“सीवान सांसद की वैवाहीक जीवन की दसवीं वर्षगांठ पर शुभकामना और बधाई।”
श्रीनारद मीडिया,सेंट्रल डेस्क :
ऐसे तो हमारे समाज मे हर जोड़ियाँ अपने अपने हिसाब बनती है, जिसमे से लगभग सभी जोड़ियाँ शुभ घड़ी, सुदिन, अच्छी मुहूर्त के माध्यम से पूर्ण रूप से विधि विधानों द्वारा ही बनाई जाती हैं, यहाँ तक की नई नवेली दुल्हन को अपने ससुराल मे प्रथम प्रवेश के लिए भारी भरकम रीति रिवाजो और शुभ मुहूर्तो की कड़ी से गुजरना पड़ता हैं, बड़े बुजुर्गो की नसिहतो की तो मानो झड़ी ही लग जाती है जो काफी हद तक अच्छी भी लगती हैं।
इस मांगलिक प्रक्रिया में आस पास के लोगो की ध्यान पंडित जी की मुखारविंद से निकली हर परंपरागत और मांगलिक रीति रिवाज युक्त शुभ बाणी पर टिकी रहती हैं, अर्थात उस वक्त अपशकुन और अशुभ और अमंगल जैसे शब्द जुबान पर आना तो दूर की बात सोंचना भी पाप माना जाता है जिसको बयाँ करना मुश्किल हैं।
लेकिन हमारे समाज में सिवान की सांसद श्री मति कविता सिंह और जदयू नेता अजय सिंह जी की एक ऐसी भी जोड़ी हैं अपवाद स्वरूप हमारे सामने है जो पितृ पक्ष जैसे हिंदू रीति रिवाज के सभी शुभ कार्यों के लिए वर्जित मानी जाने वाली घड़ी में बनी हैं और इस काल में कोई भी शुभ या मंगल कार्य करना अच्छा नहीं माना जाता है, शादी ब्याह तो दूर की बात है इसमे नाममात्र की मंगल कार्य या नया काम करना अति अशुभ माना जाता हैं।
हालाँकि इनकी शादी भगवान भोलेनाथ के दरबार मे विधिवत पूजा अर्चना और विद्वता को समेटे आचार्यो के सानिंध्य मे हुई और भगवान भोले नाथ के आशीष स्वरूप नव विवाहिता के रूप मे श्रीमती कविता सिंह विधायक की चुनाव लड़कर अपार मतो से जीतने वाली श्रेणि मे अपने आप को शामिल कर ली, जो उन नव दम्पति जोड़ी के लिए इससे बड़ी शुभ घड़ी क्या हो सकती हैं की पितृ पक्ष मे वैवाहिक प्रक्रिया को अंजाम देकर इतनी बड़ी उपलब्धि अति मांगलिक अवसर के रूप में प्राप्त कर ली जिस पल में की गयी कोई भी मांगलिक कार्य अति अशुभ फल देने वाली मानी जाती हैं।
वर्तमान समय मे सिवान संसदीय क्षेत्र की नेतृत्व करने वाली कविता सिंह ने सिवान की प्रथम महिला सांसद बनने का गौरव प्राप्त किया है, साथ साथ विगत दस सालों से अपने जीवन साथी अजय सिंह के साथ एक सकारात्मक सामंजस्य बनाकर एक खुशहाल परिवारिक और राजनीतिक जिन्दगी व्यतित कर रही है जो अपने आप मे मिशाल है।
कोई माने या नही माने लेकिन मेरा मानना हैं की आपकी या हमारी जिंदगी की हर पल ईश्वर की ही दी हुई होती है तो किसी भी पल मे भगवान की आस्था के सानिंध्य मे कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य को मूर्त रूप दी जा सकती हैं। अगर आपके या हमारे अंदर ईश्वर के प्रति सच्ची आस्था हो तो यह कहावत अपने आप मे चरितार्थ होगी,” मन चंगा तो कठौती मे गंगा”!
अंत मे भगवान भोले नाथ की असीम कृपा इस बेमिशाल जोड़ी पर बनाये रखने हेतु सभी लोगो ईश प्रार्थना अपेक्षित रहेगी और भगवान से नित्य वंदन हमारी रहेगी की आप दोनों की अटुट जोड़ी अपनी जिंदगी को जनसेवी विचार धारा से अखंड रूप में जोड़ कर रखते हुए एक ऐतिहासिक जीवन गाथा स्थापित करने मे हमेशा कामयाबी प्राप्त करे।
एक बार फिर से आप दोनों की वैवाहिक वर्षगांठ पर हार्दिक शुभ कामना व बधाई।
ईश्वर आप दोनो को सदा खुशहाल रखे।
साभार# डॉ अरविंद आनंद, सांसद सलाहकार , सिवान
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