गोदभराई दिवस: गर्भवती महिलाओं को मिली पोषण की पोटली, दी गई पोषणयुक्त पदार्थों के सेवन करने की जानकारी
जिलेभर में गोदभराई दिवस का आयोजन:
गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वस्थ के लिए महिलाओं को दी गई जरूरी जानकारी:
नियमित चिकित्सक के संपर्क में रहने की मिली सलाह:
जन्म के बाद छः महीने तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराने का मिला निर्देश:
श्रीनारद मीडिया‚ कटिहार, (बिहार)
समेकित बाल विकास परियोजना द्वारा हर माह की तरह इस माह भी 07 तारीख को आंगनबाड़ी केंद्रों पर क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान बेहतर खान-पान व नियमित तौर से चिकित्सक से जांच के लिए गोदभराई दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त पोटली देकर उन्हें गर्भावस्था के दौरान पोषणयुक्त पदार्थों के सेवन करने की जानकारी दी गई। पोषण युक्त पोटली में गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोलियां, फल आदि शामिल रहा। गर्भवती महिलाओं के इसके नियमित उपयोग की सलाह दी गई जिससे कि गर्भवती महिला और उनके होने वाले बच्चे तंदुरुस्त पैदा हों।
गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वस्थ के लिए महिलाओं को दी गई जरूरी जानकारी:
गोदभराई के दौरान क्षेत्र की सभी गर्भवती महिलाओं को गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण युक्त खानपान की जानकारी दी गई। आईसीडीएस डीपीओ सुगंधा शर्मा ने बताया कि सभी गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे स्वस्थ्य और सुरक्षित हों इसके लिए ही आईसीडीएस द्वारा हर माह आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दौरान क्षेत्र की नई गर्भवती महिला को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर शुभकामनाएं दी जाती है। इसके साथ ही महिला को पोषणयुक्त पोटली देकर गर्भावस्था के दौरान जरूरी खानपान और सावधानियों की भी जानकारी दी जाती है। डीपीओ ने कहा गोदभराई के मध्यम से सभी आंगनबाड़ी सेविकाएँ अपने क्षेत्र की महिलाओं को पूरे नौ महीने के गर्भकाल में पोषणयुक्त पोषाहार जैसे ताजे फल, हरी सब्जियां आदि खाने की जानकारी देने के साथ नियमित स्वास्थ्य जांच का भी संदेश देती है जिससे कि गर्भवती महिला और उसके होने वाले बच्चे सुरक्षित एवं स्वस्थ रह सकें।
जन्म के बाद छः महीने तक शिशु को सिर्फ स्तनपान कराने का मिला निर्देश :
डीपीओ सुगंधा शर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई दिवस का आयोजन कर गर्भवती महिलाओं को माँ और होने वाले बच्चे दोनों को स्वस्थ रखने की जानकारी दी जाती है। उन्होंने कहा कि सभी गर्भवती महिलाओं को अपने होने वाले बच्चे का जन्म अस्पताल में ही कराना चाहिए। वहां चिकित्सक की निगरानी में जन्म होने से माँ और बच्चे दोनों स्वस्थ्य और सुरक्षित रहेंगे। बच्चे के जन्म के एक घंटे के अंदर ही उसे माँ के दूध का सेवन कराना चाहिए जो माँ और बच्चे दोनों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। जन्म के बाद छः महीने तक बच्चे को केवल माँ का ही दूध देना चाहिए। इससे बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है और उसे बेहतरीन ऊर्जा प्राप्त होती है। लोगों में प्रथम छः महीने तक केवल स्तनपान की जानकारी का बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा 01 से 07 अगस्त तक स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है ।जिसमें लोगों को स्तनपान के महत्व की जानकारी दी जाती है।
नियमित चिकित्सक के संपर्क में रहने की मिली सलाह :
पोषण अभियान के जिला समन्वयक अनमोल गुप्ता ने बताया सभी गर्भवती महिला को गर्भावस्था की पुष्टि के बाद से ही चिकित्सकों के संपर्क में रहना चाहिए और नियमित रूप से अपना चेकअप कराते रहना चाहिए। गर्भावस्था के आखिरी महीनों में महिलाओं को अधिक पोषक तत्व की जरूरत होती है इसलिए उन्हें अपने आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की मात्रा का ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही सभी को गर्भावस्था के साथ मिल रहे सरकारी सहायता जैसे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड आदि की जानकारी रखते हुए इसका लाभ उठाना चाहिए। महिलाओं को आंगनबाड़ी सेविकाओं से प्रसव पूर्व देखभाल, एनीमिया की रोकथाम आदि की भी जानकारी लेकर उसके लिए सतर्क रहना चाहिए ताकि वह और होने वाले बच्चे दोनों स्वास्थ्य रहें।
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