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। आसमान से आग बरस रही है। बिहार के बक्सर में गुरुवार को देश में सबसे अधिक 47.2 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। दून में अधिकतम तापमान 42.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो रिकॉर्ड है। इससे पहले चार जून 1902 को दून का तापमान 43.9 डिग्री सेल्सियस रहा था, जो ऑल टाइम रिकॉर्ड है।

पिछले पांच दिनों से दून का पारा 41 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। पंतनगर का अधिकतम तापमान 41.0 डिग्री, मुक्तेश्वर का अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री, टिहरी का अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस रहा।

गर्मी से राहत की फिलहाल की कोई संभावना नहीं

राष्ट्रीय राजधानी  दिल्ली, उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से और बिहार में कई जगहों पर अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया। गर्मी से राहत की फिलहाल की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है।

मौसम विभाग ने कहा, उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में भीषण लू की स्थिति दर्ज की गई। झारखंड, बिहार और पंजाब के कुछ इलाकों में भी लू का सामना करना पड़ रहा है। चंडीगढ़,  दिल्ली, हरियाणा के कई इलाकों और पश्चिम झारखंड, दक्षिण-पश्चिम बिहार, उत्तर प्रदेश और उत्तरी राजस्थान के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 44-47 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा।

उत्तर पश्चिम भारत में 53 प्रतिशत कम बारिश

मौसम विभाग ने अगले दो हफ्तों के लिए अपने पूर्वानुमान में कहा कि इस मौसम के पहले 12 दिनों में देशभर में संचयी मानसूनी बारिश सामान्य से चार प्रतिशत कम हुई। उत्तर पश्चिम भारत में 53 प्रतिशत कम बारिश हुई। दक्षिणी भारत में एक-12 जून की अवधि के दौरान सामान्य से 60 प्रतिशत अधिक वर्षा हुई। 19 जून के आसपास दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होने की संभावना है।

मौसम विभाग के अनुसार, एक मार्च से नौ जून के बीच ओडिशा में 27 दिन लू का सामना करना पड़ा, जो देश में सबसे अधिक है। पश्चिम राजस्थान में 23, बंगाल में 21, हरियाणा-दिल्ली-पश्चिम उत्तर प्रदेश में 20, पश्चिम मध्य प्रदेश में 19, गुजरात और पूर्वी राजस्थान 17 दिन लू की स्थिति रही।

बिहार में लू से 10 लोगों की मौत

बिहार में लू लगने से 10 लोगों की मौत हो गई तो दो लोग अचेत हो गए। मृतकों में पटना के तीन, भोजपुर जिले के दो, जहानाबाद, अरवल, नालंदा, सारण व सिवान के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। गुरुवार को बक्सर का अधिकतम तापमान 47.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। गया, बक्सर, भोजपुर, वैशाली, औरंगाबाद, नवादा, राजगीर, जीरादेई एवं अरवल में भीषण लू का प्रभाव बना रहा। बीते 24 घंटों के दौरान पूर्णिया, किशनगंज, सुपौल, अररिया, कटिहार के अलग-अलग हिस्सों में वर्षा भी हुई।

परीक्षा केंद्रों में कूलर की व्यवस्था करने का निर्देश

बिहार में आरा स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के 60 केंद्रों पर स्नातक सत्र 2023-27 के दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा शुरू हुई। भोजपुर जिले के कई परीक्षा केंद्रों पर गर्मी व पसीने के कारण छात्र टीशर्ट और शर्ट उतारकर परीक्षा देते देखे गए। कुलपति प्रो. शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी ने सभी परीक्षा केंद्रों में कूलर की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है।

चंडीगढ़, लुधियाना और बठिंडा, अमृतसर, पठानकोट व पटियाला में लू चली। पठानकोट सबसे गर्म रहा। यहां का अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। बठिंडा का भी अधिकतम तापमान 47 और फरीदकोट का 46.1 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विभाग ने 17 जून तक राज्य में लू को लेकर आरेंज अलर्ट भी जारी किया है।

हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम तापमान में एक से दो डिग्री तक की वृद्धि दर्ज की गई है। गुरुवार को मैहतपुर के शिक्षण संस्थान में पढ़ रही नंगल निवासी छात्रा बेहोश होकर गिर गई।

कानपुर सबसे गर्म रहा

उत्तर प्रदेश में 46.6 डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ कानपुर सबसे गर्म रहा। आगरा में तापमान 46.5 डिग्री पहुंच गया। यहां अब तक तीसरी बार रात का तापमान रिकार्ड 33.5 डिग्री तक पहुंच गया। प्रयागराज में लगातार तीसरे दिन अधिकतम पारा 46.5 डिग्री रहा। उधर, सोनभद्र के विंढमगंज वन विभाग परिसर में गुरुवार को 60 चमगादड़ मरे मिले। विंढमगंज का वन विभाग परिसर नदी के किनारे स्थित है। नदी इन दिनों सूख गई है।

कभी दिल्‍ली, बेंगलुरु और चेन्‍नई जैसे महानगरों में कुओं में पानी हुआ करता था। अब कुएं सूखे पड़े हैं और पीने का पानी बोतलों में बिक रहा है। पानी की किल्लत कोई एक दिन में शुरू नहीं हुई है ना। धीरे-धीरे पहले ग्राउंड वाटर लेवल डाउन हुआ। कुआं, जलाशय और फिर बोरवेल सूखने लगे। नल और हैंडपंप में पानी आना बंद होता गया, लेकिन हमने ग्राउंड वाटर लेवल को चार्ज करने के लिए प्रयास के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की है, जिसका परिणाम है यह जल संकट।

किन राज्‍यों में है पानी का संकट?

पानी का संकट धीरे-धीरे कमोबेश पूरे देश में होता जा रहा है। मौजूदा वक्त में उत्तर भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार तो दक्षिण भारत में तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में पानी की किल्‍लत है, वहीं पूर्वी भारत में झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के लोग जल संकट से जूझ रहे हैं। भारत में जल संकट के कई प्रमुख कारण हैं। इनमें से ज्यादातर कारक एक-दूसरे से जुड़े हैं और मिलकर देश में पानी की कमी को बढ़ावा दे रहे हैं।

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