*बंगाल चुनाव से पहले किस जादू-टोने की काट के लिये BJP प्रेसिडेंट ने कराया काल भैरव मंदिर में छायादान*
*श्रीनारद मीडिया / सुनील मिश्रा वाराणसी यूपी*
*वाराणसी* / काशी के कोतवाल काल भैरव के दरबार में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ प्रतिदिन उमड़ती है। श्रद्धालु यहां अपनी हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति के लिए आते हैं। सोमवार कोकाशी के कोतवाल काल भैरव के दरबार में श्रद्धालुओं की अपार भीड़ प्रतिदिन उमड़ती है। श्रद्धालु यहां अपनी हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति के लिए आते हैं। सोमवार को काल भैरव के दरबार में पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यहां बाबा की विधिवत पूजा अर्चना तो की, साथ ही मंदिर में कालाष्टक विधि से पूजा करते हुए अपनी छाया भी दान की। मंदिर के महंत नवीन गिरी के अनुसार सभी प्रकार के जादू-टोने से मुक्ति के लिए कालाष्टक विधि से पूजा कराई जाती है और तेल में अपनी छाया दान की जाती है। काल भैरव के दरबार में पहुंचे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यहां बाबा की विधिवत पूजा अर्चना तो की, साथ ही मंदिर में कालाष्टक विधि से पूजा करते हुए अपनी छाया भी दान की। मंदिर के महंत नवीन गिरी के अनुसार सभी प्रकार के जादू-टोने से मुक्ति के लिए कालाष्टक विधि से पूजा कराई जाती है और तेल में अपनी छाया दान की जाती है। महंत नवीन गिरी से इस सम्बन्ध में जब बात की गयी तो उन्होंने बताया कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूरे देश में भ्रमण कर कार्यकर्ताओं में जोश भरते हैं। आने वाले दिनों में चार राज्यों में चुनाव है और वो लगातार पूरे देश में भ्रमण कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें किसी भी प्रकार की दिक्कत न हो और किसी भी प्रकार की बाधा उनकी राह में ना आये इसलिए 108 भैरव का नाम, भैरवाष्टक, छाया दान और कालाष्टक विधि द्वारा उनकी पूजा संपन्न कराई गयी है।
कालाष्टक विधि में छायादान के महत्त्व के बारे में महंत नवीन गिरी ने बताया कि छायादान के बाद किसी भी प्रकार का जादू-टोना कार्य नहीं करता और उससे इंसान को मुक्ति मिल जाती है। हाल ही में जेपी नड्डा बंगाल से लौटे हैं। बता दें कि बीते 26 फरवरी को पश्चिम की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने आवास पर विशेष पूजा करायी थी। अब सवाल ये उठता है कि आखिर किस प्रकार के जादू टोने की काट के लिये बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने काशी के कोतवाल काल भैरव के मंदिर में अपनी छाया दान की है।