मशरक में नाले में सिमट गई घोघाड़ी नदी , कचरे फेंकने का बनी केंद्र
श्रीनारद मीडिया, विक्की बाबा, मशरक, सारण (बिहार):
लोगों को जीवन प्रदान करने वाली घोघाड़ी नदी आज विलुप्त की कगार पर पहुंच चुकी हैं। वहीं केन्द्र सरकार और बिहार सरकार के द्वारा नदियों के समाप्त हो रहें अस्तित्व को बचाने के लिए योजनाएं लाई जा रही है। वहीं मशरक में लोगों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी, नालियों का दूषित पानी नदी में मिलकर प्राण दायिनी घोघाड़ी नदी को ही समाप्त कर रहा है।
किसी समय में खलाखल बहने वाली नदिया आज नाले में तब्दील हो गई हैं।यह नदी सारण जिले के मशरक प्रखंड क्षेत्र से गुजर रही हैं जो गोपालगंज जिले की सीमा से सारण जिला से होती हुई सोनपुर में गंडक नदी में मिलतीं हैं। जिसके किनारे कभी धार्मिक अनुष्ठान करना बड़ा ही पुण्य का कार्य होता था आज लोग नदी में आचमन करने में ही झिझक रहे हैं ,कभी प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न पंचायतों के बीचों बहने वाली घोघाड़ी नदी कभी सैकड़ों एकड़ खेतों की सिंचाई का बेहतरीन साधन थी।
जिसका आज अस्तित्व की समाप्ति की ओर जा रही हैं । घोघाड़ी नदी मशरक के कुछ इलाकों में मानवीय भूल के कारण अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है। नगर पंचायत सहित आस पास के गांवों के आधा दर्जन से अधिक गंदे नालों का पानी नदी में छोड़ा जा रहा है। कई जगह सीवर का पानी भी नदी में बहाया जा रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों और बाजार क्षेत्र में खुले मुर्गा मछ्ली बेचने वालों के द्वारा नदी किनारे और चरिहारा पुल से खुलेआम कूड़ा कचरा खुले तौर पर फेंका जा रहा है जिससे नदी किसी नाले के समान प्रतीत हो रही है।कचरे से दूषित जल के कारण नदी के जलीय जीव भी समाप्त हो रहे हैं। यदि जल्द घोघाड़ी नदी सहित अन्य नदियों को बचाने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया गया तो वो दिन दूर नहीं नदियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
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