जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई कार्यक्रम आयोजित
गर्भावस्था के दौरान पोषण का समुचित ध्यान रखना जरूरी:
उचित पोषण से मातृ मृत्यु दर के मामलों में कमी लाना संभव:
श्रीनारद मीडिया‚ कटिहार, (बिहार)
जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर सोमवार को गोदभराई दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान सेविका व सहायिका द्वारा पोषक क्षेत्र के अधीन सात से नौ महीने की गर्भवती महिलाओं के बीच गोदभराई रस्म की गयी। गौरतलब है कि गर्भावस्था के दौरान माताओं को उचित पोषण सहित संबंधित अन्य जानकारियों से अवगत कराने के लिये प्रत्येक माह के सात तारीख को आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोदभराई रस्म का आयोजन किया जाता है। इस क्रम में गर्भवती महिलाओं को उपहार स्वरूप पोषण की पोटली भेंट की जाती है। पोटली में गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल होते हैं।
स्वस्थ्य बच्चे के लिये मां का सेहतमंद होना जरूरी:
डीपीओ आईसीडीएस सुगंधा शर्मा ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि गर्भावस्था के आखिरी दिनों में गर्भवती माताओं को बेहतर पोषण की जरूरत अधिक होती है। बेहतर पोषण के आभाव में महिलाओं में खून की कमी होने की आशंका होती है। इससे प्रसव प्रक्रिया के जटिल होने का खतरा होता है। डीपीओ आईसीडीएस ने बताया कि स्वस्थ्य बच्चे के लिये मां का सेहतमंद होना जरूरी है। गर्भवती माताओं के बेहतर पोषण से मातृ मृत्यु दर के मामलों में काभी हद तक कमी लायी जा सकती है। साथ ही नवजात को कई जन्मजात बीमारियों के खतरों से भी बचाया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान जरूरी है सही पोषण:
राष्ट्रीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक अनमोल गुप्ता ने बताया कि गर्भावस्था के आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा पर्याप्म मात्रा में शामिल होना जरूरी है। इसके लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं के बीच साप्ताहिक पुष्टाहार वितरित किया जाता है। महिलाएं अपने घर में आसानी से उपलब्ध होने वाले भोज्य पदार्थ का नियमित सेवन से भी सही पोषण का आसानी से ध्यान रखा जा सकता है। हरी साग-सब्जी, सतरंगी फल, दाल, सूखे मेवे व दूध के सेवन से आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति आसान हो जाती है।
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