संभावित बाढ एवं उससे उत्पन्न जल-जनित महामारी की रोकथाम को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
• प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने दिया निर्देश
-बाढ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा दल के गठन के साथ ही शुद्ध पेय जल की होगी उपलब्धता
•गर्भवती महिलाओं के उपचार व शिशु टीकाकरण का होगा पुख्ता इंतजाम
श्रीनारद मीडिया, पंकज मिश्रा, छपरा (बिहार):
छपरा। कोरोना संक्रमण के बीच सरकार ने बाढ़ आने से पूर्व होने वाले जानमाल व उसके नुकसान की संभावना को देखते हुये विभिन्न तैयारियों को ससमय पुरा करने का निर्देश दिया है. इसके मद्देनजर स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने जिला प्रशासन व सिविल सर्जन को पत्र लिखकर आवश्यक कार्रवाई करने को कहा है, इसके तहत शुद्ध पेयजल, चिकित्सा दल का गठन, दवाओं की उपलब्धता, अस्थाई अस्पताल व नौका औषधायल की मुक्कमल व्यवस्था करने को कहा है. ताकि बाढ़ आने की स्थिति में किसी प्रकार की महामारी की संभावना को कम किया जा सके. इसके सफल कार्यान्वयन को लेकर डीएम की अध्यक्षता में महामारी रोकथाम समिति के गठन करने को कहा गया है. इसमें सदस्य के रूप में आरक्षी अधीक्षक, सिविल सर्जन, आपूर्ति विभाग, जिला आपदा प्रबंधन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पदाधिकारियों को रखने को कहा गया है.
गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करें:
पत्र के माध्यम से निर्देश दिया गया है कि पूर्व के अनुभवों के आधार पर संभावित क्षेत्रों में उपचारात्मक व निरोधात्मक कार्रवाई कर ली जाय. इसके अलावा अधिकारियों को पूर्व से ही गर्भवती महिलाओं को चिन्हित करने का निर्देश दिया गया है. ताकि विपरित परिस्थिति में प्रसव के दौरान सही समय पर आवश्यक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जा सके. साथ ही नवजात शिशुओं के टीकाकरण कार्यक्रम का भी सही से संचालन कर लेने को कहा है.
शुद्ध पेय जल की हो व्यवस्था
प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने मानसून से पूर्व शुद्ध पेयजल स्रोतों की पहचान को लेकर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को निर्देश दिया है. ताकि जनसाधारण को पानी की समस्या ने हो सके. इसके अलावा जलमाव होने पर पानी के शुद्धीकरण को लेकर क्लोरीन की टिकिया एवं ब्लीचिंग पाउडर की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है. साथ ही मच्छरों के प्रकोप से होने वाली बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, कालाजार फैलने की संभावना के मद्देनजर जिला मलेरिया पदाधिकारी के द्वारा नियमित रूप से डीडीटी का छिड़काव एवं फॉगिंग की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है.
चिकित्सा दलों का होगा गठन:
विभाग ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने को लेकर जिला एवं प्रखंड स्तर पर चिकित्सा दल का गठन कर लिया जाए. इसमें चिकित्सा पदाधिकारी के अलावा अन्य कर्मियों को सिविल सर्जन की ओर से नामित किया जाए. वही बाढ़ के पश्चात जल से होने वाले रोग जैसे अतिसार का सही समय पर उपचार न होने पर मृत्यु की संभावना अधिक रहती है. इसे लेकर लोगों को जागरूक करने के लिये आवश्यकत प्रचार- प्रसार पर ध्यान दिया जाए.
जरूरी दवाओं की उपलब्धता:
बाढ़ आने की स्थिति में पूर्व के अनुभव के आधार पर प्रभावित क्षेत्रों में जरूरी दवाओं की उपलब्धता को लेकर विभाग ने निर्देश दिया है. संबंधित क्षेत्रों में डायरिया आदि की रोकथाम को लेकर ओआरएस, एंटी डायरियल, ब्लीचिंग पाउडर, हैलोजन टेबलेट, एसभीएस, एआरभी का समुचित भंडारण कर लेने को कहा है. विभाग ने कहा है कि दवाओं की उपलब्धता बीएमएसआईसीएल से नहीं होने पर विभागीय नियमानुसार स्थानीय स्तर पर क्रय कर भंडारित कर लिया जाए.
अस्थायी अस्पताल की स्थापना:
विभाग ने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जिन क्षेत्रों में महामारी फैल रही है. उन जगहों पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, उप स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, पंचायत भवन आदि में अस्पताल अस्थाई अस्पताल खोली जाए. यह अस्पताल महामारी के नियंत्रण तक खुला रखने को कहा है. इसमें काम करने के लिये अस्थाई रूप से कर्मियों की प्रतिनियुक्ति करने का निर्देश दिया है, ताकि विपरीत परिस्थिति में आमजन को चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए.
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