चार दिवसीय मधु मक्खी पालन प्रशिक्षण हुआ समपन्न
श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सिवान (बिहार):
कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आयोजित चार दिवसीय मधु मक्खी पालन प्रशिक्षण शनिवार को समापन हो गया । केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक अध्यक्ष डॉ अनुराधा रंजन कुमारी द्वारा प्रशिक्षण प्रमाण पत्र सभी प्रशिक्षणार्थियों को दिया गया । उन्होंने मधुमक्खी पालन से होने वाले लाभ तथा उत्पाद के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई ।
जैसे मधुमक्खी पालन कर शहद, मोम, प्रोप्रोलिस, पराग, मौन बिष, मधु अवलेह के साथ कृषि के उत्पादन में वृद्धि को बताया गया। मधुमक्खी पालन का उचित स्थान समय एवं जीवन चक्र पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रशिक्षण का आयोजन बैज्ञानिक फसल सुरक्षा डॉ नंदीशा सी वी द्वारा किया गया ।
उन्होंने चार दिवसीय कार्यक्रम में मधुमक्खी पालन के प्रयोग में किए जाने वाले उपकरण मधुमक्खी बक्सा , मोमी छत्तधार रानी रोकपट, स्टैंड, धुवाकर हाइब टूल, मुह रक्षक जाली, स्वार्म पकड़ने का थैला, बी ब्रश भोजन पात्र, रानी पिंजरा , क्वींन गेट , रानी कोश रक्षक , डम्मी बोर्ड, चाकू, प्राग ट्रे, दस्ताना ,नमी सूचक यंत्र एवं मधुमक्खियों के जीवाणु जनित रोग विषाणु जनित रोग एवं उनके प्रबंधन की विस्तृत जानकारी दी।
डॉ हर्षा बी आर द्वारा मधुमक्खी पालन हेतु साल भर फसल चक्र अपनाकर खेती करने की सलाह दी गई।डॉ जोहान दाखो द्वारा सब्जियों की खेती करने के साथ मधुमक्खी पालन कर सब्जियों की उत्पादन में वृद्धि करने की सलाह दी गई। इंजीनियर कृष्ण बहादुर छेत्री कृषि अभियंता द्वारा मधुमक्खी की एपीस मेलीफेरा प्रजाति के पालन कर अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की जानकारी दी गई साथ ही साथ मधु एवं अन्य उत्पाद के मार्केटिंग करने का तरीका का विस्तृत जानकारी दी गई ।
प्रशिक्षुओं में राहुल कुमार , गीता देवी, शांति देवी, कुंदन कुमार , दीपक कुमार सहित 39 प्रशिक्षणार्थियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
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