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गुरुकुल में प्रवेश हेतु ‘शिक्षा उत्सव’ का भव्य आयोजन - श्रीनारद मीडिया

गुरुकुल में प्रवेश हेतु ‘शिक्षा उत्सव’ का भव्य आयोजन

गुरुकुल में प्रवेश हेतु ‘शिक्षा उत्सव’ का भव्य आयोजन

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छात्रों का सर्वांगीण विकास गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली से ही संभव : आचार्य देवव्रत

श्रीनारद मीडिया वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक हरियाणा 

प्राचीन समय में हमारे देश ऋषि-मुनि द्वारा गुरुकुलों में ही बच्चों को शिक्षित किया जाता था क्योंकि गुरुकुलीय शिक्षा प्रणाली से बच्चे का सर्वांगीण विकास सम्भव है। उक्त शब्द गुरुकुल कुरुक्षेत्र द्वारा आयोजित ‘गुरुकुल शिक्षा उत्सव’ में अपने बच्चों के साथ पधारे हजारों अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए गुरुकुल कुरुक्षेत्र के संरक्षक एवं गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहे।

उन्होंने कहा कि आधुनिक शिक्षा से आज बच्चे डॉक्टर, इंजीनियर व दूसरे क्षेत्रों में अपना भविष्य तो बना रहे हैं मगर युवा पीढ़ी में संस्कारों की कमी स्पष्ट देखी जा रही है, देश में बढ़ते वृद्धाश्रमों की संख्या इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। गुरुकुल में छात्रों को अक्षरज्ञान के साथ पुरातन संस्कारों की अमूल्य धरोहर प्रदान की जाती है जिससे वे बड़े होकर सभ्य समाज के निर्माण में अपना योगदान दें, अपने कर्त्तव्यों का पालन करने हुए बुढ़ापे में अपने मां-बाप की सेवा करें।

इस अवसर पर ओएसडी टू गर्वनर डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार, गुरुकुल कुरुक्षेत्र के निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार, गुरुकुल नीलोखेड़ी के शिवकुमार आर्य, अर्जुनेदव आर्य, गुरुकुल ज्योतिसर के प्राचार्य सचिन आर्य, आर्यकुलम् नीलोखेड़ी के प्राचार्य दिनेश राणा आदि मौजूद रहे।

राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने कहा कि मोबाइल आज अभिभावकों के लिए एक चुनौती बन गया है क्योंकि बच्चे मोबाइल के आदि हो रहे है। इसके अलावा युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति भी समाज के लिए घातक बनती जा रही है। ऐसे में बच्चों को संस्कारवान् बनाना, उन्हें मानवीय मूल्यों से परिपूर्ण करना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। गुरुकुलों में ‘सेवा, सुरक्षा, शिक्षा और संस्कार’ के ध्येय वाक्य के अनुरूप छात्रों का सर्वांगीण विकास किया जा रहा है, जिससे यहां के बच्चे शिक्षा के साथ-साथ प्रत्येक क्षेत्र अग्रणी रहते हैं। आज प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चे को गुरुकुल कुरुक्षेत्र में प्रवेश दिलाना चाहता है, क्योंकि उन्हें पूर्ण विश्वास है उनके बच्चों का वर्तमान और भविष्य दोनों गुरुकुलीय शिक्षा से ही सुरक्षित हैं।

डॉ. राजेन्द्र विद्यालंकार ने कहा कि एनडीए, आईआईटी, एनआईटी, नीट आदि विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी गुरुकुल कैम्पस में ही अनुभवी शिक्षकों द्वारा दी जाती है। इस वर्ष गुरुकुल कुरुक्षेत्र से 10 छात्र और गुरुकुल ज्योतिसर से 4 छात्रों का चयन एनडीए में हुआ है वहीं आईआईटी में कई छात्र गये हैं। अभिभावक अपने बच्चे के भविष्य को लेकर निश्चिंत रहें।

उन्होंने स्पष्ट किया कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र, चमनवाटिका कन्या गुरुकुल अंबाला, गुरुकुल नीलोखेड़ी, आर्यकुलम् नीलोखेड़ी और गुरुकुल ज्योतिसर के अलावा गुरुकुल के नाम से चलने वाले किसी भी शिक्षण संस्थान से आचार्य देव्रवत का कोई लेना-देना नहीं है, अभिभावक किसी के बहकावे में आकर अपने बच्चे के भविष्य के साथ खिलवाड़ न करें। बता दें कि गुरुकुल कुरुक्षेत्र सहित अन्य गुरुकुलों में प्रवेश हेतु परीक्षाएं 20 से 24 मार्च तक गुरुकुल ज्योतिसर में आयोजित की जा रही है जिसके तहत आज 9वीं और 11वीं कक्षा में प्रवेश लेने के इच्छुक छात्रों ने प्रवेश परीक्षा दी।

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