सारण तटबंध के निचले इलाकों के सैकड़ो घरो में घुसा गंडक का पानी
गंडक के लगातार बढ़ते जलस्तर से बाढ़ की स्थिति गंभीर ।
प्रशासनिक उपेक्षा से बाढ़ पीड़ितों में आक्रोश
कोंध मुखिया रूबी देवी द्वारा की गई है दो नाव की व्यवस्था
श्रीनारद मीडिया, अमृता मिश्रा, पानापुर,सारण (बिहार):
नेपाल के जलग्रहण क्षेत्रो में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश एवं नेपाल द्वारा वाल्मीकिनगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने से गंडक नदी पूरे उफान पर है।नेपाल द्वारा बुधवार को ढाई लाख क्युसेक पानी छोड़ा गया था जिस कारण गंडक नदी का जलस्तर पिछले तीन दिनों से उफान पर है ।गंडक नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से सारण तटबंध के निचले इलाकों में बसे पृथ्वीपुर ,सलेमपुर सोनवर्षा
,बसहिया , उभवा सारंगपुर ,रामपुररुद्र 161 आदि गांवों के सैकड़ों घरो में पानी प्रवेश कर गया है जिससे बाढ़ की स्थिति विकराल हो गयी है।बाढ़पीड़ित अपने जरूरी साजो सामान एवं मवेशियों के साथ एक बार फिर सारण तटबंध पर शरण लेने को मजबूर हैं।वही गत माह आयी बाढ़ से क्षतिग्रस्त रामपुररुद्र 161 गांव को जानेवाली सड़क पर फिर दो फीट से ज्यादा पानी का बहाव हो रहा है जिससे इस गांव का सड़क संपर्क एक बार फिर टूट गया है।इस बीच नेपाल द्वारा शनिवार को छोड़े गए पौने तीन लाख पानी के रविवार की देर रात तक पहुँचने की संभावना है जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर होने की संभावना है।
प्रशासनिक उपेक्षा से बाढ़पीड़ितों में आक्रोश
प्रशासनिक स्तर पर नाव की उपलब्धता नही होने से बाढ़पीड़ितों में गुस्सा देखा जा रहा है। नाव की अनुपलब्धता एवं सड़क संपर्क भंग हो जाने के कारण रामपुररुद्र 161 गांव के लोगो को जरूरी सामानों की खरीददारी के लिए जान जोखिम में डाल कर जाना पड़ रहा है।हालांकि कोंध पंचायत की मुखिया रूबी देवी द्वारा इस गांव के लिए दो नावों की व्यवस्था की गयी है जो नाकाफी साबित हो रहा है।इस मामले को लेकर जब सीओ रणधीर प्रसाद से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि एक दो दिन में बाढ़ का पानी उतर जाएगा।अगर एक सप्ताह तक यही स्थिति रहती है तो प्रशासनिक स्तर पर नाव की व्यवस्था की जाएगी।बाढ़ नियंत्रण विभाग के सहायक अभियंता विनोद कुमार ने बताया कि नेपाल द्वारा लगातार पानी छोड़े जाने से नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।उन्होंने बताया कि नेपाल द्वारा छोड़ा गया ढाई लाख क्युसेक पानी पानापुर की सीमा से गुजर गया है।वही शनिवार को नेपाल द्वारा छोड़े गए पौने तीन लाख क्युसेक पानी भी आसानी से निकल जाएगा।उन्होने बताया कि सारण तटबंध को फिलहाल कोई खतरा नही है।
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