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अपने वेव पोर्टल को ठीक कर वेतन विसंगति अविलंब दूर करे सरकार : केदारनाथ पांडेय - श्रीनारद मीडिया
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अपने वेव पोर्टल को ठीक कर वेतन विसंगति अविलंब दूर करे सरकार : केदारनाथ पांडेय

अपने वेव पोर्टल को ठीक कर वेतन विसंगति अविलंब दूर करे सरकार : केदारनाथ पांडेय

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# शिक्षकों के हक एवं हकीकत के लिए संघ पीछे हटने वाला नहीं है

श्रीनारद मीडिया, मनोज तिवारी, छपरा (बिहार):


माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सह विधान परिषद सदस्य  केदारनाथ पांडेय  के पास शिक्षकों द्वारा अब लिखित शिकायत दी जा रही है जो नियोजित पंचायत से लेकर जिला परिषद के अंतर्गत तमाम नियोजन समितियों द्वारा नियुक्त है। सभी शिक्षकों की समस्या सिर्फ एक ही वेतन विसंगति की है।

बताते चले कि 15 फ़ीसदी वेतन वृद्धि की घोषणा जब हुई थी उसी समय विधान पार्षद केदारनाथ पांडेय  ने सदन में ही इसकी जानकारी मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री के समक्ष प्रस्तुत करने का कार्य किये थे। जिसमें स्पष्ट रूप से शिक्षा मंत्री  ने सदन के भीतर एवं बाहर गड़बड़ी नहीं होने की बात दुहराई परन्तु वेतन विसंगति होना बहुत ही दुखद है।

श्री पांडेय ने माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रभारी महामंत्री के आवेदन पत्र को गम्भीरता पूर्वक लेते हुए शिक्षकों की नियुक्ति, प्रशिक्षण प्राप्ति, अप्रशिक्षित से प्रशिक्षित एवं योगदान के समय प्रशिक्षित सहित सभी समस्याओं को बारीकी से शिक्षा मंत्री को अवगत कराने का काम किये है।

शिक्षा मंत्री क्या कहते है

शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि शिक्षकों का वेतन विसंगति में सुधार के लिए सभी अधिकारियों को लगाया गया है शिक्षकों की जो भी शिकायत शिक्षक संघ या शिक्षकों के माध्यम से प्राप्त हो रहा है उसमें सुधार की जा रही है।

शिक्षकों का कहना है

15 फ़ीसदी की वृद्धि का अनुमान एवं शिक्षा मंत्री द्वारा सदन के अंदर एवं बाहर दिया गया था परंतु वस्तु स्थिति है कि व्याप्त वेतन विसंगतियों को दूर करने के बजाय शिक्षा विभाग विसंगतियों को और उलझा दिया जिसके कारण निम्नलिखित विसंगतियों में इजाफा हो गया नंबर 1. प्राथमिक शिक्षकों से माध्यमिक शिक्षकों का वेतन कम होना नंबर 2. वरिष्ठ शिक्षकों का वेतन कन्या शिक्षकों से कम होना नंबर 3. साथ में नियुक्त प्रशिक्षित शिक्षकों का वेतन ऑफ प्राकृतिक शिक्षकों के वेतन से कम होना 4 ,3 वर्ष तक के अंतराल मैं सभी शिक्षकों का वेतन एक समान हो जाना।

नंबर 5. ऑनलाइन कैलकुलेटर से निर्मित वेतन निर्धारण प्रपत्र में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी उजागर होना क्योंकि एक ही जिले में एक ही साथ नियुक्त शिक्षकों का मूल्य वेतन अलग-अलग निर्धारित हो गया हो रहा है। नंबर 6. प्रशिक्षण प्राप्त कर माध्यमिक उच्च माध्यमिक शिक्षकों का वेतन निर्धारण प्रपत्र नहीं निर्गत होना विसंगतियों को दूर करने की दिशा में निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार करना अपेक्षित है।

जब बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग के पत्रांक 1003 दिनांक 22 .01. 2021 द्वारा राज्य के नियमित पदों के विरुद्ध संविदा के लिए भी इस मार्गदर्शन सिद्धांतों में वेतन एवं अन्य सुविधाओं को वेतन आयोग द्वारा अनुशंसित पे मैट्रिक्स के प्रारंभिक स्टेज या वेतन को ही आधार मानकर वेतन निर्धारण करने को बाध्य किया गया है तब ऐसी परिस्थिति में 15% वेतन वृद्धि के उपरांत उक्त प्राथमिक माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के लिए लागू ग्रेड पर क्रमश 2000 2400 एवं अठाईस सौ का न्यूनतम वेतन क्रमशाह 21290 , 22480,23650 प्रदान किया गया है जबकि राज्य कर्मियों के लिए लागू पे मैट्रिक्स एवं क्रमशः संबंधित ग्रेड पे का वर्णित न्यूनतम प्रवेश वेतन 21700,25500,29200 है।

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