स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से वर्ल्ड विजन इंडिया द्वारा माइक्रो प्लान के अनुसार नगरा पीएचसी में स्वास्थ्य जांच कैंप का हुआ आयोजन
अल्ट्रा पोर्टेबल एक्सरे मशीन द्वारा 40 मरीजों का हुआ एक्सरे, 22 संदिग्ध मरीजों की पहचान: एमओआईसी
टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच कैंप का किया गया आयोजन: एसटीएस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त मशीन से टीबी की पहचान करना हुआ आसान: जिला पर्यवेक्षक
श्रीनारद मीडिया, छपरा (बिहार):
छपरा जिले में सामुदायिक स्तर पर उपस्थित लोगों में टीबी बीमारी से ग्रसित मरीज की तत्काल पहचान करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी प्रखंडों में माइक्रो प्लान के अनुसार स्वास्थ्य जांच कैंप का आयोजन कर रही है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ महेंद्र मोहन ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र नगरा के सभागार में अल्ट्रा पोर्टेबल एक्सरे मशीन द्वारा 40 मरीजों का एक्सरे किया गया। जिसमें 22 संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है। जबकि 01 व्यक्ति में टीबी संक्रमण पाया गया है। हालांकि नियमित रूप से स्थानीय स्तर पर टीबी बीमारी से ग्रसित व्यक्तियों को निःशुल्क दवा और बचाव रहने के लिए जागरूक किया जाता है। ताकि आगामी 2025 तक जिले सहित राज्य और देश से टीबी मुक्त किया जा सके।
इस अवसर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ महेंद्र मोहन, बीएचएम कनीज फातमा, वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक (एसटीएस) विकास कुमार श्रीवास्तव, एलटी कुमार संजय किशोर, वर्ल्ड विजन इंडिया के जिला पर्यवेक्षक पंकज कुमार सिन्हा, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) आरती कुमारी, एएनएम सोनी कुमारी और नवीना कुमारी, परामर्शी खुशबू कुमारी पासवान सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे।
टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच कैंप का किया गया आयोजन: एसटीएस
वरीय यक्ष्मा पर्यवेक्षक (एसटीएस) विकास कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि समुदाय स्तर पर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच कैंप का आयोजन किया जा रहा है। जिसकी शुरुआत विगत महीने जिले के मांझी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से की गई। हालांकि यह कार्यक्रम अनवरत जारी रहेगा। क्योंकि टीबी मुक्त भारत का सपना देश के प्रधानमंत्री ने देखा है। उसको हर हाल में हमलोग पूरा करेंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के द्वारा उसका तत्काल रिपोर्ट मिल रहा है। हालांकि एक्स- रे के साथ- साथ उपस्थित लोगों की टीबी जांच के लिए उनका बलगम भी लिया जा रहा है। जिससे कि उनके टीबी ग्रसित होने की पहचान हो सके। इसके अलावा स्वास्थ्य जांच कैंप में उपस्थित लोगों का स्वास्थ्य जांच भी करते हुए उन्हें संबंधित बीमारियों से सुरक्षा के लिए आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई गई।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस युक्त मशीन से टीबी की पहचान करना हुआ आसान: जिला पर्यवेक्षक
वर्ल्ड विजन इंडिया के जिला पर्यवेक्षक पंकज कुमार सिन्हा ने अल्ट्रा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन यक्ष्मा विभाग दिल्ली से सारण जिला को मिला हुआ है, जिसका संचालन एवं क्रियान्वयन डब्लूजे क्विलंटन फाउंडेशन के सहयोग से वर्ल्ड विजन के द्वारा किया जा रहा है। हालांकि यह एक्स-रे मशीन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से लैस है, जिसके सहयोग से वैसे लोगों को टीबी की पहचान करना आसान है, जिनकी पहुंच अस्पताल तक नहीं हैं। जिसको लेकर सामुदायिक स्तर पर कैंप लगाकर उपस्थित लोगों का उसी स्थान पर अल्ट्रा पोर्टेबल एक्स-रे मशीन के द्वारा टीबी स्क्रीनिंग किया जा रहा है। टीबी बीमारी से ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए कैंप लगाया जा रहा है। कैंप के माध्यम से टीबी से ग्रसित व्यक्तियों की तत्काल पहचान सुनिश्चित करते हुए उन्हें टीबी से सुरक्षित करने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र द्वारा आवश्यक सुविधाएं सहित दवा उपलब्ध कराई जाएगी।
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