बिहार में शराबी को छोड़ने पर एएसआई समेत पांच पुलिसकर्मी सस्पेंड,क्यों ?

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हवलदार ने खाया जहर, सीनियर ऑफिसर पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

बिना जमानत ही कैदी को कर दिया रिहा

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

बिहार में कैमूर से बड़ी खबर सामने आ रही है. चांद थाने के पुलिसकर्मियों ने एनएच दो पर अवैध चेकिंग लगा कर एक व्यक्ति को शराब पीने के आरोप में पकड़ा और फिर पैसे लेकर उसे छोड़ दिया. पुलिसकर्मियों ने इसके लिए थाने के मालखाने में जब्त चारपहिया वाहन का इस्तेमाल किया. इस मामले में एसपी राकेश कुमार ने चांद थाने के एएसआइ समेत पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. साथ ही पांचों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू कर दी गयी है. निलंबित पुलिसकर्मियों में चांद थाने के एएसआइ अरुण कुमार, सिपाही सह थाना मैनेजर सतीश कुमार मेहरा, सिपाही मुकेश कुमार, सिपाही मिथिलेश कुमार व होमगार्ड का जवान जयप्रकाश प्रसाद है.

पैसा लेकर पियक्कड़ को छोड़ने का आरोप

जानकारी के अनुसार, पिछले दिन 12 अक्टूबर की रात 10 बजे थाने में पकड़ी गयी चारपहिया गाड़ी को लेकर बगैर थानेदार को जानकारी दिये एएसआई अरुण कुमार उक्त चार पुलिसकर्मियों के साथ निकल गये और सीधे एनएच-दो पर पहुंच गये. एनएच दो पर पहुंच कर अवैध रूप से पांचों पुलिसकर्मियों ने आने-जाने वालों की चेकिंग शुरू कर दी. इस दौरान एक व्यक्ति को शराब पीने के आरोप में पकड़ा और फिर बाद में पैसे लेकर उसे छोड़ दिया गया.

इसकी जानकारी एसपी तक पहुंच गयी. इसके बाद एसपी ने मालखाने में जब्त गाड़ी का दुरुपयोग करने, अवैध चेकिंग लगाने, थानेदार को जानकारी नहीं देने, पैसा लेकर पकड़े गये व्यक्ति को छोड़ने के मामले में उक्त पांचों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया. होमगार्ड के जवान जयप्रकाश प्रसाद पर कार्रवाई के लिए डीएम को लिखा गया है.

अवैध रूप से चेकिंग लगाने का मामला

दरअसल, चांद थाने में मालखाने में जब्त गाड़ी सहित अन्य सभी सामान के प्रभारी एएसआई अरुण कुमार ही थे. ऐसे में अपने पद का दुरुपयोग करते हुए मालखाने में जब्त की गयी गाड़ी को अवैध चेकिंग के लिए लेकर निकल गये. अवैध कमाई करने का अरुण सहित उक्त पुलिसकर्मियों को स कदर भूत सवार था कि रात में बगैर थानेदार को जानकारी दिये सबसे व्यस्ततम सड़क एनएच दो पर पहुंच गये और चेकिंग लगा कर जबरन वसूली की. इस संबंध में SP ने बताया कि मामला काफी गंभीर है.

हवलदार ने खाया जहर, सीनियर ऑफिसर पर लगाया प्रताड़ना का आरोप

बिहार के सारण जिले से बड़ी खबर सामने आ रही है. छपरा में एक हवलदार ने जहर खा लिया है. जहर खाने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. हवलदार को गंभीर हालत में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. यह घटना छपरा पुलिस लाइन की है. इस घटना का कारण सीनियर ऑफिसर द्वारा प्रताड़ित करने को लेकर बताया जा रहा है. बताया जा रहा है कि हवलदार ने पुलिस पदाधिकारियों की प्रताड़ना से तंग आकर जहर खा लिया है. हवलदार का नाम विभूति झा है.

हवलदार की स्थिति गंभीर

सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें साफ देखा जा सकता है कि छपरा सदर अस्पताल के ड्रेसिंग हॉल के बेड पर हवलदार तड़प रहा है. डॉक्टरों ने हवलदार का इलाज कर रहे थे.

डॉक्टरों ने सल्फास खाने की बात कह रहे है. हवलादर की स्थिति ठीक नहीं है. हवलदार को देखने पहुंचे कुछ पुलिसकर्मियों ने बताया कि बिहार पुलिस का हवलदार है. जिसने अपने वरीय पदाधिकारियों से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास किया है. इस घटना के बाद सारण के पुलिस विभाग में हड़कंप की स्थिति है.

हवलदार ने प्रताड़ित करने का लगाया आरोप

जानकारी के अनुसार, सार्जेंट मेजर हलवदार को अपने आवास पर बुलाकर चप्पल फेंककर मारा था. इसके बाद गाली गलौज करने के बाद निलंबित कर दिया. इसके बाद इस मामले को लेकर हवलदार अपने वरीय के पास पहुंचे, लेकिन वहां पर भी इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. हवलदार इस बात को लेकर डिप्रेशन में चला गया. फिर वे जहर खा लिया.

पीड़ित हवलदार विभूति झा ने छपरा पुलिस लाइन के सार्जेंट मेजर और अन्य पदाधिकारियों पर दुर्व्यवहार का आरोप भी लगाया है. इस घटना के बाद पुलिसकर्मियों में काफी आक्रोश है. काफी संख्या में छपरा सदर अस्पताल अपने साथी को देखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पहुंचे हैं.

बिना जमानत ही कैदी को कर दिया रिहा

गोपालगंज जेल में जेलर ने एक विचाराधीन कैदी को बिना जमानत के ही रिहा कर दिया. मामले का खुलासा शनिवार को उस समय हुआ जब उस कैदी की जमानत अर्जी पर सुनवाई चल रही थी. जिला एवं सत्र न्यायाधीश विष्णुदेव उपाध्याय के कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान जब कैदी के बारे में पूछा गया तो पता चला कि उसे एक अक्तूबर को ही छोड़ दिया गया है. यही नहीं, 10 अक्तूबर को निचली अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान उस कैदी को उपस्थित भी करा दिया गया था.

कोर्ट ने जवाब-तलब की प्रति डीएम और एसपी को भेजी

कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जेल अधीक्षक से जवाब-तलब किया है. कोर्ट ने पूछा कि किस स्थिति में कैदी को छोड़ा गया. उसे छोड़ देने के बाद निचली अदालत में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान कैसे उपस्थित करा दिया गया. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 21 अक्तूबर की तिथि निर्धारित की है.

कोर्ट ने जवाब-तलब की प्रति डीएम और एसपी को भेजी है. सारण जिले के मशरख थाना क्षेत्र के सपही गांव के चंदन कुमार सिंह को प्रधान न्यायाधीश (परिवार न्यायालय) के द्वारा पत्नी को खोरिश (जीवन यापन भत्ता) देने का आदेश दिया गया था. चंदन ने कोर्ट का आदेश नहीं माना. जीवन यापन का 1.5 लाख रुपया बकाया हो गया.

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