आने वाले दिनों में सोना 16 प्रतिशत तक महंगा हो सकता है,क्यों?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
पिछले 12 महीने में इसका मार्केट कैप 7 ट्रिलियन डॉलर बढ़ा है जो भारत की जीडीपी से करीब दोगुना है। इसका मार्केट कैप 21 ट्रिलियन डॉलर के करीब पहुंच चुका है जो चीन की इकॉनमी से ज्यादा है। सोने की कीमत इस साल के पहले तीन महीने में ही 15 बार अपना रेकॉर्ड तोड़ चुकी है। ग्लोबल इकॉनमी में अनिश्चितता बढ़ने से सोने की कीमत बढ़ी है। दुनिया के दो सबसे बड़ी इकॉनमी वाले देशों अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ता जा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑटो आयात पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है जिससे सोने की चमक बढ़ गई है।
दुनियाभर के केंद्रीय बैंक, जो वर्तमान में अपने भंडार का लगभग 10 प्रतिशत सोने में रखते हैं, अपने पोर्टफोलियो को और अधिक कुशल बनाने के लिए अपने सोने के भंडार को 30 प्रतिशत से अधिक तक बढ़ा सकते हैं। यदि केंद्रीय बैंक ऐसी रणनीति अपनाते हैं, तो इससे कीमती धातु की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है।
दिन के कारोबार में यह 89,060 रुपये तक गया। 3 अक्तूबर की डिलीवरी वाला सोना 91,372 रुपये तक गया। सोने की कीमत में इस साल अब तक लगभग 16 प्रतिशत की तेजी आई है। इसकी मुख्य वजह भारत, चीन, पोलैंड और तुर्की जैसे देशों के केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की भारी खरीदारी और भू-राजनीतिक तथा आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों द्वारा सुरक्षित निवेश की तलाश है। व्यापार में तनाव और महंगाई की चिंता के कारण निवेशक सोने को सुरक्षित ठिकाना मान रहे हैं। माना जा रहा है कि नए वित्त वर्ष में भी भू-राजनीतिक तनाव, फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरें घटाने की उम्मीद और केंद्रीय बैंकों की मांग से सोने को समर्थन मिलेगा।
जानकारों का कहना है कि फाइनेंशियल ईयर 2026 की कीमतें वैश्विक महंगाई के रुझान, फेडरल रिजर्व की नीतियों और भारत से जुड़े कारकों से प्रभावित होंगी। लगातार उच्च महंगाई सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में और मजबूत करेगी। घरेलू बाजार में डॉलर-रुपये का एक्सचेंज रेट भी एक बड़ी भूमिका निभाएगा। कमजोर रुपये से सोने का आयात महंगा हो जाएगा जिससे घरेलू कीमतें बढ़ जाएंगी। मजबूत वैश्विक रुख के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में गुरुवार को सोने की कीमत 365 रुपये बढ़कर 91,050 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। बुधवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 90,685 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि खुदरा निवेशक भी सोने की मांग को बढ़ाने में भूमिका निभा रहे हैं। अमेरिका, यूरोप और एशिया में भौतिक रूप से समर्थित सोने के एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों में साल-दर-साल चार प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इससे पता चलता है कि अधिक व्यक्तिगत निवेशक सोने में अपना निवेश बढ़ा रहे हैं।
सोने की कीमतों में बढ़ोत्तरी के संकेत
रिपोर्ट में सोने की कीमतों को समर्थन देने वाला एक अन्य प्रमुख कारक ट्रंप प्रशासन के तहत अमेरिकी व्यापार नीतियों की अनिश्चितता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि व्यापार नीतियों पर चिंताओं के कारण डॉलर कमजोर हो सकता है, जिससे निकट भविष्य में सोने की कीमतें और बढ़ सकती हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं लगातार सोने के दाम?
- भारत सहित अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लगातार सोने का भाव बढ़ रहा है। इस बढ़ोतरी का कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा टैरिफ लगाने की धमकी को माना जा रहा है। क्योंकि इस धमकी से विदेशी अर्थव्यवस्था में अस्थिरता बन गई है।
- अमेरिका में हो रही हलचल का प्रभाव विदेशी अर्थव्यवस्था में भी देखने को मिल रहा है। हाल ही में अमेरिका ने ईरान को भी चेतावनी दी है कि अगर ईरान के हौती विद्रोही यमन पर हमला करते हैं, तो अमेरिका इस हमले का जवाब जरूर देगा।
- इसके साथ ही अमेरिका ने मध्य पूर्व में अब तक सबसे बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत की है। जिससे वैश्विक अस्थिरता और बढ़ गई है। इन वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए लोग सोने में निवेश कर रहे हैं, जिससे उनके दाम बढ़ते जा रहे हैं।
- इसके साथ ही दुनियाभर के केंद्रीय बैंक भी सोने का बड़ा भंडार जमा कर रहे हैं। इस कारण भी सोने की मांग बढ़ रही है। इसके साथ ही अमेरिका का सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व पर बुधवार को बड़ा फैसला ले सकता है।
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