गोरखपुर की पहली लेडी डॉन है गीता तिवारी, इसकी दहशत से लोग कांप उठते है
इस वजह से रखा अपराध की दुनिया में कदम
श्रीनारद मीडिया, सेंट्रल डेस्क:
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक महिला डॉन भी है। इसका नाम गीता तिवारी है और यह जिले की पहली महिला डॉन है। बीते साल इसे गोरखपुर से देवरिया जेल भेजा गया था। उस पर महिला बैरक में गुटबाजी करने और सही आचरण नहीं करने का आरोप लगा था। इसकी कहानी बहुत हैरान करने वाली है।
जानकारी के अनुसार, तिवारीपुर के सूर्य विहार कॉलोनी निवासी गीता तिवारी पर हत्या के प्रयास, लूट और गैंगस्टर सहित कई मामले दर्ज हैं। गीता जिले की पहली महिला गैंगस्टर है। गीता की नातिन के जन्मदिन की पार्टी में दो युवकों को गोली मारी गई थी। गीता पर वर्ष 2019 में कोतवाली, गोरखनाथ और तिवारीपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया था।
गैंगस्टर के तहत हुई कार्रवाई में गीता को जेल भेजा गया था। जमानत मिलने पर उसके खिलाफ एनबीडब्ल्यू (गैर जमानती वारंट) जारी हुआ था। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
20 अक्तूबर 2019 को जमानत पर बाहर आने के बाद एक नवंबर की रात गीता ने जन्मदिन की पार्टी आयोजित की। आरोप है कि इस दौरान उसके साथ कई अपराधी मौजूद थे। किसी बात पर पार्टी में विवाद हो गया, तो गीता ने अपने साथियों के साथ मिलकर नितिश व मोहम्मद आमिर को गोली मारकर घायल कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने दो नवंबर को गीता व उसके साथी जस्सू को गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
डीएम ने कराई शादी
बता दें कि शादी से पहले गीता संवासिनी गृह में रहती थी। हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े शिवकुमार तिवारी से उसकी शादी तत्कालीन डीएम ने कराई थी। शिवकुमार उस समय समाजसेवी था। बाद में वह स्मैक की तस्करी करने लगा। पांच साल पहले शिवकुमार की मौत हो गई तो उसके सभी धंधे को गीता ने संभाल लिया। चोरी के मामलों में जेल गई और घर पर अपराधियों का आना-जाना शुरू हुआ तो पुलिस ने गैंगस्टर लगाकर जेल भेज दिया।
बताते हैं कि शिवकुमार से शादी के बाद गीता आर्केस्ट्रा का संचालन करने लगी थी। तब शिवकुमार पत्नी गीता के साथ कोतवाली इलाके में किराए के मकान में रहता था। करीब दस साल पहले गीता के घर पर छापा पड़ा तो पांच अपराधी पकड़े गए। इस मामले में पहली बार गीता जेल गई थी।
इसके बाद शिवकुमार को हिंदू युवा वाहिनी से निकाल दिया गया। शिवकुमार कहां से आया था इसकी जानकारी किसी को नहीं है। राजाघाट इलाके में वह किराए का कमरा लेकर रहता था। इसी दौरान समाजसेवा करने लगा। हियुवा से निकाले जाने के बाद वह कोतवाली इलाके में किराए का कमरा लेकर रहने लगा और तत्कालीन डीएम के संपर्क में आने के बाद उसकी शादी गीता से हो गई।
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