G-20 समिट का हुआ समापन, ब्राजील को मिली अध्यक्षता

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 पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति को सौंपी अध्यक्षता

 

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

शिखर सम्मेलन का आज दूसरा दिन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दूसरे दिन की कमान ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो को सौंपी हैं। पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा- मैं राष्ट्रपति लुइज इनासियो को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं और उन्हें G 20 की अध्यक्षता सौंपता हूं।

पीएम मोदी ने G20 के पहले दिन सभी वैश्विक नेताओं का भारत की धरती पर स्वागत किया था। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ‘भारत दुनिया से वैश्विक विश्वास की कमी को विश्वास और निर्भरता में बदलने का आह्वान करता है। यह हम सभी के लिए एक साथ आगे बढ़ने का समय है।’

वहीं, G20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते गुरुवार (8 सितंबर) को भी विभिन्न देशों के जनप्रतिनिधियों के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। PM मोदी ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन, मॉरीशस के पीएम प्रविंद कुमार जुगनाथ के साथ द्विपक्षीय वार्ता में शामिल हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। पीएम मोदी ने अपने एक्स पोस्ट में कहा, राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा के साथ एक बेहतरीन मुलाकात हुई। भारत और ब्राजील के बीच संबंध बहुत मजबूत हैं। हमने दोनों देशों के बीच कृषि, प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में व्यापार और सहयोग को बढ़ावा देने के तरीकों के बारे में बात की। मैंने ब्राजील को आगामी G20 अध्यक्षता के लिए भी अपनी शुभकामनाएं दीं।

G-20 शिखर सम्मेलन का आज समापन हो चुका है। इस समापन की घोषणा पीएम मोदी ने की। इस मौके पर जी-20 डिक्लेरेशन पर बनी आम सहमति पर अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के महानिदेशक गिल्बर्ट एफ होंगबो ने कहा, “…मैं इस डिक्लेरेशन के लिए भारत की अध्यक्षता को बधाई देना चाहता हूं। वार्ता आसान नहीं है लेकिन मुझे खुशी है कि इस पर आम सहमति बनी। जो एक सकारात्मक विकास है… न केवल वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर बल्कि हम एक ऐसे भविष्य की तरफ बढ़ रहे हैं जहां हम अर्थव्यवस्था और जीवन की प्रौद्योगिकी और AI पर ज्यादा निर्भरता की ओर ले जा रहे हैं। ऐसे में यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि हम यह वास्तव में मानव केंद्रित हो…।”

G-20 शिखर सम्मेलन का समापन हो चुका है। पीएम मोदी ने खुद इसका एलान किया। समापन के बाद अलग-अलग मुद्दों पर किन बातों को लेकर चर्चा हुई है उसको लेकर मीडिया के बातचीत में बताया जा रहा है। इस मौके पर वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने कहा, “बहुपक्षीय विकास बैंक को कैसे मजबूत बनाना है, उनके मैंडेट कैसे सुदृढ़ बनाने हैं, उसके लिए कैसे धनराशि की व्यवस्था करनी है, उन्हें कैसे आगे ले जाना है उसपर सहमति बनी है…मुख्य तौर पर क्रिप्टो तकनीक कैसे सहायक हो सकती है, उसके क्या पॉलिसी रिस्क हैं और इसके क्या विनियम होने चाहिए इसपर नेताओं से एक मजबूत समर्थन मिला है…”

G-20 शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा पीएम मोदी कर चुके हैं। सम्मेलन के समापन के बाद भाग लिए हुए सभी देशों के राष्ट्रअध्यक्ष एक-एक कर  पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। इस मौके पर जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कहा, “इस वर्ष के अध्यक्ष के रूप में भारत के नेतृत्व में, हम जी 20 नेताओं की घोषणा पर सहमत होने में सक्षम थे जो वास्तव में एक सार्थक उपलब्धि है। जापान जी 7 के नतीजों को जी 20 तक पहुंचाने के इरादे से बातचीत में लगा हुआ है और हम हिरोशिमा शिखर सम्मेलन में पुष्टि किए गए बिंदुओं को जी 20 को सौंपने में सक्षम थे। मैं जी 7 और जी 20 द्वारा दिए गए परिणामों का पालन करने के लिए अन्य नेताओं के साथ काम करने के लिए उत्सुक हूं…

रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने जलवायु परिवर्तन और  पश्चिम द्वारा उठाए गए कदमों पर वह बोले, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा, “… पश्चिम ने भी बहुत पहले जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक परिणामों का मुकाबला करने के लिए अर्थशास्त्रियों को तैयार करने के लिए प्रति वर्ष 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने का वादा किया था, लेकिन उस पर कुछ भी नहीं किया गया है। घोषणा में उन कार्यों का भी उल्लेख है जिन्हें वैश्विक अर्थव्यवस्था में हितों का संतुलन सुनिश्चित करने के लिए लंबे समय से किए गए वादों के अनुसार करने की आवश्यकता है…”

G-20 शिखर सम्मेलन के लिए भारत मंडपम में विदेशी मेहमानों के लिए एक प्रदर्शनी लगाई गई है। इस प्रदर्शनी में कई देशों के राष्ट्रअध्यक्ष और प्रतिनिधि शामिल हुए। भारत मंडपम में लगी इस प्रदर्शनी पर यूके प्रतिनिधि फ्रेडी ने कहा, “यह एक बेहतरीन अनुभव है। हम बहुत सी चीजें अपने साथ यूके वापस ले जाना चाहेंगे… कई महत्वपूर्ण चीजों पर चर्चा करने के लिए सभी नेताओं को एक साथ लाना हमेशा अच्छा होता है, उस समय बहुत सारे ऐतिहासिक क्षण घटित होते हैं। यूक्रेन स्पष्ट रूप से चर्चा का एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है और यूक्रेन के लिए हमारा समर्थन यूके के एजेंडे में सबसे ऊपर है।”

G-20 शिखर सम्मेलन में मेहमानों के लिए एक प्रदर्शनी भी रखी गई थी। इस प्रदर्शनी में WTO प्रतिनिधि निकोल मेन्सा ने भी भाग लिया। इस मौके पर उन्होंने न्यूज एजेंसी एएनआइ से बातचीत में बताया कि भारत मंडपम में लगी प्रदर्शनी पर WTO प्रतिनिधि निकोल मेन्सा ने कहा, “यह एक बेहद सुंदर प्रदर्शनी है और मुझे लगता है कि वस्तुओं, कपड़ों, कलाकृतियों को देखना ही भारतीय संस्कृति का एक सुंदर प्रदर्शन है… एक अफ्रीकी के रूप में, मैं भी बहुत खुश हूं कि अफ्रीकन यूनियन को जी 20 में शामिल किया गया है। हमारे लिए यह बहुत फायदेमंद है।”

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो ने दूसरे दिन के अपनी अध्यक्षता में बोले, “जब हम महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए गए उस समय मैं बहुत भावुक हो ऊठा था। मेरे राजनीतिक जीवन में महात्मा गांधी का बहुत महत्व है क्योंकि अहिंसा का मैंने कई दशकों तक अनुसरण किया है, जब मैं श्रमिक आंदोलन के लिए लड़ा था। यही कारण है कि जब मैंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की तो मैं भावुक हो उटा था।”

G-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन पीएम मोदी ने सम्मेलन को समाप्त करते हुए कहा कि, “…भारत के पास नवंबर तक G 20 की अध्यक्षता है। इन दो दिनों में आपने कई बातें और प्रस्ताव रखे हैं। हमारी ज़िम्मेदारी है कि जो सुझाव आए और देखा जाए कि उनकी प्रगति में गति कैसे लाई जा सकती है। मेरा प्रस्ताव है कि हम नवंबर के अंत में G 20 का एक और वर्चुअल सेशन रखें। इसमें हम इस समिट के दौरान में हुई तय विषयों की समीक्षा कर सकते हैं। इस सबका ब्योरा हमारी टीम आपके साथ साझा करेगी। मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब इससे जुड़ेंगे।”

ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा ने कहा, “… हम एक ऐसी दुनिया में रह रहे हैं जहां धन अधिक केंद्रित है, जहां लाखों मनुष्य अभी भी भूखे रहते हैं, जहां सतत विकास को हमेशा खतरा रहता है, जिसमें सरकारी संस्थान अभी भी वास्तविकता को प्रतिबिंबित करते हैं। हम इन सभी समस्याओं का सामना तभी कर पाएंगे जब हम असमानता के मुद्दे पर ध्यान देंगे – आय की असमानता, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, भोजन, लिंग और नस्ल तक पहुंच और प्रतिनिधित्व की असमानता भी इसके मूल में है।”

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