अपनी मांगों के समर्थन में काला बिल्ला लगाकर कार्य किए स्वास्थ्य संविदा कर्मी
श्रीनारद मीडिया, एम सावर्ण, भगवानपुर हाट, सीवान (बिहार):
कोरोना संक्रमण के वैश्विक संकट में अपनी जान की बाजी लगाकर दिन रात लोगों के स्वास्थ्य सेवा में जुटे स्वास्थ्य संविदा कर्मी लेकिन इन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा नहीं मिला है।स्वास्थ्य संविदा कर्मी संघ के आह्वान पर शुक्रवार को सीएचसी भगवानपुर हाट में तैनात स्वास्थ्य संविदा कर्मियों ने अपने मांगों के समर्थन में काला बिल्ला लगाकर कार्य किया।कोरोना संक्रमण में इन स्वास्थ्य संविदा कर्मी की मृत्यु होने पर कोई बीमा नहीं होने से मृत्यु होने के उपरांत कोई राशि नहीं मिलेगी और न ही आश्रित को कोई अनुकम्पा पर नौकरी मिलेगी।स्वास्थ्य प्रबंधक गुलाम रब्बानी ने बताया कि सरकारी कर्मी को कोरोनाकाल में मृत्यु होने पर पचास लाख रुपया,60 वर्ष तक उसके आश्रित को पूरा वेतन,तथा पेंशन,एक आश्रित को नौकरी दी जाएगी। जबकि स्वास्थ्य संविदा कर्मी को कोई व्यवस्था नहीं है। जबकि स्वास्थ्य संविदा कर्मी अपनी जान को जोखिम में डालकर कोरोना जांच, टीकाकरण,दवा वितरण, डाटा तैयार करने के कार्य मे लगे हुए है ।उन्होंने ने कहा कि संघ के आह्वान पर हमलोग 06 से 11 मई तक काला विला लगाकर कार्य करेंगे।यदि इतने दिनों में सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो संघ के आह्वान पर हमलोग 11 मई के बाद होम आइसोलेशन में चले जाएंगे।काला बिल्ला लगाकर कार्य करने वाले स्वास्थ्य संविदा कर्मियों में आरबीएस के डॉ. कुमारी स्मृति सुमन,डॉ वरुण कुमार,फार्मासिस्ट कौशलेंद्र कुमार सिंह,जितेंद्र कुमार,अनूप कुमार ठाकुर, बृजकिशोर प्रसाद,विजय कुमार आदि शामिल है ।
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