बिहार में किसानों के लिए खुशखबरी, सोलर प्लांट लगाने के लिए मिलेगा ऋण
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
बिहार के उन किसानों के लिए खुशखबरी है जो अपनी जमीन पर सोलर पावर प्लांट लगाने के इच्छुक हैं. बिजली कंपनी ऐसे किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. इन किसानों को अब सोलर प्लांट लगाने के लिए सब्सिडी के साथ-साथ आसान लोन भी मुहैया कराया जाएगा. पीएम कुसुम योजना के तहत लगाए जाने वाले इन सोलर प्लांट के लिए आवेदन करने की तारीख भी 4 जुलाई तक बढ़ा दी गई है.
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी के सीएमडी सह ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव संजीव हंस ने शनिवार को आयोजित बैठक में बताया कि सोलर प्लांट लगाने को लेकर आवेदन करने वाले किसानों को अब अनुदान के साथ ही ऋण का भी लाभ मिलेगा. इसको लेकर विभिन्न बैंकों के साथ हुई बातचीत में सहमति बन गयी है. उन्होंने बैंकों से किसानों की सहायता करने की सलाह दी, ताकि जिन किसानों के पास पूंजी की कमी है लेकिन सोलर प्लांट के अनुकूल जमीन है, वे इसका लाभ उठा सकें. बैंक प्रतिनिधियों ने इस बात को भी समझा कि किसानों की मदद करने से वे आसानी से अपने ऋण की वसूली कर सकेंगे और किसान भी आर्थिक रूप से संपन्न होंगे.
क्या है पीएम कुसुम योजना?
इस योजना के तहत किसान या कोई कंपनी विद्युत उपकेंद्र के 5 किलोमीटर दायरे के अंदर सौर ऊर्जा का संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। एक मेगावाट के सोलर प्लांट के लिए चार एकड़ जमीन की जरूरत होती है। इस प्लांट को बिजली विभाग की 11 केवी ट्रांसमिशन लाइन से जोड़ा जाएगा। बिहार की बिजली वितरण कंपनियां उस किसान से 25 सालों के लिए बिजली खरीदने का अनुबंध भी करेगी।
यानी कि किसान इस योजना के तहत अपनी जमीन पर सोलर प्लांट लगाकर बिजली उत्पादित कर सकते हैं और उसे बेचकर कमाई भी कर सकते हैं। इस सौर ऊर्जा का संयंत्र लगाने में प्रति मेगावाट लगभग 5 करोड़ रुपये का खर्च आता है। किसान अकेले या समूह में मिलकर इसमें निुवेश कर सकते हैं। इसके लिए अब बैंक से आसानी से लोन भी मिल जाएगा। वहीं, बिजली कंपनियां हर साल बिजली उत्पादन की एवज में 50 लाख रुपये प्रति मेगावाट की दर से देगी। ऐसे में किसान 10 साल में अपनी पूरी लागत निकाल सकते हैं और उसके अगले 15 साल तक जमकर कमाई कर सकते हैं।
एक मेगावाट के लिए चार एकड़ जमीन की होगी जरूरत
कंपनी अधिकारियों के मुताबिक यह सोलर पावर प्लांट 1235 फीडरों के पांच किमी के दायरे में ही लगाये जाने हैं. एक मेगावाट का सोलर प्लांट स्थापित करने पर किसान को चार एकड़ जमीन की जरूरत होगी. साथ ही करीब 5.37 करोड़ रुपये की लागत आयेगी. प्लांट की स्थापना को लेकर केंद्र सरकार प्रति मेगावाट 1.05 करोड़ रुपये जबकि राज्य सरकार 45 लाख रुपये का अनुदान दे रही है. शेष लगभग चार करोड़ रुपये को लेकर ऋण उपलब्ध कराये जाने की व्यवस्था की गयी है.
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक संजीव हंस के दिशानिर्देशों के अनुसार पटना स्थित विद्युत भवन में शनिवार को एक बैठक का आयोजन किया गया। इसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रतिनिधि शामिल हुए।
बैठक में साउथ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन एवं बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक महेंद्र कुमार और नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रिब्यूशन कंपनी के प्रबंध निदेशक डॉ. आदित्य प्रकाश मौजूद रहे। सभी बैंकों के प्रतिनिधियों ने किसानों को पीएम कुसुम योजना के तहत सोलर प्लांट लगाने के लिए लोन सुविधा देने की हामी भरी है।
इन बैंकों ने लोन के लिए दी सहमति
बैठक में एसबीआइ, पीएनबी, केनरा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, सेंट्रल बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक के प्रतिनिधियों ने ऋण उपलब्ध कराये जाने को लेकर सहमति दी. बिहार स्टेट पावर जेनरेशन कंपनी लिमिटेड के मुख्य अभियंता दिलीप कुमार ने बताया कि अन्य बैंकों से भी बात जारी है. जल्द ही वे भी इस योजना से जुड़ कर किसानों को ऋण उपलब्ध करायेंगे.
बैंकों ने नोडल अधिकारी किये तैनात
बैठक में सभी बैंकों के प्रतिनिधियों ने इस परियोजना के लिए ऋण उपलब्ध कराने वाले संबंधित व्यक्ति का नाम और मोबाइल नंबर भी जारी किया. इन मोबाइल नंबरों पर संपर्क करके सभी किसान परियोजना के लिए ऋण के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए विभाग द्वारा जारी किए गए नंबर 7320924004 पर संपर्क किया जा सकता है.
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