क्रिकेट की दुनिया में गावस्कर की फिफ्टी.

क्रिकेट की दुनिया में गावस्कर की फिफ्टी.

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

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Happy Birthday Sunil Gavaskar: भारतीय टीम के सर्वकालिक महान बल्लेबाजों में सुनील गावस्कर का नाम शायद सबसे ऊपर आएगा, क्योंकि खुद क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर उनको अपना आदर्श मानते हैं। आज 10 साल के बाद भारत में और खासकर मुंबई में अपना 71वां जन्मदिन मना रहे सुनील गावस्कर ने दैनिक जागरण के पत्रकार अभिषेक त्रिपाठी से अपने जन्मदिन के मौके पर बात भी की। इस दौरान उन्होंने कई ऐसे वाकये बताए जो लोगों को नहीं मालूम थे।

सुनील गावस्कर की महानता की कहानी उनके आंकड़े बयां करते हैं, क्योंकि उन्होंने 22 गज की पट्टी पर काफी क्रिकेट खेला है और आज भी उनका आंकलन सटीक होता है। ऐसे में उनके जन्मदिन के मौके पर जानिए उनसे जुड़ी कुछ खास बातें।

1. सुनील गावस्कर ने 1971 में वेस्टइंडीज के खिलाफ उसकी सरजमीं पर टेस्ट पदार्पण किया और अपनी पहली ही सीरीज में 774 रन बनाए। यह पदार्पण टेस्ट सीरीज में आज भी सर्वाधिक रन का विश्व रिकॉर्ड है। 774 रन के साथ गावस्कर वेस्टइंडीज के खिलाफ एक सीरीज में सर्वाधिक टेस्ट रन बनाने वाले बल्लेबाज भी हैं।

2. टेस्ट क्रिकेट में 9000 और 10000 रन पूरे करने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर सुनील गावस्कर थे। गावस्कर जब रिटायर हुए तो उनके नाम 10122 रन थे जो तब सर्वाधिक टेस्ट रन का विश्व रिकॉर्ड था। इसे बाद में ऑस्ट्रेलिया के एलन बॉर्डर (11174) ने तोड़ा। बॉर्डर को मिलाकर कुल 11 बल्लेबाज अब टेस्ट क्रिकेट में गावस्कर से ज्यादा रन बना चुके हैं, जिसमें विश्व रिकॉर्ड भारत के ही सचिन तेंदुलकर (15921) के नाम है।

3. ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रैडमैन का 29 टेस्ट शतक का विश्व रिकॉर्ड सुनील गावस्कर ने तोड़ा था। गावस्कर 34 शतक का विश्व रिकॉर्ड बनाकर 1987 में रिटायर हुए थे। बाद में 2005 में उनका यह रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर (51) ने तोड़ा, जिनके नाम अब भी सर्वाधिक टेस्ट शतक का विश्व रिकॉर्ड है। वैसे अब कुल पांच बल्लेबाज गावस्कर से ज्यादा टेस्ट शतक बना चुके हैं.

4. वेस्टइंडीज के खिलाफ सर्वाधिक रन और शतक का टेस्ट रिकॉर्ड भी गावस्कर के नाम है। गावस्कर ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 2749 रन बनाए हैं और 13 शतक जड़े हैं।

5. टेस्ट क्रिकेट में तीन बार दोनों पारियों में शतक जड़ने की उपलब्धि हासिल करने वाले दुनिया के पहले बल्लेबाज गावस्कर थे। उनके इस विश्व रिकॉर्ड को बाद में ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और डेविड वार्नर ने बराबर किया।

6. गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में 100 कैच लपकने वाले भारत के पहले क्षेत्ररक्षक थे।

7. गावस्कर टेस्ट क्रिकेट में पारी खत्म होने के बाद अंत तक नाबाद रहने वाले भारत के पहले ओपनर थे। उन्होंने यह उपलब्धि पाकिस्तान के खिलाफ 1983 में फैसलाबाद टेस्ट में नाबाद 127 रन बनाकर हासिल की थी।

8. 1980 में विजडन ने गावस्कर को साल के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में शामिल किया था। इसी साल उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।

8. गावस्कर लगातार 100 टेस्ट मैच खेलने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर थे।

10. गावस्कर के नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में सर्वाधिक शतक का सचिन तेंदुलकर के साथ संयुक्त रूप से भारतीय रिकॉर्ड है। दोनों ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 81 शतक लगाए हैं।

11. गावस्कर के मामा माधव मंत्री (चार टेस्ट), बहनोई गुंडप्पा विश्वनाथ (91 टेस्ट व 25 वनडे) और बेटा रोहन गावस्कर (11 वनडे) भी भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल चुके हैं।

12. सुनील गावस्कर और एलन बॉर्डर के सम्मान में 1996 से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का नाम दिया गया।

13. एमसीसी स्पि्रट ऑफ क्रिकेट काउड्रे लेक्चर देने वाले एकमात्र भारतीय सुनील गावस्कर हैं। उन्होंने यह उपलब्धि 2003 में हासिल की थी।

14. अमेरिका के केंटुकी प्रांत के लुइर्विले में अक्टूबर 2017 में एक क्रिकेट मैदान का उद्घाटन किया, जिसे सुनील एम गावस्कर क्रिकेट फील्ड नाम दिया गया। यह किसी भारतीय क्रिकेटर के नाम पर बना पहला अंतरराष्ट्रीय खेल मैदान है।

विराट कोहली और सचिन तेंदुलकर से पहले के दौर में जिस भारतीय बल्लेबाज ने दुनिया भर में सम्मान हासिल किया वह सुनील गावस्कर थे। सनी के नाम से मशहूर गावस्कर ने पूरी दुनिया में अपनी बल्लेबाजी का लोहा मनवाया। इतना ही नहीं, निर्विवाद रूप से सर्वकालीन महानतम बल्लेबाज कहे जाने वाले ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रैडमैन के 29 शतकों के टेस्ट रिकॉर्ड तो टूटने में 35 साल लग गए और उस रिकॉर्ड को भी तोड़ने वाले कोई और नहीं, बल्कि लिटिल मास्टर गावस्कर ही थे।

सुनील गावस्कर ने 34 टेस्ट शतक बनाए थे और उनके करियर में कई तारीखें ऐसी साबित हुई, जो इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित हुई। ऐसी ही एक तारीख आज से 51 साल पहले आई थी, जो उनके करियर के लिए मील का पत्थर साबित हुई थी। असल में वह तारीख थी 21 मार्च 1971, जिस दिन गावस्कर ने टेस्ट क्रिकेट में पहली बार शतक जड़ा और जो बाद में ब्रैडमैन के रिकॉर्ड को तोड़ने के उनके सफर का पहला पड़ाव साबित हुआ। हर किसी के लिए पहला टेस्ट शतक हमेशा खास होता है और गावस्कर के साथ भी ऐसा ही था।

अजित वाडेकर की कप्तानी में 1971 का वेस्टइंडीज दौरा भारतीय क्रिकेट के लिए कई मायनों में अहम साबित हुआ। इसी दौरे ने भारत को सलामी बल्लेबाज के रूप में गावस्कर जैसा रत्न दिया। गावस्कर ने पोर्ट ऑफ स्पेन में खेले गए सीरीज के दूसरे टेस्ट में पदार्पण किया था और दोनों पारियों में अर्धशतक जड़े थे। भारत ने यह टेस्ट सात विकेट से जीता था, जो कैरेबियाई सरजमीं पर भारत की पहली जीत थी। इस सीरीज का तीसरा टेस्ट 19 मार्च को जॉर्जटाउन में शुरू हुआ था। दूसरे टेस्ट के दूसरे दिन गावस्कर 48 रन बनाकर नाबाद लौटे थे। तीसरे दिन यानी 21 मार्च को अब सभी की नजरें गावस्कर पर टिकी थीं। खुद गावस्कर के साथ-साथ सभी को उनके शतक का इंतजार था।

गावस्कर ने पहले अपना अर्धशतक पूरा किया और लगातार तीसरी टेस्ट पारी में 50 के स्कोर को पार करने की उपलब्धि हासिल की। गावस्कर यहीं नहीं रुके और अपने अर्धशतक को शतक में बदलते हुए टेस्ट क्रिकेट में पहली पारी तीन अंकों में पहुंचने की उपलब्धि हासिल की। गावस्कर इस पारी में कुल 116 रन बनाकर आउट हुए और फिर टेस्ट की दूसरी पारी में भी नाबाद 64 रन बनाए। अंत में यह टेस्ट मैच ड्रॉ रहा था, लेकिन इस सीरीज को भारत जीतने में सफल रहा था, जो कैरेबियाई धरती पर भारत की पहली सीरीज जीत थी। पहले टेस्ट शतक के बद गावस्कर ने 33 और टेस्ट शतक जड़े, लेकिन इस पहले शतक के बाद ही उन 33 शतकों की गिनती शुरू होती है।

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