सुशासन बाबु हम हैं वित्त रहित शिक्षक, मेरा भी कल्याण करें

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जदयू कार्यालय के सामने वित्त रहित शिक्षकों का प्रदर्शन

सर जी शिक्षक भिक्षाटन करने को बाध्य है

श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क

शिक्षक दिवस के अवसर पर अनुदान नही वेतनमान फोरम के प्रांतीय संयोजक प्रो. रौशन कुमार के आवाह्न पर पूरे बिहार के हजारों वित्तरहित माध्यमिक, इंटर एंव डीग्री महाविद्यालय के शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मी जदयू कार्यालय एंव पटना के सड़को पर भिक्षाटन करने को मजबूर है !

शिक्षक दिवस के दिन  बिहार के वित्त रहित शिक्षक बड़ी तादाद में सड़क पर उतरे और प्रदर्शन किया. ये शिक्षक अपनी हाथों में कटोरा व पोस्टर बैनर लेकर पटना स्थित जदयू कार्यालय पहुंच गए और जेडीयू ऑफिस के गेट पर जमा हुए. ये शिक्षक अपनी मांगों पर सरकार को विचार करने का आग्रह कर रहे हैं. वहीं इन प्रदर्शनकारी शिक्षकों के जुटान को देखते हुए बड़ी संख्या में पुलिसबल की भी तैनाती दिखी.

एक तरफ सरकार शिक्षको को सम्मानित करने का ढोंग कर रही है लेकिन बिहार के शिक्षा व्यव्स्था की वास्तविक स्थिति यह है कि विगत चार दशक से बिहार के लगभग 60 – 70% उच्च शिक्षा का कार्यभार इन्ही शिक्षक के कन्धा पर चलता आरहा है और वर्ष 2008 में माननीय मुख्य मंत्री के द्वारा वित्तरहित शिक्षा नीति के समाप्ती का घोषणा किया गया और भिक्षा रूपि अनुदान देने का प्रावधान लाया गया.

लेकिन वह भी विगत आठ वर्षो से लंबित कर दिया गया जिसका नतीजा यह है की आज पटना के सड़को पर यह शिक्षक भिक्षाटन करने को बाध्य होकर इस प्रतिज्ञा के साथ उतर गए है कि जब तक सरकार हमको नियत वेतनमान, विगत आठ वर्षो का लंबित अनुदान एकमुश्त भुगतान तथा संबद्धता पूर्ववत बहाल नही कर देती तब तक हम पटना की धरती छोड़कर नही जाने वाले हैं ।

जदयू कार्यालय के सामने पहुंचे शिक्षकों ने कहा कि हमलोग वेतन चाहते हैं. पिछले दस सालों ने हमलोगों का वेतन सरकार के पास पड़ा हुआ है. हम अपने परिवार और बच्चों का पालन करने के लिए भिक्षाटन पर उतर गए हैं. हम वित्त रहित शिक्षक आज शिक्षक दिवस पर अपनी मांग लेकर आए हैं. हमारा घर-परिवार कैसे चलेगा. हमलोग कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन कोई नहीं सुन रहा है. एक शिक्षिका ने कहा कि 2017 से हमलोगों का अनुदान बाकि है. हमारा घर भला कैसे चलेगा.

वित्त रहित शिक्षक 7 वर्षों से अपने बकाया अनुदान राशि के भुगतान की मांग कर रहे हैं. अनुदान के बदले ये शिक्षक वेतन देने की मांग कर रहे हैं. रिटायरमेंट से जुड़ी कई मांगों को लेकर भी ये शिक्षक काफी समय से प्रयासरत हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. हाल में ही शिक्षा मंत्री ने कहा कि एक नियम है जिसके तहत इन शिक्षकों को मूलभूत सुविधाएं दी जाती है. सरकार ने फैसला किया है कि दो साल के बकाया राशि जल्द देंगे.

इधर, पटना की सड़कों पर उतरे इन शिक्षकों के हाथों में कई पोस्टर भी हैं. जिसमें उन्होंने सीएम नीतीश कुमार से उम्मीद जताते हुए लिखा है कि हमारी समस्याओं का समाधान भी नीतीश कुमार ही करेंगे. वित्त रहित कर्मियों की परेशानी को वही दूर करेंगे. अब हमारी समस्याओं का निदान कर दिया जाए. शिक्षक दिवस के दिन इन शिक्षकों ने प्रदर्शन करके अपनी नाराजगी व्यक्त की है.

कार्यक्रम में प्रो. अरविन्द कुमार गिरि, प्रो. ब्रजेश सिंह, प्रो. मुन्ना सिंह, प्रो. सुबोध सिंह, प्रो. रंजीत सिंह, प्रो. विभा सिन्हा, प्रो. उपेन्द्र कुमार सिन्हा, प्रो. विनोद कुमार ओझा, प्रो. संजय कुमार, प्रो. शिव कुमार पाठक, प्रो. विजय चौबे, प्रो. मनोज त्रिपाठी, प्रो. सुधा सिंह, प्रो. बलराम पूरी उपस्थित रहे ।

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