जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को मारी गोली,मौत.
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर गोली चलायी गयी है. एक चुनावी संभा के दौरान उन पर गोली चलायी गयी जो सीधे उनके सीने में लगी है. इस वक्त उनकी हालत नाजुक बतायी जा रही है. पुलिस ने हमलावर को अरेस्ट कर लिया है और उससे शॉट गन को बरामद किया है. इस हमले के बाद कुछ तस्वीरें भी सामने आयी है जिसमें शिंजो आबेके गले के पास से खून बहने लगा और वह वहीं पर गिर पड़े.
रैली में मौजूद लोगों ने तत्काल उन्हें सीपीआर देकर जान बचाने की कोशिश की लेकिन जापानी मीडिया के मुताबिक उनके शरीर में हरकत नहीं हो रही है. जापानी मीडिया के मुताबिक शिंजो आबे अपनी पार्टी लिबरल डेमोक्रेटिक के उम्मीदवार का प्रचार करने के लिए नारा प्रांत पहुंचे थे. रैली के दौरान शिंजो आबे भाषण दे ही रहे थे. इसी बीच पीछे से जोरदार आवाज आयी. हर तरफ धुआं दिखने लगा घटना के वीडियो में नजर आ रहा है कि शिंजो आबे पर हमला पीछे से किया गया है। शिंजो आबे की सुरक्षा में कई सुरक्षाकर्मी तैनात थे लेकिन वे हमले को रोक नहीं सके.
सुबह पश्चिमी जापान के नारा शहर में एक रैली को संबोधित करने पहुंचे देश के पूर्व पीएम शिंजो आबे के लिए यह कार्यक्रम आखिरी साबित हुआ। उन पर एक पूर्व नौसैनिक ने पीछे से हमला कर दिया और दो गोलियां दागकर उन्हें मरणासन्न कर दिया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां करीब 6 घंटे तक वह मौत से लड़ते रहे, लेकिन बचाया नहीं जा सका। शिंजो आबे को भारत से अच्छे रिश्तों और पीएम नरेंद्र मोदी के दोस्त के तौर पर भी याद किया जाए। वह करीब 8 साल तक जापान के पीएम रहे और इस दौरान उन्होंने पूर्वी एशियाई देश को भारत के करीब लाने का काम किया था।
शिंजो आबे के दौर में भारत और जापान इतने करीब आए कि वैश्विक मंच पर भी उसकी धमक सुनी गई। इसका असर हम क्वाड के गठन के तौर पर भी देख सकते हैं, जिसे चीन ने एक चुनौती के तौर पर देखा। 21 सितंबर, 1954 में एक राजनीतिक परिवार में जन्मे शिंजो आबे को प्यार से ‘प्रिंस’ कहा जाता था। उनके दादा नोबुसुके किशि भी जापान के 1967 से 1960 तक देश के प्रधानमंत्री थे। इसके अलावा पिता शिनात्रो आबे भी 1982 से 1986 तक देश के विदेश मंत्री थे। एक बड़े राजनीतिक परिवार से आने के बाद भी शिंजो आबे का जीवन बेहद सादगी से भरा था और शायद यही वजह थी कि वह जापान में काफी लोकप्रिय हुए।
शिंजो आबे ने किया था भारतीय संसद को संबोधित
शिंजो आबे ने एक तरफ ‘आबेनॉमिक्स’ के जरिए अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कदम उठाए तो वहीं रक्षा मामलों में भी देश को मजबूती देने का काम किया। उनके आर्थिक फैसले इस कदर लोकप्रिय हुए कि उन्हें आबेनॉमिक्स का नाम ही दे दिया गया। वह भारत के कितने करीब थे, इसे इस बात से ही समझा जा सकता है कि जब पीएम के तौर पर अपने पहले दौरे में वह भारत आए थे तो संसद को संबोधित किया था। इसके बाद 2014 में तो वह गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि भी बने। इसके बाद 2015 और फिर 2017 में भी वह भारत आए थे।
गुजरात के CM रहने के दौरान भी आबे के करीब थे मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी और शिंजो आबे के बीच एक पर्सनल केमिस्ट्री भी देखने को मिलती थी। नरेंद्र मोदी जब गुजरात के सीएम थे, तब से ही आबे से उनके रिश्ते थे। पीएम बनने के बाद भी उन्होंने पहले विदेश दौरे के लिए जापान को चुना था और तभी से दोनों के बीच रिश्ते थे। यही नहीं 2016 में दोनों देशों ने असैन्य परमाणु करार भी किया था। इसके अलावा क्योटो से काशी का नारा भी दोनों नेताओं की मुलाकात से ही निकला था। इससे हम समझ सकते हैं कि रणनीतिक मामलों से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर तक के मामलों में दोनों देशों के बीच रिश्ते मजबूत करने में शिंजो आबे का क्या रोल था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर गहरा शोक जताया और कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन जापान और दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाने में समर्पित कर दिया। पीएम ने कहा कि उन्होंने अपना एक दोस्त खो दिया। मोदी ने आबे के प्रति गहरे सम्मान के प्रतीक के तौर पर नौ जुलाई को एक दिन का राष्ट्रीय शोक रखे जाने की भी घोषणा की।
ट्विटर पर अपनी भावुक प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अपने हालिया जापान दौरे पर उनकी मुलाकात आबे से हुई थी और उनसे कई मुद्दों पर चर्चा का अवसर मिला था लेकिन मुझे तनिक भी अंदाजा नहीं था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। बता दें कि आबे जापान के सबसे शक्तिशाली और प्रभावी नेताओं में शुमार थे। देश के पश्चिमी हिस्से में चुनाव प्रचार के एक कार्यक्रम में भाषण के दौरान शुक्रवार को उन्हें गोली मार दी गई थी। गंभीर रूप से घायल आबे को विमान से एक अस्पताल ले जाया गया। बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
मोदी ने कहा, ‘मेरे प्रिय मित्रों में शुमार शिंजो आबे के दुखद निधन से मैं हैरान और दुखी हूं और इसे व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं। वह एक शीर्ष वैश्विक राजनेता, एक उत्कृष्ट नेता और एक अद्भुत प्रशासक थे। उन्होंने जापान और विश्व को एक बेहतर स्थान बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।’
गुजरात सीएम से पीएम तक हमारी दोस्ती
आबे 2020 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण इस्तीफा देने से पहले, देश के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। मोदी ने कहा कि आबे के साथ उनके वर्षों पुराने संबंध रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था, तब से मैं उन्हें जानता था और हमारी दोस्ती मेरे प्रधानमंत्री बनने के बाद भी जारी रही। अर्थव्यवस्था और वैश्विक मामलों पर उनकी तीक्ष्ण अंतर्दृष्टि ने मुझ पर गहरी छाप छोड़ी।’
भारत-जापान साझेदारी में अहम योगदान
मोदी ने कहा कि आबे ने भारत-जापान संबंधों को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के स्तर पर ले जाने में अहम योगदान दिया। उन्होंने कहा, ‘आज जापान के साथ पूरा भारत भी उनके निधन से शोक में डूब गया है। हम दुख की इस घड़ी में अपने जापानी भाइयों और बहनों के साथ मजबूती से खड़े हैं।’
नौ जुलाई को राष्ट्रीय शोक
प्रधानमंत्री ने आबे के सम्मान में नौ जुलाई को भारत में एक दिवसीय राष्ट्रीय शोक की घोषणा की। मोदी ने कहा कि जापान के उनके पिछले दौरे पर उनकी मुलाकात आबे से हुई थी और इस दौरान उन्होंने कई सारे मुद्दों पर चर्चा की थी। उन्होंने कहा, ‘वह हमेशा की तरह हंसी मजाक और अंतर्दृष्टि से परिपूर्ण थे। मुझे तनिक भी अंदाजा नहीं था कि यह हमारी आखिरी मुलाकात होगी। उनके परिजनों और जापान की जनता के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं।’ प्रधानमंत्री ने आबे के साथ टोक्यो में हुई अपनी आखिरी मुलाकात से संबंधित एक तस्वीर भी साझा की।
इससे पहले, जब आबे को गोली मारे जाने की जानकारी सामने आई थी, तो मोदी ने एक ट्वीट कर कहा था कि वह इससे व्यथित हैं। उन्होंने आबे के जल्द स्वस्थ होने की कामना की थी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘मेरे प्रिय मित्र शिंजो आबे पर हमले की खबर सुनकर व्यथित हूं। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं उनके, उनके परिजनों और जापान की जनता के साथ हैं।’
आबे के निधन से दुनिया स्तब्ध
दुनिया के सबसे सुरक्षित देशों में से एक माने जाने वाले जापान में 67 वर्षीय आबे को गोली मारे जाने की घटना ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है। पुलिस ने घटनास्थल पर ही संदिग्ध हमलावर को गिरफ्तार कर लिया। घटना के बाद प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और उनके कैबिनेट मंत्री देशभर में अन्य प्रचार अभियानों को बीच में रोक कर तोक्यो लौट आए। किशिदा ने इस हमले को ‘कायराना और बर्बर’ बताया और कहा कि चुनावी अभियान के दौरान हुआ यह अपराध पूरी तरह अक्षम्य है।
गौरतलब है कि जापान के सरकारी प्रसारणकर्ता ‘एनएचके’ ने घटना का एक फुटेज प्रसारित किया है, जिसमें नारा में एक मुख्य ट्रेन स्टेशन के बाहर आबे को भाषण देते हुए देखा गया। जब गोली चलने की आवाज सुनी गयी तो आबे खड़े थे, उन्होंने गहरे नीले रंग के कपड़े पहने हुए थे और अपनी मुठ्ठी उठा रहे थे। इसके बाद फुटेज में आबे को सड़क पर गिरते और कई सुरक्षाकर्मियों को उनकी ओर भागते देखा गया । उन्होंने अपने सीने पर हाथ रखा हुआ था और उनकी कमीज पर खून लगा हुआ था।
- यह भी पढ़े….
- कलयुग में हजारों दोष होने के बावजूद भी, भगवान का नाम लेने वाला भवसागर से हो जाता है पार
- लूटकांड के अप्राथमिक अभियुक्त के घर की हुई कुर्की
- सिधवलिया की खबरें : दंगसी गांव में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट, दोनों तरफ से प्राथमिकी दर्ज
- 10 जुलाई से भगवान विष्णु जा रहे हैं योग निद्रा में , सृष्टि का संचालन भगवान शिव के हाथों में