लोगों के लिए है पल-पल का साथी गूगल,आज मना रहा अपनी 23वीं जन्मतिथि.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
गूगल आज अपनी 23वीं जन्मतिथि मना रहा है। वर्ष 1998 में इसकी शुरुआत एक सर्चइंजन के रूप में हुई थी। यह पिछले कुछ वर्षो में विश्वभर में लोगों का पल-पल का साथी बन गया है। किसी भी व्यक्ति के मन में जब भी कोई सवाल उमड़ता है तो वह शायद गूगल का ही सहारा लेता है। हमें आज जो कुछ भी सर्च करना होता है, गूगल पर जाकर तुरंत सर्च कर लेते हैं, बल्कि आजकल तो गूगल वाइस असिस्टेंट के जरिये बोलकर भी अपनी जिज्ञासा का समाधान कर लेते हैं।
यही कारण है कि गूगल को इंटरनेट की दुनिया का सबसे बड़ा हथियार भी कहा जाता है। स्थान, मौसम, देश-दुनिया तथा स्थानीय स्तर की तमाम खबरों सहित गूगल हर छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी जानकारियों का खजाना समेटे रहता है। गूगल तमाम जानकारियों का पिटारा एक क्लिक में ही खोलकर सामने रख देता है।पिछले कुछ वर्षो में गूगल ने अपना दायरा बहुत बढ़ा दिया है। इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि गूगल पर अब किसी भी प्रश्न का उत्तर दो-चार नहीं, बल्कि 150 से भी अधिक भाषाओं में तलाशा जा सकता है। गूगल दुनियाभर के 190 से भी अधिक देशों को अपनी सेवाएं उपलब्ध करा रहा है।
आज की दुनिया में गूगल के बिना लोगों के बेहतर जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती। गूगल स्वयं को अपडेट रखने के लिए प्रतिदिन कुछ न कुछ नया करता रहता है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के जरिये गूगल हमारी तमाम पसंद-नापसंद तक की जानकारी हासिल कर रहा है। गूगल अब न केवल हमें सभी प्रकार की जानकारियों से अपडेट रखता है, बल्कि हमारे हमराज की भूमिका में भी तेजी से उभर रहा है।
दरअसल अब गूगल यह भी जानता है कि हम किस समय कहां हैं और क्या कर रहे हैं। गूगल आज न केवल दुनिया का सबसे बड़ा सर्चइंजन है, बल्कि आज यह कंपनी आपरेटिंग सिस्टम से लेकर मोबाइल डिवाइस तक बना रही है।यह भी जान लें कि गूगल काम कैसे करता है? यूआरएल की मदद से हम इंटरनेट पर कुछ भी सर्च कर सकते हैं, लेकिन अगर यूआरएल नहीं हो तो सर्चइंजन की जरूरत पड़ती है। सर्चइंजन हमारे द्वारा दिए गए की-वर्ड्स के जरिये हमें अपेक्षित जानकारी या वेबसाइट तक पहुंचाता है।
गूगल का वेब क्रालर साफ्टवेयर इंटरनेट पर मौजूद सभी वेब पेजों को देखता है और उनमें मौजूद लिंक तथा डाटा को गूगल सर्वर पर भेजता है, जिसके बाद इस डाटा की इंडेक्सिंग की जाती है और सभी वेब पेजों के डाटा को सर्चइंजन पर भेज दिया जाता है। हम गूगल पर जैसे ही किसी चीज को सर्च करते हैं, गूगल का एल्गोरिदम उस शब्द का विश्लेषण कर सर्वर में मौजूद अरबों वेब पेजों में से हमारे लिए उपयोगी जानकारी निकालकर हमारे समक्ष प्रस्तुत कर देता है।
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