सीतामढ़ी में नाबालिग की जबरन शादी कराना पड़ा महंगा, पंचायत समिति सदस्य समेत दूल्हे के पिता-भाई के खिलाफ FIR
श्रीनारद मीडिया, स्टेट डेस्क:
बिहार के सीतामढ़ी जिले में एक नाबालिग की जबरन शादी कराने के मामले में नया मोड़ आया है। दोनों प्रेमी-प्रेमिका थे। ग्रामीणों ने मिलकर दोनों की जबरन शादी करा दी थी। शादी की घटना के एक माह से अधिक हो चुके हैं। बचपन बचाओ आंदोलन की टीम की सक्रियता पर नाबालिग को दूल्हे के घर से यानी उसके ससुराल से मुक्त कराया गया था। तब यह समझा गया था मामला रफा-दफा हो गया, पर संस्था की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद मामले में एक नया मोड़ आ गया। इसमें वे तमाम लोग फंसे हैं, जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल थे।
जबरन शादी के ‘नायक’ बने थे पंचायत समिति सदस्य!
प्राथमिकी बचपन बचाओ आंदोलन के असिस्टेंट प्रोजेक्ट ऑफिसर ने परिहार थाने में दर्ज कराई है। इसमें सबसे अधिक दोषी पंचायत समिति सदस्य मोहम्मद शाहिद को करार दिया है। संस्था ने एक तरह से पूरी घटना के लिए पंसस शाहिद को ‘नायक’ बताने की कोशिश की है। उनके आलावा जिन लोगों को मामले में नामजद किया गया है, उनमें दूल्हे के पिता शेख भुल्ला उर्फ नूरुल हसन, भाई, बंध-पत्र पर गवाह बने मोहम्मद रहमत, महबूब रजा, मोहम्मद ससबुल, मोहम्मद हाबिद रजा भी शामिल हैं। प्राथमिकी में अन्य पांच गवाह को भी अभियुक्त बनाया गया है।
जबरन शादी के सात पंच भी बुरे फंसे
जबरन शादी का फैसला पंचायती के माध्यम से हुआ था। फैसला देने वाले सात पंच भी बुरे फंसे हैं। इन्हें भी प्राथमिकी में आरोपित किया गया है। अभियुक्तों में अज्ञात काजी को भी शरीक किया गया है। प्रेमी जोड़े की जबरन शादी का मामला तब चर्चा का विषय बना था। सबसे अधिक चर्चा में सात पंचों का फैसला आया था, जिसमें नाबालिग को बालिग प्रेमी से शादी करने की इजाजत दिया गया था। मामले में प्रत्यक्ष रूप से शामिल लोग खूब चर्चित हुए थे। इस जबरन शादी का वीडियो सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुआ था।
क्या है यह पूरा मामला
प्राथमिकी में बताया है कि नाबालिग 2 अक्टूबर 23 की संध्या अपने घर के पास प्रेमी (दूसरे गांव का एक लड़का) से बात कर रही थी। इसी दौरान पंचायत समिति सदस्य शाहिद ने दोनों को पकड़ लिया था। शाहिद परिहार थाना क्षेत्र के मानिकपुर मुसहरनियां पंचायत के हैं। इसके बाद उन्होंने (शाहिद) ग्रामीणों को एकत्रित कर दोनों के साथ मारपीट की थी। इतना ही नहीं लड़के को एक पेड़ से बांध दिया था, जबकि लड़की को रात भर एक कमरे में बंद रखा था।अगले दिन शाहिद गांव में पंचायत बुलवाया था। सात पंचों ने 10 गवाहों और ग्रामीणों की उपस्थिति में नाबालिग की प्रेमी से शादी करा दी थी। शादी दूल्हे के पिता और भाई की सहमति से हुई थी। फिर नाबालिग को उसके ससुराल भेज दिया था। 4 अक्टूबर को बचपन बचाओ आंदोलन की टीम को इस बाल विवाह की सूचना मिली। संस्था की टीम ने इसकी सूचना एसडीओ सदर सह बाल विवाह निषेध अधिकारी को दी थी। उनकी पहल पर परिहार बीडीओ एवं सीओ की उपस्थिति में 6 अक्टूबर को पुलिस ने नाबालिग को ससुराल से मुक्त कराया था।
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