पूर्व शिक्षिका व कवयित्री रज़िया ख़ातून की पाण्डुलिपि “ख़्वाब भी हक़ीक़त भी” बिहार सरकार राजभाषा विभाग द्वारा चयनित

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# रजिया को मंत्रिमंडल सचिवालय पटना के निदेशक द्वारा अनुदान अनुग्रह राशि 30500 पुरस्कार स्वरूप दिया

श्रीनारद मीडिया‚ मनोज तिवारी‚ छपरा (बिहार)


राजकीय बुनियादी विद्यालय , गुदरी , छपरा नगर से सेवानिवृत्त शिक्षिका एवं कवयित्री रज़िया खातून ‘रज़िया’ की पुस्तक “ख़्वाब भी हक़ीक़त भी” (ग़ज़ल-संग्रह) की पाण्डुलिपि बिहार सरकार मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग , पटना द्वारा स्वीकृत हुई है। इनको ₹ 30500/- की राशि अनुदान पुरस्कार स्वरूप निदेशक , डॉ. महेंद्र पाल , बिहार सरकार , मंत्रिमंडल सचिवालय (राजभाषा) विभाग , पटना द्वारा दिया जायेगा।
कवयित्री रज़िया ख़ातून ‘रज़िया’ गोपालगंज जिले के कोटवाँ , बरौली प्रखंड की निवासी हैं और साहित्य-साधना में लगी हैं। विदित हो कि ये हिंदी , उर्दू एवं भोजपुरी के मशहूर ओ मारूफ़ कवि , शायर एवं लेखक डाॅ. ‘ऐनुल’ बरौली की शरीके-हयात हैं। रज़िया ख़ातून ‘रज़िया’ “बज़्म-ए-हबीब” साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था की उपाध्यक्षा सहित “हबीब भोजपुरी विकास मंच” छपरा , सारण (बिहार) की अध्यक्षा भी हैं।
रज़िया ख़ातून ‘रज़िया’ के ग़ज़ल-संग्रह “ख़्वाब भी हक़ीक़त भी” में आपको ज़िन्दगी के खट्टे-मीठे तजरबात मिलेंगे।
इनका एक शेर है———
मिले हैं तजरबात जो ज़िन्दगी से ,
उन्हें ख़्वाब समझो या समझो हक़ीक़त ।
रज़िया ख़ातून ‘रज़िया’ को बिहार सरकार , राजभाषा विभाग , पटना द्वारा पाण्डुलिपि अनुदान पुरस्कार मिलने से साहित्यिक जगत् में ख़ुशी है। इनको बधाई और शुभकामनाएँ देने वालों में डाॅ. जौहर शाफियाबादी , प्रो.(डाॅ.) शहनाज़ हसन , शाहिद हसन , डाॅ.मन्नू राय , ई.नोमान अहमद , कवयित्री शाफ़िया हसन ‘शाफ़ी’ , डाॅ.शहज़ाद आलम , मो. रियाजुद्दीन अहमद , प्रो.(डाॅ.) नसीम अंसारी आदि मुख्य हैं।

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