श्रीनारद मीडिया, प्रभात कुमार मिश्रा, गया ( बिहार )
गयाजी धाम में इन दिनों विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेला चल रहा है। जहां पितृपक्ष के दौरान देश – विदेशों से तीर्थयात्री आते हैं और अपने पितरों के मोक्ष की कामना के साथ पिंडदान का कर्मकांड करते हैं। इस बार के पितृपक्ष मेला में फिर से गयाजी धाम में सात समंदर पार से विदेशियों का जत्था पहुंचा है। विदेशियों का यह जत्था तकरीबन आधा दर्जन देशों से आया है, जिसमें 15 पुरुष और महिला पिंडदानी शामिल है।
विदेशी पिंडदानियो के जत्था में अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, रूस, यूक्रेन और यमन से तीर्थयात्री गया पहुंचे हैं। गयाजी पहुंचकर विदेशी तीर्थयात्री सर्वप्रथम विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु के चरण चिन्ह के दर्शन किया। मोक्ष की नगरी गयाजी के प्रति विदेशियों की श्रद्धा लगातार बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि अब हर साल पितृपक्ष मेला के दौरान सात समुंदर पार से विदेशियों का जत्था गयाजी धाम पहुंचता है।
पिछले साल के पितृपक्ष मेले में भी दर्जनों विदेशी तीर्थयात्री पिंडदान करने गयाजी पहुंचे थे। गयाजी में पहुंचकर उन्होंने फल्गु तट, अक्षय वट और विष्णु पद में पिंडदान का कर्मकांड किया। पिछली बार आए विदेशी तीर्थयात्रियों में काफी संख्या में महिला तीर्थ यात्री शामिल थी। मगर इस बार पुरुष और महिला तीर्थयात्री दोनों पहुंचे हैं। फिलहाल 15 विदेशी तीर्थयात्री गयाजी पहुंचे हैं।
इस संबंध में विदेश में इस्कॉन मंदिर से जुड़े स्वामी लोकनाथ गौड़ ने बताया कि विभिन्न देशों जैसे अफ्रीका, नाइजीरिया, कजाकिस्तान, यूक्रेन, रसिया एवं यमन जैसे देशों से तीर्थयात्री गयाजी पहुंच चुके हैं। गयाजी धाम पहुंचकर देवघाट तट का भ्रमण किया और विष्णुपद मंदिर में भगवान विष्णु के चरण चिन्ह के दर्शन भी किये। अभी फिलहाल 15 विदेशी तीर्थयात्री आ चुके हैं। इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल है। सोमवार यानी की 30 सितंबर को ये पिंडदान का कर्मकांड करेंगे।