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”घनश्याम शुक्ल का व्यक्तित्व—कृतित्व बिहार के लिए प्रेरक मॉडल है”

”घनश्याम शुक्ल का व्यक्तित्व—कृतित्व बिहार के लिए प्रेरक मॉडल है”

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श्रीनारद मीडिया‚ पटना (बिहार)

शनिवार को पटना के रेडक्रॉस सभागार में सीवान जिला के पंजवार गांव के रहनेवाले वरिष्ठ समाजसेवी घनश्याम शुक्ल की स्मृति में श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन हुआ. इस आयोजन में राजधानी पटना समेत बिहार के अलग—अलग हिस्से सामाजिक—राजनीतिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों ने भाग लिया.

आयोजन में पहुंचे वरिष्ठ समाजवादी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा कि घनश्याम शुक्ल को वर्षों से जानता रहा. उनसे आत्मीय संबंध रहा. उनका जाना एक बड़ी रिक्तता छोड़ गया है. ​घनश्याम शुक्ल ने शिक्षा, स्त्री सशक्तिकरण के क्षेत्र में जितना काम चुपचाप खामोशी से किया और अपने गांव को बिहार का एक मॉडल गांव बनाया, वह पूरे बिहार के लिए प्रेरक है. श्री तिवारी ने कहा कि घनश्याम शुक्ल अपने बारे में कम बताते थे. उनके कुछ सा​थियों ने उनके बारे में बताया कि वे अपने आदर्शों और संकल्पों से किस कदर बंधे हुए थे. वह जीवन में कभी भी मूल्य और नैतिकता से समझौता नहीं किये और किसी के सामने झूके नहीं.


आयोजन में पहुंचे वरिष्ठ पत्रकार व जगजीवन राम राजनीतिक अध्ययन शोध केंद्र के निदेशक श्रीकांत ने कहा कि हमलोगों के लिए यह अफसोस की बात है कि इसी बिहार के एक गांव में रहकर घनश्याम शुक्ल जैसे महापुरूष चुपचाप सृजन का इतना बड़ा काम वर्षों से करते रहे और हम सब उनके काम को जान न सके. उनसे कभी मिल ना सके. उनका जाना एक बड़ी क्षति है पर उनका काम हमेशा समाज को राह दिखाता रहेगा.
आयोजन में पहुंचे विधान परिषद सदस्य रामबलि सिंह ने कहा कि शिक्षा,समाजसुधार और स्त्री सशक्तिकरण के क्षेत्र में काम करनेवाले वे एक अद्भुत व्यक्ति थे. उन्होंने गांव के समग्र विकास का एक मॉडल अपने गांव पंजवार के रूप में खड़ा किया. उस मॉडल को अपनाकर पूरे बिहार का कायाकल्प किया जा सकता है.


इस अवसर पर राजद के युवा नेता जयंत जिज्ञासु ने कहा कि मुझे उनके काम के बारे में देर से जानकारी मिली और मैं उनसे मिलना चाहता था. मिलने की योजना भी थी पर वे अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनसे कभी मिला तो नहीं पर उनके काम के बारे में जानकर ही मन गहराई से प्रभावित और प्रेरित हुआ. जयंत जिज्ञासु ने इलियट की कथा का उदाहरण देते हुए कहा कि कई बार बिना किसी मिले भी उनके बारे में बेहतरीन धारणा बनती है और वे प्रेरित करते हैं. घनश्यामजी ने उसी तरह से प्रभावित और प्रेरित किया है.

इस श्रद्धांजलि समारोह में लेखक सुनील पाठक, संस्कृतिकर्मी राकेश कुमार झा,वरिष्ठ पत्रकार पुष्यमित्र, सिटू तिवारी, आशीष झा आदि ने अपने विचार व्यक्त किये. आयोजन में यशवंत मिश्रा, दीपक गुप्ता, संजय सिंह, नवीन कुमार, अभिषेक प्रितम समेत कई लोग मौजूद ​थे.

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