सम्पन्न लोगों को कोरोना वैक्सीन के मूल्य चुकाने का विकल्प दे सरकार, गरीबों के लिए साधन बढ़ेंगे – सुशील कुमार मोदी
श्रीनारद मीडिया, पटना (बिहार):
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए केंद्र और बिहार सहित कई राज्यों की सरकारें मुफ्त टीकाकरण अभियान चला रही हैं, लेकिन 1 मई से जब 18 पार के लोगों का भी टीकाकरण शुरू हो रहा है, तब सरकार के संसाधनों पर दबाव बढेगा।
इसे देखते हुए कोरोना की दोनों वैक्सीन का कोई न्यूनतम मूल्य तय किया जाना चाहिए और विकल्प दिया जाना चाहिए कि जो लोग वैक्सीन की कीमत चुका सकते हैं, वे अवश्य भुगतान करें।
यह बाध्यकारी नहीं, स्वैच्छिक होना चाहिए।
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यदि राज्य सरकार ने वैक्सीन के मूल्य चुकाने का विकल्प दिया, तो गरीबों के टीकाकरण और इलाज के लिए ज्यादा संसाधन होंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की अपील पर जैसे समाज के समर्थ लोग गैस सिलिंडर की सब्सिडी छोड़ चुके हैं, वैसे ही वे इस कठिन दौर में कोरोना वैक्सीन की कीमत चुकाने में भी पीछे नहीं रहेंगे।
केंद्र सरकार ने कोरोना की वैक्सीन बनाने वाली दोनों स्वदेशी कंपनियों से इसके दाम कम करने की अपील की है।
अभी भारत बायोटेक की कोवैक्सीन का मूल्य राज्यों के लिए 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1200 प्रति वाइल है। कोविशील्ड राज्यों को 400 रुपये और निजी अस्पतालों को 600 रुपये प्रति वाइल की दर से खरीदनी पड़ रही है।
उम्मीद है कि केंद्र के अनुरोध पर विचार कर दोनों कंपनियां जल्द ही अपनी वैक्सीन के दाम कम करेंगी।
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