जिले में सघन मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के चौथे चरण की शुरुआत आज से, तैयारी पूरी
नियमित टीकाकरण अभियान अंतर्गत दो वर्ष तक के बच्चे और गर्भवती महिलाओं का होगा टीकाकरण:
जिले में 730 चिह्नित स्थलों पर कुल 13305 बच्चों एवं 2335 गर्भवती माता को टीकाकरण का लक्ष्य:
श्रीनारद मीडिया, किशनगंज, (बिहार):
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 25 दिसंबर 2014 को मिशन इंद्रधनुष की शुरुआत की थी। आईएमआई 4.0 के तीन राउंड की योजना बनाई गई है, जिससे कोविड- 19 महामारी के कारण सामने आई कमियों को पूरी की जा सके। जिलों को नवीनतम राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 रिपोर्ट के अनुरूप टीकाकरण कवरेज, स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली (एचएमआईएस) के आंकड़ों और टीके से बचाव योग्य बीमारियों की संख्या के आधार पर चिह्नित किया गया है। मिशन इंद्रधनुष एक बूस्टर टीकाकरण कार्यक्रम है जो टीकाकरण का कवरेज अधिक करने के लिए चिह्नित जिलों में चलाया जाता है। जिले में आज से मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत आगामी 13 मार्च तक नियमित टीकाकरण को गति देने एवं वंचित बच्चों को सात प्रकार के वायरस से बचाव के वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जाएगी। इस उद्देश्य से संचालित इस अभियान की सफलता को लेकर विभागीय स्तर से जरूरी तैयारियां की जा चुकी हैं। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को लेकर सभी स्वास्थ्य अधिकारी व सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों को जरूरी दिशा निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि सत्रवार सर्वे के आधार पर लाभार्थियों की ड्यू लिस्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है। प्रखंडवार अभियान की शुरूआत संबंधित बीडीओ, सीडीपीओ व अन्य प्रखंडस्तरीय अधिकारियों की मौजूदगी में की जानी है। अभियान के सफल संचालन को लेकर क्षेत्र में सघन जागरूकता अभियान संचालित करने को कहा गया है। हर स्तर पर अभियान की निगरानी व अनुश्रवण के लिये कर्मियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। सेशनवार सभी जरूरी लॉजिस्टिक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व टीकाकरण सत्रों की साज-सज्जा को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं।
मिशन इंद्रधनुष 7 बीमारियों से बचाने में सहायक:
मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली 7 प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियोमाइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस और खसरा का खतरा कम होगा। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि टीकों की संख्या 12 होती है। इसमें खसरा रूबेला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है।
कुल 305 स्थानों पर टीकाकरण सत्र होंगे संचालित :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम की सफलता को ले केंद्र सरकार के स्तर से जरूरी दिशा-निर्देश दिये गये हैं। अभियान के क्रम में कोरोना संक्रमण की वर्तमान चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा संबंधी सभी मानकों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जाना है। जिले के सातों प्रखंड में कुल 730 चिह्नित स्थलों पर मिशन इन्द्रधनुष के तहत कुल 13305 बच्चों एवं 2335 गर्भवती माता को टीकाकरण का लक्ष्य है। सत्र के निर्धारण में कम आच्छादन वाले टीकाकरण सत्र व ऐसे जगहों को चिह्नित किया गया जहां बीते छह माह के दौरान कम से कम दो बार नियमित टीकाकरण सत्र संचालित नहीं हो सके हैं। ईंट भट्ठा, दूर-दराज के ग्रामीण इलाके, मलिन बस्तियां सहित अन्य स्थानों पर सत्र संचालन को प्राथमिकता दी गयी है।
नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देना अभियान का उद्देश्य :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डॉ. कुमार ने बताया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया प्रभावित हुई है। इसमें सुधार के लिये विशेष प्रयास की जरूरत है। मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष 4.0 के तहत जिला भर में पहले चक्र का अभियान 07 मार्च से शुरू होगा। मिशन इन्द्रधनुष का दूसरा चरण 04 अप्रैल व तीसरा चरण 02 मई से शुरू होगा। गौरतलब है कि नियमित टीकाकरण के मामले में फिलहाल जिले की उपलब्धि 60 फीसदी के करीब है। 02 वर्ष उम्र तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत 100 फीसद तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा।
कई जानलेवा बीमारियों से सुरक्षा के लिहाज से टीकाकरण जरूरी :
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकरी डॉ. कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाएं व दो वर्ष तक के बच्चों को विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिये नियमित टीकाकरण बेहद जरूरी है। मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत जिला के सभी 7 प्रखंडों के चयनित स्थलों पर गर्भवती महिलाएं व बच्चों के टीकाकरण का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा। यहां दो वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी मिजल्स, विटामीन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज व बूस्टर ओपीवी के टीके लगाये जायेंगे। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को अभियान के क्रम में टेटनेस- डिप्थेरिया के टीके लगाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के सभी बच्चों व सभी गर्भवती महिलाओं तक टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित कराना मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।
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