कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु के प्रतिष्ठित HSR लेआउट में शुक्रवार रात उस समय सनसनी फैल गई, जब कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की उनके आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई. शुरुआती जांच में सामने आया है कि 1981 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की चाकू मारकर हत्या की गई है. पुलिस को शक है कि इस हत्या के पीछे उनकी पत्नी पल्लवी का हाथ हो सकता है. फिलहाल पल्लवी को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.
रिश्तों में तनाव बन सकता है हत्या की वजह
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ओम प्रकाश और पल्लवी के बीच पिछले कुछ महीनों से पारिवारिक तनाव चल रहा था. पड़ोसियों ने भी पुष्टि की कि अक्सर उनके बीच बहसें होती थीं. घटना से कुछ दिन पहले दोनों के बीच काफी तीखी नोकझोंक हुई थी, जिसे लेकर पल्लवी मानसिक रूप से परेशान बताई जा रही है.
घर से मिला हत्या में इस्तेमाल किया गया चाकू
पुलिस की फॉरेंसिक टीम (SOCO) ने घटनास्थल की बारीकी से जांच की. घर के अंदर से एक खून से सना चाकू बरामद किया गया है, जिसे हत्या का हथियार माना जा रहा है. जांच अधिकारी मामले को घरेलू हिंसा के एंगल से भी देख रहे हैं.
पुलिस महकमे में शोक की लहर
पूर्व डीजीपी ओम प्रकाश ने अपने करियर की शुरुआत विजयनगर जिले के हरपनहल्ली में एएसपी के रूप में की थी और बाद में कई जिलों में बतौर एसपी सेवाएं दीं. उन्हें एक सख्त लेकिन संवेदनशील अधिकारी के तौर पर जाना जाता था.
बिहार के चंपारण से थे ओम प्रकाश
ओम प्रकाश बिहार के चंपारण जिले से ताल्लुक रखते थे. अपने सेवा काल में उन्होंने कर्नाटक पुलिस में अनुशासन और कार्यकुशलता की मिसाल कायम की थी. उनके दो बेटे हैं, जो इस समय विदेश में कार्यरत हैं और जल्द ही भारत पहुंचने की संभावना है. वहीं, HSR लेआउट पुलिस स्टेशन के अधिकारी मामले की हर दिशा से जांच कर रहे हैं. CCTV फुटेज, मोबाइल डेटा और कॉल रिकॉर्ड की भी गहन जांच की जा रही है ताकि इस सनसनीखेज हत्याकांड की सच्चाई जल्द सामने लाई जा सके.
बिहार के रहने वाले थे पूर्व डीजीपी
बता दें कि, 68 वर्षीय ओम प्रकाश मूल रूप से बिहार के चंपारण के निवासी थे। उन्हें 1 मार्च 2015 को पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया गया था। वे पहले कर्नाटक होम गार्ड्स और फायर ब्रिगेड के महानिदेशक थे और 2015 से 2017 तक राज्य के पुलिस महानिदेशक भी रहे।
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