ज्ञानवापी मस्जिद ने दी विश्वनाथ धाम को जमीन,कैसे?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद के पक्षों के बीच कोर्ट में जारी केस में मुस्लिम पक्ष की ओर से सराहनीय कदम उठाया गया है. मस्जिद के मुस्लिम पक्षकारों ने काशी विश्वनाथ मंदिर को 1700 स्क्वायर फीट जमीन की सौगात दी है.
काशी विश्वनाथ धाम (कॉरिडोर) के लिए ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से 1000 वर्ग फीट जमीन देने का काम किया गया है. आपको बता दें कि ये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ड्रीम प्रॉजेक्ट जिसपर काम जोर-शोर से जारी है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आधिकारिक तौर पर लिखा पढ़ी करने के बाद सरकारी दस्तावेजों में जमीन मंदिर के पक्ष में दर्ज कराई गई है. इस भूखंड के कॉरिडोर के पक्ष में आने के बाद इसके परिक्षेत्र में एक हजार वर्ग फीट का इजाफा हो चुका है. खबरों की मानें तो इसके एवज में मस्जिद पक्ष को बांसफाटक इलाके में जमीन उपलब्ध कराई गई है.
पुलिस कंट्रोल रूम : काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी की सुरक्षा के लिए मस्जिद के पास पुलिस कंट्रोल रूम बनाया गया था. कंट्रोल रूम की एक हजार वर्ग फीट जमीन सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नाम पर है. बताया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड ने लिखा पढ़ी करके यह जमीन कंट्रोल रूम को देने का काम किया है. अब यह हिस्सा कॉरिडोर की परिधि में आ गया है जिससे काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष से बातचीत की.
पूरी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन : दोनों पक्षों में सहमति बनने के बाद इस पूरी प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने का काम किया गया. सावन माह से पहले जमीन हस्तांतरण का काम पूरा किया गया. रिपोर्ट की मानें तो आर्टिकल 31 के तहत एक्सचेंज ऑफ प्रॉपर्टी आदि विश्वेश्वर और ज्ञानवापी मस्जिद पक्ष की ओर से अदला बदली के तौर पर जमीन का हस्तांतरण का काम पूरा किया गया.
9 लाख 29 हजार रुपये की स्टॉम्प ड्यूटी : इस पूरी प्रक्रिया के लिए बाकायदा 9 लाख 29 हजार रुपये की स्टॉम्प ड्यूटी लगी. मीडिया में चल रही खबर के अनुसार वाराणसी मंडल के कमिश्नर दीपक अग्रवाल और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के महामंत्री मो. यासीन ने जमीन हस्तांतरण की खबर की पुष्टि की है. विश्वनाथ मंदिर को जमीन दिए जाने के एवज में मस्जिद पक्ष को करीब पांच सौ मीटर दूर बांसफाटक के पास जमीन उपलब्ध करवाई गई है.
हालांकि इस जमीन के बदले मंदिर प्रशासन ने भी मुस्लिम पक्ष को 1000 स्क्वायर फीट की जमीन दूसरे जगह दी है. मुस्लिम पक्ष के लिए यह फैसला इतना आसान नहीं था, क्योंकि यह जमीन ज्ञानवापी मस्जिद के ठीक सामने की है. मंदिर प्रशासन ने मुस्लिम पक्षकारों से काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनाने के लिए जमीन की मांग की थी. उनकी अपील पर मुस्लिम पक्षकार एकमत हुए और बीते 8 जुलाई को इस जमीन की बकायदा रजिस्ट्री की गई. इस जमीन पर 1993 के बाद से अस्थाई रूप से पुलिस कंट्रोल रूम बनाया गया था.
मुस्लिम पक्ष ने इस जमीन को जिला प्रशासन को पहले लीज पर दी थी. इस शर्त के साथ कि अगर कंट्रोल रूम को तोड़ा जाता है तो लीज का कॉन्ट्रैक्ट ख़त्म हो जायेगा. इस बीच जब काशी विश्वनाथ कॉरिडोर भव्य रूप लेने लगा तो मंदिर प्रशासन ने मुस्लिम पक्ष से जमीन देने की अपील की थी. लम्बे समय तक चली बातचीत के बाद मामला सुलझ गया.
ज्ञानवापी मस्जिद का मसला वाराणसी कोर्ट में विचाराधीन है. आठ अप्रैल को वाराणसी की सीनियर डिवीजन फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट ने एएसआई को ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे करने का आदेश दिया था. कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुन्नी वक्फ बोर्ड और अंजुमन इन्तजामिया मसाजिद ने कोर्ट में निगरानी याचिका दाखिल की था.