देश के अगले मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार होंगे
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श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
ज्ञानेश कुमार देश के मुख्य चुनाव आयुक्त होंगे। वह मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार की जगह लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय चयन समिति ने सोमवार शाम को ज्ञानेश कुमार के नाम की सिफारिश की, जिस पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मुहर लगाई। इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है। वहीं, डॉ. विवेक जोशी तीन सदस्यीय चुनाव आयोग के नए सदस्य होंगे।
अभी तक की परंपरा के अनुसार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त को ही मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया जाता रहा है। राजीव कुमार के बाद ज्ञानेश कुमार सबसे वरिष्ठ चुनाव आयुक्त हैं। चुनाव आयुक्त के रूप में उनका कार्यकाल 26 जनवरी 2029 तक है। ज्ञानेश कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने के कारण उनकी जगह रिक्त हुए पद पर डॉ. विवेक जोशी की नियुक्ति की गई है।
बता दें कि राजीव कुमार 18 फरवरी यानी मंगलवार को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली चयन समिति की साउथ ब्लाक कार्यालय में बैठक हुई। इसमें पांच नाम रखे गए लेकिन नेता विपक्ष और समिति के सदस्य राहुल गांधी ने इन सभी नामों पर असहमति दर्ज कराई। समिति में पीएम मोदी और राहुल गांधी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह भी सदस्य हैं।
बता दें कि 61 वर्षीय ज्ञानेश कुमार पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय का हिस्सा थे। उनकी प्रमुख जिम्मेदारियों में अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने वाले विधेयक का मसौदा तैयार करने में मदद करना और पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करना शामिल था। उस वक्त वह गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव (कश्मीर संभाग) थे।
ठीक इसके एक साल बाद गृह मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के रूप में ज्ञानेश कुमार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के बारे में सुप्रीम कोर्ट के मामले से संबंधित दस्तावेजों को भी संभाला।
सूत्रों की मानें तो ज्ञानेश कुमार केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। वे पिछले साल जनवरी में सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में सिविल सेवा से सेवानिवृत्त हुए, जिसका नेतृत्व भी गृहमंत्री अमित शाह करते हैं।
निभाएंगे बड़ी जिम्मेदारी
बता दें कि ज्ञानेश कुमार निवर्तमान राजीव कुमार की जगह लेंगे। ज्ञानेश कुमार इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव और अगले साल बंगाल, असम और तमिलनाडु में होने वाले चुनावों की देखरेख करेंगे।
ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के 1988 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। चुनाव आयोग में वह तीन सदस्यीय पैनल के दो आयुक्तों में से वरिष्ठ हैं। इसी पैनल पैनल के दूसरे आयुक्त उत्तराखंड कैडर के अधिकारी सुखबीर सिंह संधू हैं। इस पैनल का नेतृत्व राजीव कर रहे थे।
ज्ञानेश कुमार के नए मुख्य चुनाव आयुक्तबनाए जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जाहिर की है। वहीं, राहुल गांधी ने इस मामले पर डिसेंट नोट लिखकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और राहुल गांधी की तीन सदस्यीय कमेटी ने मुख्य चुनाव आयुक्त की चयन प्रक्रिया पर फैसला लिया है। यह फैसला 2:1 के बहुमत से लिया गया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ज्ञानेश कुमार की नियुक्ति पर असहमति जताई। राहुल गांधी ने डिसेंट नोट में लिखा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का आधी रात को लिया गया यह फैसला अपमानजनक’ है।
सरकार ने करोड़ों मतदाताओं की चिंता बढ़ा दी है: राहुल गांधी
उन्होंने डिसेंट नोट में लिखा,”सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करके और भारत के मुख्य न्यायाधीश को समिति से हटाकर, मोदी सरकार ने हमारी चुनावी प्रक्रिया की अखंडता पर करोड़ों मतदाताओं की चिंताओं को बढ़ा दिया है। विपक्ष के नेता के रूप में यह मेरा कर्तव्य है कि मैं बाबासाहेब अंबेडकर और हमारे देश के संस्थापक नेताओं के आदर्शों को कायम रखूं और सरकार को जवाबदेह ठहराऊं।”
कांग्रेस सांसद ने आगे लिखा, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा नए मुख्य चुनाव आयुक्त के चयन का आधी रात को निर्णय लेना अपमानजनक और अशिष्टतापूर्ण है, जबकि समिति की संरचना और प्रक्रिया को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी जा रही है और इस पर अड़तालीस घंटे से भी कम समय में सुनवाई होनी है।
दरअसल, गांधी चाहते थे कि जब तक सुप्रीम कोर्ट में नई नियुक्ति प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति स्थगित कर देना चाहिए। बता दें कि नए कानून के तहत अब मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति वाले पैनल में सीजेआई नहीं होंगे।
पुराने कानून के तहत पैनल में सीजेआई के शामिल होने का प्रावधान है। केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव किया था, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राहुल गांधी ने कोर्ट के इसी फैसला का इंतजार करने के लिए कह रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कानून में बदलाव किया था, जिस पर विपक्ष ने आपत्ति जाहिर करते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। राहुल गांधी ने कोर्ट के इसी फैसला का इंतजार करने की बात कही है।