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भारत एवं UAE के बीच चार समझौतों पर हुआ हस्ताक्षर

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अबू धाबी के वली अहद (युवराज) शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ व्यापक वार्ता की और दोनों देशों ने समग्र रणनीतिक संबंधों को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करते हुए ऊर्जा सहयोग बढ़ाने के लिए चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) और इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड (IOCL) के बीच दीर्घकालिक एलएनजी आपूर्ति के लिए एक समझौता और एडीएनओसी और इंडिया स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व लिमिटेड के बीच एक समझौता भी उन चार समझौतों में शामिल हैं।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, अमीरात परमाणु ऊर्जा कंपनी (ईएनईसी) और न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनपीसीआईएल) ने भी बाराकाह परमाणु ऊर्जा संयंत्र के संचालन और रखरखाव के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। चौथा समझौता अबू धाबी तटवर्ती ब्लॉक-वन के लिए ऊर्जा भारत और एडीएनओसी के बीच उत्पादन रियायत समझौता है। भारत में फूड पार्क स्थापित करने के लिए गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंट होल्डिंग कंपनी पीजेएससी के बीच एक अलग समझौता किया गया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि मोदी और युवराज अल नाहयान ने व्यापक रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने के उद्देश्य से भारत और यूएई के बीच बहुआयामी संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत-यूएई संबंधों में शानदार प्रगति हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज अबू धाबी के युवराज शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान से मुलाकात की।’’

जायसवाल ने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने बहुआयामी भारत-यूएई संबंधों और नए एवं उभरते क्षेत्रों में व्यापक रणनीतिक साझेदारी को व्यापक बनाने के अवसरों पर चर्चा की।’’ नाहयान अपनी दो दिवसीय भारत यात्रा के तहत रविवार को नयी दिल्ली पहुंचे। मोदी से बातचीत के बाद शाह ने राजघाट जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

जायसवाल ने एक अन्य पोस्ट में कहा, ‘‘उनकी शिक्षाएं हमें प्रेरित करती रहती हैं। हम यूएई के साथ अपनी दोस्ती को मजबूत कर रहे हैं।’’ समझा जाता है कि अपनी बातचीत के दौरान मोदी और अल नाहयान ने गाजा में स्थिति सहित वैश्विक चुनौतियों पर भी विचार-विमर्श किया। भारत-यूएई संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में काफी प्रगाढ़ता आई है। अगस्त 2015 में मोदी की यूएई की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था।

दोनों देशों ने द्विपक्षीय व्यापार के लिए भारतीय रुपये और दिरहम (संयुक्त अरब अमीरात की मुद्रा) के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) और जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान (एलसीएस) प्रणाली पर हस्ताक्षर किए।आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2022-23 में लगभग 85 अरब अमेरिकी अमरीकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ दोनों देश एक-दूसरे के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों में से हैं। 2022-23 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भी यूएई, भारत में शीर्ष चार निवेशकों में शामिल है।

यूएई में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं। पिछले साल भारत की अध्यक्षता में हुए जी20 शिखर सम्मेलन में यूएई को बतौर विशेष आमंत्रित देश न्योता दिया गया था। भारत की अध्यक्षता के दौरान जी20 समूह के लिए विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में यूएई को आमंत्रित किया गया था। फरवरी 2023 में भारत-यूएई-फ्रांस (यूएफआई) त्रिपक्षीय रूपरेखा को औपचारिक रूप से शुरू किया गया था। भारत के सक्रिय समर्थन के साथ, यूएई मई 2023 में एससीओ में संवाद भागीदार के रूप में शामिल हुआ।

यूएई भी भारत के समर्थन से एक जनवरी को ब्रिक्स में सदस्य के रूप में शामिल हुआ था। भारत-यूएई रक्षा सहयोग में भी पिछले कुछ वर्षों में एक नई गति देखी गई है। जनवरी 2024 में, राजस्थान में पहला भारत-यूएई द्विपक्षीय सेना अभ्यास ‘डेजर्ट साइक्लोन’ आयोजित किया गया था।

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