गीताप्रेस अद्भुत, अकल्पनीय, अविस्मरणीय पल का साक्षी रहा,कैसे?

गीताप्रेस अद्भुत, अकल्पनीय, अविस्मरणीय पल का साक्षी रहा,कैसे?

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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

गीताप्रेस में पहली बार आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को नजदीक से देखने व सुनने के लिए नेपाल, कोलकाता, ऋषिकेश व दिल्ली से भी लोग आए थे। लोग उत्साहित और आनंदित थे। लंबे समय से गीताप्रेस से जुड़े लोग सपरिवार पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि आज गीताप्रेस अद्भुत, अकल्पनीय व अविस्मरणीय पल का साक्षी बना है। पहली बार यहां किसी प्रधानमंत्री का आगमन हमें आनंदित कर गया। मंच पर पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को उत्तरीय, पुष्प गुच्छ व स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया।

पीएम ने शिवपुराण पुस्तक का किया विमोचन

इस अवसर पर पीएम मोदी ने आर्ट पेपर पर पहली बार प्रकाशित चित्रमय शिवपुराण व नेपाली में प्रकाशित शिव महापुराण पुस्तक का विमोचन किया। दर्शकों के बीच मोदी का आकर्षण यह था कि जब मंच से उतरकर वह पंडाल व भवन के बीच बनी गैलरी से जाने लगे तो पंडाल में बैठे लोग पर्दे के पीछे से उनकी फोटो खींच रहे और उन्हें देखने की कोशिश कर रहे थे। पंडाल के अंदर से गैलरी की तरफ पर्दा लगा था। दर्शकों ने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य का क्षण है कि गीताप्रेस में प्रधानमंत्री को इतने निकट से देखा।

वेदपाठी विद्यार्थियों ने किया स्वस्तिवाचन

प्रधानमंत्री ने जब गीताप्रेस में प्रवेश किया तो श्रीऋषिकुल ब्रह्मचर्य आश्रम चुरू, राजस्थान से आए वेदपाठी विद्यार्थियों ने स्वस्तिवाचन से उनका स्वागत किया। इसके बाद वे प्रधानमंत्री के मंच पर पहुंचने तक गीता के श्लोकों का समवेत स्वर में पाठ करते रहे। एक बच्ची ने भी उनका साथ दिया। शिक्षक ईश्वर सिंह राठौर के निर्देशन में निखिल, अजय, सौरभ, तेजस्व, योगेंद्र, ब्रजेश व प्रियांशु ने स्वस्तिवाचन किया।

वितरित की गईं एक हजार पुस्तकें

प्रधानमंत्री का कार्यक्रम खत्म होने के बाद आगंतुकों में एक हजार पुस्तकों का वितरण किया गया। इनमें गीताप्रेस के संस्थापक सेठजी जयदयाल गोयंदका लिखित ‘शोक चिंता कैसे मिटे’ और ‘आनंद कैसे मिले’ पुस्तकें शामिल थीं।

मंच पर चार ट्रस्टियों को मिला प्रधानमंत्री का सानिध्य

मंच पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, राज्यपाल व सदर सांसद रवि किशन के साथ गीताप्रेस के चार ट्रस्टी भी उपस्थित रहे। इसमें ट्रस्ट बोर्ड के अध्यक्ष केशव राम अग्रवाल, जनरल सेक्रेटरी विष्णु प्रसाद चांदगोठिया, ट्रस्टी बैजनाथ अग्रवाल व पूनम चंद अग्रवाल शामिल हैं। ट्रस्टी देवीदयाल अग्रवाल ने प्रधानमंत्री का स्वागत और गीताप्रेस का संक्षिप्त परिचय दिया। प्रबंधक डा. लालमणि तिवारी ने संचालन किया।

क्या कहते हैं लोग

  • मेरा परिवार शुरू से ही गीताप्रेस से जुड़ा है। गीताप्रेस में प्रधानमंत्री को देखने का आकर्षण मुझे खींच लाया है। यह मेरे लिए अविस्मरणीय पल है। नीरज कजारिया, कोलकाता
  • मैं देवरिया आया था। पता चला कि प्रधानमंत्री गीताप्रेस में आ रहे हैं तो प्रबंधन से बात कर यहां आ गया। बहुत पहले से गीताप्रेस से जुड़ा हूं। सुशील अग्रवाल, दिल्ली
  • गीताप्रेस ने पूरी दुनिया में पुस्तकों के माध्यम से सनातन संस्कृति व संस्कारों को पहुंचाया है। यहां प्रधानमंत्री का आगमन आनंदित करने वाला है। जयकिशन सारडा, नेपाल
  • गीताप्रेस परिवार के लिए यह शुभ घड़ी है कि प्रधानमंत्री का सानिध्य मिल रहा है। उन्हें नजदीक से देखने, सुनने और मिलने के लिए मैं यहां चली आई। ऋतु पटवारी, ऋषिकेश
  • गीताप्रेस आने की बहुत दिनों से इच्छा थी। मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं। क्योंकि गीताप्रेस देखने की इच्छा पूरी हुई और वह भी प्रधानमंत्री की उपस्थिति में। दिव्या गोयनका, कोलकाता
  • गीताप्रेस हमारी सांस्कृतिक विरासत है। मैं बहुत दिनों से गीताप्रेस से जुड़ी हूं। आज प्रधानमंत्री के आगमन पर यहां मौजूद हूं। यह मेरा सौभाग्य है। सुमित्रा, नेपाल
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