याद किये गए बनारस के पहले इमामे जुमा,इफ़्तार व मजलिस का हुआ आयोजन
श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी
वाराणसी 3 अप्रैल / हर वर्ष के तरह इस वर्ष भी 11 रमज़ान (3 अप्रैल) दिन सोमवार को वक्फ मस्जिद व कब्रिस्तान खास मौलाना मीर इमाम अली पितरकुंडा में मग़रिब की नमाज़ मौलाना ज़फर हुसैनी साहब क़िब्ला की इमामंत में अदा की गई और इफ्तार का आयोजन हुआ। इफ़्तार के बाद बनारस के पहले मोबल्लिग फिरक़ए जाफरी के मोत्ताहबीर आलम , बनारस के पहले इमामे जुमा, ईमानिया अरबी कालेज के पहले प्रिंसिपल मौलाना जवाद साहब ताबासराह के उस्तादे मोहतरम मौलाना मीर इमदाद अली साहब ताबासराह के ईसाले सवाब की मजलिस का आयोजन किया गया । मजलिस का आग़ाज़ मज़ाहिर अली साहब की सोज़ख़्वानी से हुआ । मजलिस को ख़िताब करते हुए मौलाना सैय्यद मुहम्मद अक़ील हुसैनी साहब क़िब्ला ने क़ुरआन के पैग़ाम को सीखने समझने और अमल करने की नसीहत की साथ ही फ़रमाया कि क़ुरआन जब नाज़िल हुआ तो उसका पहला लफ्ज़ ही इक़रा यानी पढ़ो था। इसलिए हम सब पर वाजिब है कि इल्म हासिल करें। मौलाना मीर इमदाद अली साहब ने इसी इल्म को फैलाने के लिए कोशिश की। उन्ही की कोशिशों के नतीजा है कि कसीर तादाद में लोग आज हक़ को पा चुके हैं। मौलाना ने अपनी ज़िंदगी में बहुत से मुनाज़रे किये और इल्म सीखने व सिखाने में पूरी ज़िंदगी बसर की। मजलिस के आखिर में कर्बला वालों के मसाएब बयान हुए जिसको सुनते ही हर आंख नम हो गई। अंजुमन हैदरी चौक बनारस ने नौहाख़्वानी के फ़राएज़ अंजाम दिये।
इफ़्तार व मजलिस में मौलाना अमीन हैदर हुसैनी साहब, मौलाना मेहदी रज़ा साहब, मौलाना इश्तेयाक अली साहब, मौलाना अली शब्बर साहब, मौलाना बाक़र बलियावी साहब, इक़बाल हुसैन एडवोकेट, हैदर मौलाई, अंजुमन हैदरी के जनरल सेक्रेटरी नायाब रज़ा समेत बहुत से मोमिनीन ने शिरकत की। इफ़्तार व मजलिस में आये हुए सभी लोगों का शुक्रिया मौलाना मौसूफ़ के ख़ानवादे कि तरफ़ से कार्यक्रम के संयोजक व मोतवल्ली सैयद मुनाज़िर हुसैन मंजू ने अदा किया गया।