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मतदाता सूची में लिंगानुपात के अन्तर को किया जाएगा समाप्त: एडीएम - श्रीनारद मीडिया

मतदाता सूची में लिंगानुपात के अन्तर को किया जाएगा समाप्त: एडीएम

मतदाता सूची में लिंगानुपात के अन्तर को किया जाएगा समाप्त: एडीएम

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वोटर लिस्ट में महिला मतदाता को बढ़ाने को ले हुई अहम बैठक

श्रीनारद मीडिया, चंद्रशेखर, छपरा (बिहार):

गड़खा /छपरा. विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक सूची में प्रति एक हजार पुरुष के मुकाबले केवल 875 महिला के नाम शामिल हैं. इस अन्तर को अभियान चला कर कम किया जाएगा. उक्त बातें एडीएम सह गड़खा विधानसभा के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (इआरओ) डॉ गगन ने लिंगानुपात बढ़ाने को लेकर आयोजित बैठक में कहीं.

उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में विषमताओं का सबसे बड़ा कारण सामाजिक मान्यता है. ऐसा माना जाता है कि बेटी शादी के बाद विदा हो जाएगी, इसलिए मतदाता सूची में उसके नाम को शामिल करने के प्रति लोग सक्रिय नहीं होते. आम धारणा है कि बेटा ही मां-बाप का साथ देता है और बुढ़ापे का सहारा बनता है.

वही वंश को आगे भी बढ़ाता है. ससुराल पक्ष मां-बाप की संपत्ति पर बेटी के अधिकार को तो समझता है, लेकिन उनकी सेवा को अपनी जिम्मेदारी नहीं मानता. अगर हम लिंगानुपात को सुधारना चाहते हैं, तो यह मान्यता बदलनी होगी. बेटियों को भी मां-बाप की सेवा के लिए तैयार रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि सारण जिले के प्रति एक हजार पुरुष मतदाता की तुलना में 898 महिला हैं.

जबकि जनसंख्या के आधार पर उनकी संख्या 954 है. इस आंकड़े पर ध्यान दिया जाए तो प्रति हजार पर 56 महिला वोटर कम हैं. लिंगानुपात के इस अन्तर को बराबर करने के लिए जिला निर्वाचन शाखा ने जिलाधिकारी राजेश मीणा के नेतृत्व में अपना अभियान अब तेज कर दिया है. गड़खा में लिंगानुपात 875 है. जो जिला के अनुपात की तुलना में काफी कम है. ऐसे में हमें जागरूक होने की आवश्यकता है.

एडीएम ने यह भी कहा कि वर्तमान समय में शिक्षा और साक्षरता के ग्राफ में लगातार वृद्धि होने के बावजूद लिंगभेद की समस्या बनी हुई है. शिक्षा के प्रभाव के कारण ‘हम दो, हमारे दो का माहौल बना हैै, लेकिन लिंगानुपात में अपेक्षित सुधार नहीं हुआ है.

यह चिंताजनक स्थिति है. बैठक में शामिल पदाधिकारियों ने कहा कि लिंगानुपात में सुधार के लिए जन जागरूकता का सघन अभियान चलाया जाएगा. कम लिंगानुपात वाले क्षेत्रों में लोगों की नकारात्मक मनोवृत्ति को बदलने का प्रयास होगा. अधिक से अधिक योग्य महिलाओं के नाम वोटर लिस्ट में जोड़े जाएंगे.

 

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