क्या आपने नरकंडे की कलम से लिखा है?
श्रीनारद मीडिया सेंट्रल डेस्क
नरकट तथा खर(मूंज)वाले इलाके में कांडा का यह कलम बनाया जाता था। 70 के दशक के पहले के लोगों ने इस कलम का जरूर इस्तेमाल किया होगा स्याही में डुबोकर इस कलम से लिखा जाता था जिससे अक्षर मोती की तरह बनते थे 80 के दशक में भी बच्चों को सुंदर हैंडराइटिंग के लिए इस देसी कलाम का इस्तेमाल करवाया जाता था स्याही में बार-बार डुबोकर कलम से लिखने का आनंद पहली बार अक्षरों को कागज पर उतारने का आनंद हमने भी लिया है।
लिखने की ललक इसी कलाम को हाथ से पकड़ने के बाद जागी। बचपन के दिनों में सुंदर हैंडराइटिंग के लिए रोज दो पेज इस कलम से सुलेख लिखवाया जाता था। यह एकदम देसी तकनीक थी कलम दवात पूजा छठीयार सरस्वती पूजा में भी इसी कलाम की पूजा होती थी।
जमाना बदल तो बहुत कुछ बदल गया। अब यह देसी कलाम तस्वीरों में कथा कहानियों में ही सिमट कर रह गया। 80 90 के दशक के बच्चों को भले थोड़ी बहुत जानकारी इसके बारे में हो लेकिन उसके बाद में जन्मे लोगों ने इसे देखा तक नहीं होगा उन्हें नहीं पता कि पहले लोगों के अक्षर इतनी सुंदर गोल मोती की तरह कैसे होते थे यह कोई तकनीक नहीं होता था और ना ही जन्मजात होता था यह निरंतर अभ्यास का परिणाम होता था जो इसी कलम के कारण था।
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