बिहार में रोहतास के पांच एसआई निलंबित, भोजपुर के 14 सीओ तलब,क्यों?
फेसबुक व WhatsApp से सौदा फिर Online पेमेंट, कारोबार के हाईटेक तरीके का खुलासा
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार में सासाराम. सरकारी जमीन पर अतिक्रमण मामले में पटना हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है. भोजपुर जिले में वर्ष 2016-17 में चिह्नित सैकड़ों जल स्रोतों अब भी कब्जे की सूचना पर जिले के सभी 14 सीओ को एक दिसंबर को कोर्ट में हाजिर होकर अब तक की गयी कार्रवाईयों से अवगत कराने का आदेश दिया गया है.
वहीं, रोहतास के करगहर प्रखंड के सीढ़ी ओपी क्षेत्र के रीवा गांव में सरकार की 50 डिसमिल जमीन से मुकम्मल रूप से अतिक्रमण नहीं हटाने के मामले में हाइकोर्ट के आदेश पर एसपी आशीष भारती ने करगहर थाना व सीढ़ी ओपी में 2018 से अबतक पदस्थापित पांच थानाध्यक्षों को शुक्रवार को निलंबित कर दिया. कार्रवाई की जद में पांचों वर्तमान समय में दूसरे थानों में पदस्थापित हैं.
करगहर थाना और सीढ़ी ओपी में तैनात रहे पांच थानेदार निलंबित
एसपी के अनुसार, 15 मार्च 2018 से लेकर अबतक करगहर थाना और सीढी ओपी में पदस्थापित वर्तमान के करगहर थाना के थानाध्यक्ष नरोत्तम चंद्र, शिवसागर थानाध्यक्ष सुशांत कुमार मंडल, धौडाढ़ चौकी के अध्यक्ष राकेश कुमार, तत्कालीन करगहर थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा और सीढ़ी ओपी के तत्कालीन ओपी अध्यक्ष नरेंद्र कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
इनमें से करगहर थाना के तत्कालीन थानाध्यक्ष देवानंद शर्मा व नरेंद्र कुमार वर्तमान समय में नालंदा जिले के अलग-अलग थानों में पदस्थापित हैं. एसपी ने बताया कि सीढ़ी ओपी के तत्कालीन थानाध्यक्ष राघवेंद्र शर्मा वर्तमान में मद्य निषेध विभाग में तैनात हैं. उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गयी है.
हाइकोर्ट ने दिया कार्रवाई का निर्देश
एसपी ने बताया कि सीढ़ी ओपी क्षेत्र के रीवां गांव में सरकार की 50 डिसमिल जमीन पर गांव के ही 14 लोगों ने अवैध रूप से अतिक्रमण कर उक्त जमीन पर कच्चा और पक्का निर्माण कर लिया था. इसके विरुद्ध रीवा गांव निवासी बच्चु राय ने 15 मार्च 2018 को हाइकोर्ट में सीडब्लूजेसी परिवाद सख्या 5534 दायर किया था, इसी परिवाद की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने उक्त जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराने में असफल रहनेवाले पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने का निर्देश दिया था.
फेसबुक व WhatsApp से सौदा फिर Online पेमेंट, कारोबार के हाईटेक तरीके का खुलासा
बिहार के मुंगेर में बने अवैध हथियारों की खरीद बिक्री अब हाइटेक तरीके से की जा रही है. फेसबुक, इंस्टाग्राम व यूट्युब पर आजाद ग्रुप मुंगेर के नाम से अकाउंट का खुलासा हुआ है. जिसके माध्यम से इन अवैध हथियारों का कारोबार चल रहा था. एक हथियार तस्कर को जब गिरफ्तार किया गया तो उसने इस पूरे खेल का खुलासा किया. बकायदा सैंपल दिखाकर ग्राहकों को ये हथियार बेचे जाते थे.
पुलिस से बचने के लिए अब सोशल मीडिया का सहारा
अवैध हथियार के निर्माण और उसे फिनिश करके बेचने के लिए इस धंधे से जुड़े लोग तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. हालांकि अवैध हथियार निर्माण को लेकर लगातार पुलिस द्वारा जिले में अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर मिनी गन फैक्ट्री का उद्भेदन किया जाता रहा है. बावजूद इस धंधे से जुड़े लोग पुलिस से बचने के लिए अब सोशल मीडिया के जरिए ऑनलाइन सौदा कर ऑफलाइन डिलीवरी ले रहे.
मुंगेर के हथियार तस्कर ने खोला राज
इसका खुलासा तब हुआ जब अवैध हथियार के साथ दिल्ली की स्पेशल पुलिस टीम ने अलग-अलग राज्यों के चार तस्करों को गिरफ्तार किया. जिसमें मुंगेर के हथियार तस्कर अभिषेक भारद्वाज को भी गिरफ्तार किया गया है.
फेसबुक व इंस्टाग्राम पर आजाद ग्रुप मुंगेर के नाम से बना है अकाउंट
दिल्ली में गिरफ्तार हथियार तस्कर अभिषेक भारद्वाज ने दिल्ली पुलिस को बताया कि वह इस धंधे में काफी दिनों से संलिप्त है. उसके साथी मुंगेर में फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर आजाद ग्रुप मुंगेर के नाम से अकाउंट बनाकर हथियार की प्रदर्शनी करता है. जिसमें उन लोगों के द्वारा एक से बढ़कर एक महंगी और हाईटेक हथियार की तस्वीर और वीडियो डालकर अवैध हथियार की खरीदारी करने वाले लोगों को इसका सैंपल दिखाता है.
पे फोन एवं गूगल पे से पेमेंट
तस्कर ने बताया कि जब ग्राहक मनचाहा हथियार पसंद कर ऑनलाइन बुकिंग करते हैं. जिसके बाद पैसे की डिलीवरी ऑनलाइन पे फोन एवं गूगल पे बैंक अकाउंट हथियार का पैसा डालते हैं. तब जाकर अवैध हथियार को बेचने वाले लोग हथियार की खरीदारी करने वाले लोगों को ऑफलाइन डिलीवरी करते हैं.
पुलिस अधिकारी बोलने से कर रहे परहेज
आजाद ग्रुप मुंगेर के नाम से संचालित अकाउंट के बारे में जब पुलिस विभाग वरीय अधिकारियों से बातचीत किया गया तो वे इस बारे में कुछ भी बोलने से परहेज कर गए. पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी मिली है. पुलिस द्वारा जांच करायी जाएगी.