G20 Summit:नई दिल्ली में होगा G20 शिखर सम्मेलन
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
भारत वर्तमान समय में G-20 देशों के समूह का अध्यक्ष है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 9 एवं 10 सितंबर 2023 को देश की राजधानी नई दिल्ली में G-20 शिखर सम्मेलन आयोजित किया जाने वाला है। नई दिल्ली में 18वां शिखर सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है। जी20 दुनिया के 20 देशों का एक समूह है। इस समूह में 19 देश एवं यूरोपीय संघ शामिल होते हैं। जब सम्मेलन का आयोजन किया जाता है तब सभी देशों के राष्ट्राध्यक्ष और उनके साथ आने वाले अन्य सदस्य भाग लेते हैं।
G20 में ये देश हैं शामिल
G-20 देशों के समूह में 19 देश और यूरोपीय संघ शामिल है। इन सभी देशों के नाम निम्नलिखित हैं-
अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, कोरिया गणरज्य, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूके, अमेरिका एवं यूरोपीय संघ।
G20 के आमंत्रित सदस्य
इन परमानेंट सदस्यों के अलावा भारत की तर्ज से G20 के लिए कुछ अन्य देशों को भी आमंत्रित किया गया है। यह देश बांग्लादेश, मिस्त्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान सिंगापुर, स्पेन एवं संयुक्त अरब अमीरात हैं।
यह एजेंसियां रखेंगी सुरक्षा का ध्यान
विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष इस सम्मेलन में भाग लेंगे जिनकी सुरक्षा का ध्यान कुछ एजेंसियां रखेंगी। इनमें से कुछ प्रमुख एजेंसीज RAW, SWAT-DP, CIA (US), MI6 (UK), MSS (China) आदि हैं। इन सभी एजेंसियों की जानकारी आप यहां से प्राप्त कर सकते हैं।
रॉ (RAW)
रॉ का पूरा नाम Research and Analysis Wing (रिसर्च एंड एनलाइसिस विंग) है। यह हमारे देश की प्रमुख सिक्योरिटी एजेंसी है। इस एजेंसी का गठन भारत-चीन युद्ध के बाद 21 सितंबर 1968 को किया गया था। इसका प्रमुख कार्य देश को आंतरिक और बाहर आतंकी गतिविधियों पर नजर रखना और खुफिया जानकारी को इकठ्ठा करना है।
SWAT और दिल्ली पुलिस
26/11 हमें के बाद SWAT-DP का गठन किया गया था। यह विशेष प्रकार के कमांडो होते हैं जिन्हें नेशनल सिक्योरिटी गार्ड के तहत कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है। इनका प्रमुख कार्य आतंकी हमले से लड़ना होता है। स्वाट टीम के सदस्य विशेष सेल के अंतर्गत कार्य करते हैं। स्वाट कमांडों भी G20 समिट में सुरक्षा के मद्देनजर अहम भूमिका निभाने वाले हैं।
इसके अलावा दिल्ली पुलिस भी सुरक्षा में अपनी भूमिका अदा करेगी। दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के अंतर्गत आती है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था की कमान दिल्ली पुलिस को दी जाती है।
CIA (सीआईए)
सीआईए को सेन्ट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के नाम से जाना जाता है। यह एजेंसी यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका की खुफिया एजेंसी है। यह एजेंसी देश के खिलाफ हो रहे मिशन से जुड़ी जानकारी इकठ्ठा कर देश को सुरक्षा प्रदान करने का काम करती है।
MI6 (SIS)
यह सुरक्षा एजेंसी यूनाइटेड किंगडम (UK) की है। इस एजेंसी को सीक्रेट इंटेलिजेंस सर्विस (Secret Intelligence Service) के नाम से जाना जाता है। यह एजेंसी खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, विदेश में सीक्रेट ऑपरेशन को अंजाम देने का कार्य करती है।
MSS (एमएसएस)
रॉ, आईएसआई, एमआई-6, सीआईए के की तरह ही चीन देश की सीक्रेट एजेंसी MSS है जिसको राज्य सुरक्षा मंत्रालय (MSS) कहा जाता है। इस एजेंसी का गठन 1983 में किया गया था। इसका कार्य भी अन्य एजेंसियों की तरह है राष्ट्रीय सुरक्षा का है।
विदेश मंत्रालय (Ministry of External Affairs- MEA) ने घोषणा की कि भारत वर्ष 2023 में नई दिल्ली में G-20 समूह के नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी करेगा।
- 17वाँ G20 राष्ट्राध्यक्षों और शासनाध्यक्षों का शिखर सम्मेलन नवंबर 2022 में इंडोनेशिया में होगा, जिसके बाद भारत दिसंबर 2022 से G20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा।
- भारत एक वर्ष की अवधि के लिये G20 की अध्यक्षता करेगा।
प्रमुख बिंदु:
- अतिथि देश:
- भारत, G20 अध्यक्ष के तौर पर बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात को अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित करेगा।
- ट्रोइका:
- अध्यक्षता के दौरान भारत, इंडोनेशिया और ब्राज़ील ट्रोइका का गठन करेंगे। यह पहली बार होगा जब ट्रोइका में तीन विकासशील देश और उभरती अर्थव्यवस्थाएँ शामिल होंगी, जो उन्हें वैश्विक शक्तियों के मध्य बढ़त प्रदान करेंगी।
- ट्रोइका, G20 के भीतर शीर्ष समूह को संदर्भित करता है जिसमें वर्तमान, पिछले और आगामी अध्यक्ष पद वाले देश (इंडोनेशिया, भारत और ब्राज़ील) शामिल हैं।
- प्राथमिकताएँ:
- समावेशी, न्यायसंगत और सतत् विकास,
- जीवन (पर्यावरण के लिये जीवन शैली),
- महिला सशक्तीकरण;
- स्वास्थ्य, कृषि और शिक्षा से लेकर वाणिज्य तक के क्षेत्रों में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एवं तकनीक-सक्षम विकास,
- कौशल-मानचित्रण, संस्कृति और पर्यटन; जलवायु वित्तपोषण; चक्रीय अर्थव्यवस्था; वैश्विक खाद्य सुरक्षा; ऊर्जा सुरक्षा; ग्रीन हाइड्रोजन; आपदा जोखिम में कमी तथा अनुकूलन;
- विकासात्मक सहयोग; आर्थिक अपराध के विरुद्ध लड़ाई; और बहुपक्षीय सुधार।
G-20 समूह:
- परिचय:
- G20 का गठन वर्ष 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था।
- इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल करके वैश्विक वित्तीय स्थिरता को सुरक्षित करना है।
- साथ में G20 देशों में दुनिया की 60% आबादी, वैश्विक जीडीपी का 80% और वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है।
- सदस्य:
- G20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
- स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है।
- G20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राज़ील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्राँस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
- अध्यक्षता:
- G20 की अध्यक्षता प्रत्येक वर्ष सदस्यों के बीच चक्रीय रूप से प्रदान की जाती है और अध्यक्ष पद धारण करने वाला देश पिछले और अगले अध्यक्षता धारक के साथ मिलकर G20 एजेंडा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिये ‘ट्रोइका‘ बनाता है।
- इटली, इंडोनेशिया और भारत अभी ट्रोइका देश हैं और इंडोनेशिया के पास वर्तमान अध्यक्ष पद है।
- G20 की अध्यक्षता प्रत्येक वर्ष सदस्यों के बीच चक्रीय रूप से प्रदान की जाती है और अध्यक्ष पद धारण करने वाला देश पिछले और अगले अध्यक्षता धारक के साथ मिलकर G20 एजेंडा की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिये ‘ट्रोइका‘ बनाता है।
- अधिदेश:
- G20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। एजेंडा और कार्य का समन्वय G20 देशों के प्रतिनिधियों द्वारा किया जाता है, जिन्हें ‘शेरपा‘ के रूप में जाना जाता है, जो केंद्रीय बैंकों के वित्त मंत्रियों और गवर्नरों के साथ मिलकर काम करते हैं।
- समूह का प्राथमिक जनादेश अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिये है, जिसमें दुनिया भर में भविष्य के वित्तीय संकटों को रोकने हेतु विशेष ज़ोर दिया गया है।
- यह वैश्विक आर्थिक एजेंडा को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- वर्ष 1999-2008 से केंद्रीय बैंक के गवर्नरों और वित्त मंत्रियों के समूह से लेकर राज्यों के प्रमुखों तक के मंच को मज़बूत किया गया।
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